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फास्ट चेक

कर्नाटक में मुसलमानों द्वारा मारपीट के गलत दावे से जैन मुनि की तस्वीर वायरल

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि जैन मुनि पर हमले के दावे से शेयर की गई यह तस्वीर पुरानी है. उन्हें सड़क हादसे के दौरान चोट लगी थी.

By - Jagriti Trisha | 24 Jun 2024 11:12 AM GMT

Claim

सोशल मीडिया पर कर्नाटक में मुसलमानों द्वारा जैन मुनि पर हमले और उनसे जबरन 'कांग्रेस जिंदाबाद' के नारे लगवाने के दावे से एक तस्वीर शेयर की जा रही है. इस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने लिखा, 'कर्नाटक में उन्मादी भीड़ ने जैन मुनि की पिटाई की और कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगवाने के लिए टॉर्चर किया. उन्होंने पिटाई खा ली लेकिन नारा नहीं लगाया. नमन है जैन मुनि को, वरना आजकल तो लोग 8500 के लालच में अपना ईमान बेच देते हैं.' इसके अलावा यह तस्वीर मुसलमानों द्वारा जैन मुनि की पिटाई के सांप्रदायिक दावे से व्हाट्सएप पर भी फॉरवर्ड की जा रही है. बूम की टिपलाइन पर भी यह तस्वीर वेरीफाई करने की रिक्वेस्ट के साथ भेजी गई.

Fact

बूम ने अपनी जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया. असल में तस्वीर में दिख रहे जैन मुनि उपाध्याय मयंक सागर जी महाराज हैं. यह तस्वीर साल 2018 की है, जब कर्नाटक श्रवणबेलगोला त्योहार से वापस लौटते हुए एक सड़क दुर्घटना में उन्हें चोट लग गई थी. यह तस्वीर इससे पहले कई बार इन्हीं मिलते-जुलते दावों से वायरल हो चुकी है. बूम ने साल 2018 और साल 2023 में भी इसका फैक्ट चेक किया था. हमने अपने फैक्ट चेक के दौरान पाया कि 2018 में 'पोस्टकार्ड' नामक एक न्यूज वेबसाइट ने तस्वीर के साथ इसी तरीके का फर्जी सांप्रदायिक दावा किया था. इसके लिए कर्नाटक पुलिस ने मार्च 2018 में पोस्टकार्ड न्यूज के संस्थापक महेश हेगड़े के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था. उस समय हमें पुलिस कंप्लेंट की एक कॉपी मिली थी, जो पुरानी स्टोरी में देखी जा सकती है. कर्नाटक पुलिस ने 2018 में तस्वीर से संबंधित सही घटना की जानकारी भी दी थी. पुलिस के मुताबिक, जैन मुनि उपाध्याय मयंक सागर जी महाराज अपने भक्तों के साथ श्रवणबेलगोला त्योहार से वापस लौट रहे थे तभी रास्ते में नशे में धुत एक बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी थी. इस घटना में जैन मुनि समेत उनके साथ मौजूद लोगों को भी चोट आई थी. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें.


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