Claim
इजराइल-ईरान तनातनी और मध्यपूर्व एशिया में चल रही उथल-पुथल के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ मुस्लिम महिलाएं हाथ में तिरंगा लिए चल रही हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'हमारे राष्ट्रीय ध्वज की पावर, अब फिलिस्तीन में लोग और वहां की महिलाएं हाथ में तिरंगा लेकर फिलिस्तीन छोड़ रही हैं, क्योंकि इजरायल तिरंगे पर फायर नहीं करता. इजरायल ही नहीं इस समय इस धरती पर किसी देश की हिम्मत नहीं है जो तिरेंगे पर फायर कर दे!! जय हिंद, जय श्री राम.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अगस्त 2023 का इराक के कर्बला शहर में की गई 'अरबाईन यात्रा 2023' (Arbaeen Walk) का है. इस वायरल वीडियो को फैक्ट चेक बूम अक्टूबर 2023 में भी कर चुका है. उस वक्त हमें वायरल वीडियो का मूल वीडियो फलक हक नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला था. इस वीडियो को फलक हक के पति अली हक ने शूट किया था.
अली ने बूम को बताया था, "हम 30-31 अगस्त को नजफ से कर्बला शहर के लिए निकले और 1 सितंबर को वहां पहुंचे. मेरी पत्नी इस वीडियो में दाहिने कोने में काले बैग के साथ है. मैंने यह वीडियो शूट किया और मेरी पत्नी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया. "
उन्होंने आगे कहा, "ऐसे लाखों लोग हैं जो एक ही समय में तीर्थयात्रा करते हैं और चूंकि भारत से कई समूह थे, इसलिए हम भारतीय झंडा ले जा रहे थे. दूसरे देशों के लोग भी अपना-अपना झंडा लेकर चल रहे थे. इसका फिलिस्तीन या इजरायल से कोई संबंध नहीं है. मैं और मेरी पत्नी कर्नाटक के बीदर शहर से हैं और अब हम घर वापस आ चुके हैं."
बता दें कि 'अरबाईन यात्रा' पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत की गम में की जाती है. इमाम हुसैन ने कर्बला में यजीद सेनाओं के खिलाफ 680 ई. में लड़ाई लड़ी थी और उस युद्ध में वह शहीद हो गए थे. 'अरबाईन यात्रा' इराक के दो बड़े मजहबी शहरों नजफ और कर्बला के बीच होती है. नजफ में इमाम हुसैन के पिता हजरत अली की दरगाह है. हर साल, दुनिया भर से मुख्यता लाखों शिया मुसलमान और अन्य धर्मों के लोग इसमें शामिल होते हैं. पूरी रिपोर्ट यहां नीचे पढ़ें-