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फास्ट चेक

पाकिस्तान में धर्मांतरण पर बोलते व्यक्ति के हिंदू सांसद होने का दावा गलत है

बूम ने पाया कि वीडियो में बोलते शख्स पाकिस्तान के पंजाब सूबे की प्रोविंशियल असेंबली के सदस्य हैं और ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते हैं.

By - Jagriti Trisha | 24 Jun 2024 1:35 PM IST

Claim

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के एक नेता का जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यकों के अधिकार को लेकर बोलने का वीडियो वायरल है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह एक हिंदू सांसद है जो पाकिस्तानी संसद में रहम की भीख मांग रहा है. फेसबुक पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने लिखा, 'कैसे एक पाकिस्तान का हिंदू सांसद हाथ जोड़ के पाक संसद में दया की भीख मांग रहा है कि हम पर रहम करो हमारी बेटियों को बक्श दो...यह वीडियो भारत देश के सेकुलर लोगों को समर्पित है. क्योंकि उन्हीं निरसता के कारण एक दिन हमारी पीढ़ी भी ऐसे ही दया की भीख मांगते नजर आएगी.'

   

Fact

बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया वीडियो में दिख रहे शख्स पाकिस्तानी संसद के हिंदू सदस्य नहीं बल्कि पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत के प्रोविंशियल असेंबली के सदस्य हैं, जो ईसाई धर्म से हैं. इससे पहले बूम 2023 में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है तब भी यह वीडियो इसी दावे से वायरल था. हमें 'PTV Parliament' नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 11 अगस्त 2022 का अपलोड किया हुआ वीडियो का ब्रीफ वर्जन मिला. इसमें 39 मिनट के बाद वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है. वीडियो में सुना जा सकता है कि पाकिस्तानी संसद में नेशनल असेंबली के स्पीकर व्यक्ति को तारिक मसीह गिल नाम से संबोधित कर रहे हैं. असल में तारिक मसीह गिल नेशनल असेंबली द्वारा आयोजित अल्पसंख्यक सम्मेलन में यह भाषण दे रहे थे. इस दौरान वह एक 12 साल की ईसाई लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन के बारे में बताते हुए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर बोल रहे थे. हमने इस अल्पसंख्यक सम्मेलन के बारे में भी सर्च किया. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पाकिस्तानी संसद के नेशनल असेंबली हॉल में अगस्त 2022 में पहली बार एक ‘माइनॉरिटी कनवेंशन’ का आयोजन किया गया, जिसमें अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. प्रोविंशियल असेंबली की आधिकारिक वेबसाइट पर भी तारिक मसीह गिल को पाकिस्तानी संसद का सदस्य नहीं बल्कि पंजाब प्रोविंशियल असेंबली का सदस्य बताया गया था, जो गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित सीट है. यहां भी इनका धर्म ईसाई ही बताया गया था. पूरा फैक्ट चेक नीचे पढ़ें. 


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