Claim
“येरुशलम में अमेरिकी दूतावास के विरोध प्रदर्शन के दौरान शनिवार को एक इजरायली पुलिस कर्मी ने एक फिलीस्तीनी बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी. लड़के ने मरने से पहले कलमा-ए-शहादत भी पढ़ी. यह विडियो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड नहीं हो रहा है. मैं मानता हूं कि आवाज को दबाने वाले साम्राज्यवादी लोग अपने मकसद में पूर्णतया सफल हैं.”
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. बूम पहले भी इस वीडियो का फ़ैक्ट चेक कर चुका है. तब, हमने पाया था कि वीडियो फ़रवरी 2015 का है जब स्वीडन के एक रेलवे स्टेशन पर वहां के निजी सुरक्षा गार्डों ने कथित तौर पर ट्रेन टिकट के बिना यात्रा करने के लिए एक 9 वर्षीय लड़के के साथ मारपीट की थी. सुरक्षा गार्डों ने उस लड़के और उसके 12 वर्षीय दोस्त को हिरासत में लिया था. इस वीडियो का संबंध यरूशलम की किसी भी घटना से नहीं है. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें