Claim
“कोलकाता में काली मठ मंदिर में पूजा रोकने के लिए चिल्लाते हुए हजारों की तादाद में मलिच्छ कौम (मुस्लिम), यह वही मठ है जहां श्री रामकृष्ण परमहंस जी द्वारा की जाती थी पूजा । अब ये (तथाकथित शांति प्रेमी) मंदिरों को बंद कराने की मांग कर रहे हैं। यह हमारे अपने देश में क्या हो रहा है? हम कहाँ है? भारत के लोग अपनी लंबी नींद से जल्द ही जागें और देखें कि हमारे आसपास क्या हो रहा है”
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. असल में, यह वीडियो कोलकाता से नहीं बल्कि बांग्लादेश के चटगांव डिवीजन में फेनी शहर की एक घटना को दर्शाता है. 17 अक्टूबर 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, जिला पूजा उत्सव परिषद ने ट्रंक रोड पर एक काली मंदिर के सामने एक मानव श्रृंखला कार्यक्रम शुरू किया था. इस बीच नमाज़ के बाद बोरो मस्जिद (फेनी सेंट्रल जामे मस्जिद) से निकले कुछ लोगों की मानव श्रृंखला के सदस्यों के साथ झड़प हो गई थी. बाद में, पुलिस ने हालात पर क़ाबू पा लिया. बूम पहले भी इस वायरल दावे को ख़ारिज कर चुका है.