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फास्ट चेक

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार बताते सुधीर चौधरी का वायरल वीडियो डीपफेक है

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो की आवाज AI वॉइस क्लोन के इस्तेमाल से बनाई गई है.

By - Jagriti Trisha | 2 Jun 2024 12:04 PM GMT

Claim

सोशल मीडिया पर न्यूज एंकर सुधीर चौधरी का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपचार के लिए दवा का प्रचार करते दिख रहे हैं. फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा , 'सेलुलर स्तर पर पुरुष शक्ति को बहाल करने वाली लंबे समय से प्रतीक्षित दवा भारत में आ गई है. सभी के लिए पर्याप्त दवा नहीं है, ऑर्डर करने के लिए जल्दी करें.'

Fact

बूम ने अपनी जांच में इस वीडियो को फेक पाया. सुधीर चौधरी के इस वीडियो की आवाज AI वॉइस क्लोन के इस्तेमाल से बनाई गई है. बूम इससे पहले भी इस तरह के तमाम वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है, जिसमें इन न्यूज एंकर्स को डायबिटीज की दवाओं का प्रचार करते देखा गया था. इसमें सुधीर चौधरी, न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप, अर्नब गोस्वामी और रवीश कुमार के नाम शामिल हैं. हमने पाया था कि इन सभी के मूल वीडियो को एडिट कर उसमें नकली आवाजें जोड़ी गई हैं. लगभग एक मिनट के इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि सुधीर चौधरी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या पर बात करते हुए इसका समाधान बता रहे हैं. हमने पाया कि वीडियो की आवाज सुधीर चौधरी के होठों के मूवमेंट से मैच नहीं कर रही है. इससे हमें अंदेशा हुआ कि जिस प्रकार रवीश कुमार आदि न्यूज एंकर्स के डायबिटीज की दवा का प्रचार वाला वीडियो एडिट किया गया था, उसी प्रकार इसे भी किया गया है. आगे हमने सुधीर चौधरी के इस वीडियो की आवाज को डीपफेक डिटेक्शन टूल loccus.ai पर सर्च किया. इस टूल ने इसकी पुष्टि की कि वीडियो की आवाज AI जनित है. इससे साफ है कि सुधीर चौधरी के मूल वीडियो में AI वॉइस क्लोनिंग के जरिए नकली आवाज जोड़ी गई है. इससे पहले हमने हेमा मालिनी, अक्षय कुमार और योगी आदित्यनाथ समेत कई सेलिब्रिटीज के इस तरह के डीपफेक वीडियो का फैक्ट चेक किया है. रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.


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