फ़ेसबुक एवं ट्विटर पर एक तस्वीर अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो रही है| जहाँ फ़ेसबुक पर इस तस्वीर में दिख रहे लोगों को रोहिंग्या मुस्लिम का एक गुट बताया जा रहा है जो बच्चों का अपहरण करता है वहीं इसी तस्वीर को ट्विटर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पकड़े गए बच्चों का बताया जा रहा है जिन्हें बम बनाने की सामग्री रखने के जुर्म में पकड़ा है| आपको बता दें की तस्वीर के साथ किया जा रहे यह दावे झूठे हैं |
फ़ेसबुक पर इस तस्वीर के साथ कई दावे वायरल हो रहे हैं|
फ़ेसबुक पर किया गया पहला दावा: "भाईयो MP के रतलाम जिले के जावरा शहर से बच्चे पकङने वाले 25 आदमियो कि गेंग को पकङा गया है ---- सावधान मध्यप्रदेश में 500 से 2000 लोगों की अलग अलग रोहिग्या मुस्लिमो की टोली आई है उनके साथ महिलाएं और उनके पास हथियार भी है और वो 17 या 18 साल तक के लड़कों को पकड़ के ले जाते है स्कूल के आस पास से .. भोपाल पुलिस C.S.P."
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फ़ेसबुक पर वायरल दूसरा दावा: "भाईयो mp के रतलाम जिले के जावरा शहर से बच्चे पकङने वाले 25 आदमियो कि गेंग को पकङा गया है| आपके फोन मे जितने भी सम्पर्क है सभी को सेन्ड करे और सभी ग्रूप मे जरुर करे, ताकि सभी सचेत रहे और किसी का बच्चा इस तरह चोरी न हो"
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ट्विटर पर किया गया दावा: इस तस्वीर के साथ ट्विटर पर भी एक दावा वायरल है जिसमें तस्वीर में दिख रहे लोगों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र बताया जा रहा है एवं दावे में लिखा है: "आतंकवाद का नया अड्डा इलाहाबाद विश्वविद्यालय हाॅस्टल 25 छात्र बम बनाते पकड़े 58 कमरे सील मीडिया खामोश क्योंकि एक भी मुस्लिम नाम नही..!!!"
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा तो हमें इंडिया टुडे का एक लेख मिला जिसमें समान तस्वीर के साथ फ़र्ज़ी दावों का खंडन किया गया था| हमें फ़ेसबुक पर तरह-तरह के दावे मिले जिसके बाद हमने भोपाल पुलिस के प्रवक्ता नवीन वर्मा से संपर्क किया जिन्होंने इन दावों के बारे में जानकारी दी एवं बूम को विस्तृत रूप से पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया|
पिछले साल रोहिंग्या मुस्लिमों के ख़िलाफ़ वायरल सूचना फ़ैलाने के लिए एवं इस मामले में जहांगीराबाद [भोपाल] पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्ति के ख़िलाफ़ IPC 188 के तहत मामला दर्ज़ है - नवीन वर्मा, आधिकारिक प्रवक्ता, भोपाल पुलिस
भोपाल पुलिस के आधिकारिक प्रवक्ता नवीन वर्मा ने कहा, "भोपाल पुलिस ने इन दावों पर एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें इन संदेशों को फ़र्ज़ी बताया गया है| हमने ट्विटर पर भी हमारे आधिकारिक हैंडल पर इस एडवाइजरी को डाला है|" जब बूम ने उनसे पूछा की क्या CSP ने ऐसा कोई सन्देश जारी किया था तो उन्होंने कहा, "नहीं, यह दावा भी फ़र्ज़ी है एवं ऐसा कोई सन्देश जारी नहीं किया गया है|"
रोहिंग्या मुस्लिम के गुट के बारे में बताते हुए वर्मा ने यह भी कहा: "पिछले साल रोहिंग्या मुस्लिमों के ख़िलाफ़ वायरल सूचना फ़ैलाने के लिए जहांगीराबाद [भोपाल] पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्ति के ख़िलाफ़ IPC 188 के तहत मामला दर्ज़ है|" इस सन्दर्भ में नवीन वर्मा ने बूम को पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी एवं पुलिस दलों को चौकन्ना करने के लिए जारी सूचनाएं उपलब्ध करवाई|
नीचे आप मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यलय द्वारा जारी सूचना पढ़ सकते हैं:
ट्विटर पर वायरल दावा जो इस तस्वीर को इलाहबाद विश्वविद्यालय से जोड़ता है उसका सत्य यह है की इलाहबाद विश्वविद्यालय में कुछ महीनों पहले कई कमरों को बंद कर दिया गया था क्योंकि उनपर लोगों ने कब्ज़ा कर लिया था| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जो आधिकारिक तौर पर हॉस्टल में नहीं रह रहे थे उन्हें बाहर कर दिया गया| पुलिस की रेड के पहले छात्रों ने बमबाज़ी भी की थी परन्तु इस वायरल तस्वीर को इलाहबाद यूनिवर्सिटी की इन घटनाओं से जबरन जोड़ा जा रहा है|
क्या है वायरल तस्वीर का सच?
जो तस्वीर वायरल हो रही है वह रतलाम में देह व्यापार में पकड़े गए लोगों की है| इंडिया टुडे के लेख के अनुसार करीब 15 लड़के एवं 8 लड़कियां रतलाम में देह व्यापार में शामिल होने के आरोप में गिरफ़्तार हुए थे | इस घटना पर हमें मंदसौर सन्देश नामक एक वेबसाइट पर एक लेख मिला जिसमें घटना की विस्तृत जानकारी दी गयी है| नीचे आप देख सकते हैं|
सामान सन्देश राजस्थान में भी वायरल है
यही सन्देश राजस्थान में भी वायरल हो रहा है इस बार यह राजस्थान पुलिस के हवाले से आता है परन्तु यह झूठ है | फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ एक वीडियो किया गया है जिसमें एक शख़्स उसके बेटे का अपहरण होने से बचाने की कहानी मीडिया को सुना रहा है और साथ ही साथ किडनैपर के बारे में बता रहा है | वीडियो में बात कर रहा शख़्स ख़ुद को शास्त्रीय नगर का निवासी बताता है परन्तु शहर नहीं बताता | चुकी साथ में दावा जयपुर का किया गया है तो बूम ने जयपुर के शास्त्रीय नगर थाने में संपर्क किया | हमने थाना प्रभारी अमर सिंह से ऐसी कोई घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "नहीं, ऐसी कोई भी घटना हमारे थाने क्षेत्र में नहीं हुई है |"
हालांकि बूम को इस वीडियो का एक अगस्त से पुराना कोई ट्रेस नहीं मिला | वीडियो में यह भी साफ़ नहीं है की किस शहर में यह घटना हुई थी | सन्देश में समान कैप्शन है जिसमे लिखा है: "सावधान, जयपुर एवं उसके आस पास के इलाकों में रोहिंग्या मुस्लिमों की 500 से 2000 लोगों की अलग अलग टोली आयी है | उनके साथ महिलाएं एवं हथियार भी हैं | वो 17 - 18 साल के लड़कों को पकड़ के ले जाते हैं स्कूल के आस पास से | इसको आप सारे ग्रुप में शेयर करे | राजस्थान पुलिस CSP. Plz share it to other groups. "
इस सन्देश को खारिज करते हुए राजस्थान पुलिस ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने इस सन्देश को झूठा कहा है एवं आगे फॉरवर्ड ना करने का आग्रह किया है |