Claim
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में वह आंदोलनों को लेकर प्रधानमंत्री के रुख की आलोचना करते दिख रहे हैं. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि गडकरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं.
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि 15 अगस्त 2011 का है. नितिन गडकरी उस समय बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना करते हुए यह बयान दिया था. बूम को अपनी पड़ताल के दौरान इससे संबंधित कीवर्ड्स के जरिए भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 16 अगस्त 2011 का अपलोड किया गया फुल वीडियो मिला. हमने पाया कि मूल वीडियो में गडकरी स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए मनमोहन सिंह के भाषण में अन्ना आंदोलन पर टिप्पणी की आलोचना कर रहे थे. असल में अपने भाषण में मनमोहन सिंह ने अन्ना आंदोलन के संदर्भ में कहा था कि यहां कोई जादू की छड़ी नहीं है. उन्होंने मसले को सुलझाने के लिए भूख हड़ताल को एक निंदनीय तरीका बताया था. दरअसल, समाजसेवी अन्ना हजारे 16 अगस्त 2011 से भ्रष्टाचार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठने वाले थे. इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए गडकरी ने 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' का हवाला देकर मनमोहन सिंह की आलोचना की थी. यह वीडियो फरवरी 2021 में भी वायरल हुआ था, जब पीएम मोदी ने संसद में 'आंदोलनजीवी' शब्द का इस्तेमाल किया था. उस वक्त इसके साथ दावा किया जा रहा था कि नितिन गडकरी ने 'आंदोलनजीवी' कहने पर पीएम मोदी की आलोचना की है. बूम ने तब भी इसका फैक्ट चेक किया था और इस दावे को गलत पाया था. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें-