फ़ेसबुक और ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है| वीडियो में एक चलती हुई मालगाड़ी पर तोपें लदी हुई हैं | इसके साथ दावा किया जा रहा है की जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना गोला बारूद भेज रही है | आपको बता दें यह दावा झूठा है |
इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है: "अफसल हम आ गए | स्वागत नहीं करोगे |" यह कैप्शन अफ़ज़ल गुरु की ओर इशारा करता है जो एक अलगाववादी था एवं 2001 में संसद पर हुए हमले के कारण उसे मौत की सजा हुई थी | गुरु को 2013 में फांसी हुई थी |
यह वीडियो उस वक़्त वायरल हो रहा है जब सरकार जम्मू और कश्मीर का नक्शा बदलने जा रही है | गृहमंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त को यह ऐलान किया की आर्टिकल 370 - जो जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस प्रदान करता है - हटा दिया जाएगा| इसके अलावा कश्मीर घाटी में इंटरनेट और फ़ोन सर्विसें भी बंद कर दी गयीं और साथ ही साथ श्रीनगर में धारा 144 भी लागू की गयी |
आप वीडियो नीचे एवं इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के स्क्रीनशॉट्स लिए और एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया और पाया की समान वीडियो क्लिप इसी वर्ष फ़रवरी में भी सोशल मीडिया पर शेयर की गयी थी | हालाँकि तब दावा कुछ और किया गया था | आप पुरानी पोस्ट्स नीचे देख सकते हैं |
वीडियो को फ़रवरी में समान दावों के साथ यूट्यूब पर भी शेयर किया गया है |
ऊपर दिख रहे सारे वीडियो फ़रवरी में शेयर किये गए थे | भारतीय वायु सेना ने आतंकी संगठन 'जैश-ए-मुहम्मद' के बालाकोट (पाकिस्तान) में स्थित ठिकानों को 26 फ़रवरी 2019 को ध्वस्त किया था |
बूम ने वीडियो को करीब से देखा | वीडियो के ख़त्म होते होते कैमरा एक मोटरसाइकिल पर फ़ोकस किया जाता है जिसमें बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर JK-02 दिख रहा है जो जम्मू शहर का रजिस्ट्रेशन नंबर है|
पिछली बार फ़रवरी में जब हमें समान वीडियो दिखा था तब हमने जम्मू के एक स्थानीय व्यक्ति से बात की थी | उसने बूम को बताया था, "यह विजयपुर क्रासिंग है, साम्बा कसबे के पास | यह वीडियो हाल ही में शूट किया गया है |"
हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से वीडियो के शूट होने की जगह नहीं पता कर पाया पर हम यह स्थापित करने में सक्षम रहे की वीडियो अभी हो रही राजनैतिक उथल पुथल से बहुत पुराना है |