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मॉकड्रिल का पुराना वीडियो मध्यप्रदेश में किसानों को गोली मारने के झूठे दावे से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो नवंबर 2017 में झारखण्ड पुलिस द्वारा आयोजित की एक मॉक ड्रिल का है, जो ट्रेनिंग का एक हिस्सा थी.

By - Rohit Kumar | 13 Nov 2023 1:18 PM IST

Claim

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिस के जवान नागरिकों पर फायरिंग करते हुए नज़र आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वीडियो तब का है जब 6 जून 2017 को मध्यप्रदेश के मंदसौर में हो रहे किसान आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों पर गोलियां चलवा दी थीं, जिससे पुलिस की फ़ायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी. सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो को प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव से जोड़कर शेयर करते हुए कह रहे हैं कि वोट देने से पहले इस घटना को याद कर लेना.

Fact

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. वीडियो नवंबर 2017 में झारखण्ड पुलिस द्वारा खूंटी में आयोजित की एक मॉक ड्रिल का है, जो ट्रेनिंग का एक हिस्सा थी. बूम इससे पहले भी इस वीडियो को अक्टूबर 2022 में फैक्ट चेक कर चुका है. बूम को पड़ताल के दौरान वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन वाला वीडियो भी मिला था. वीडियो के आखरी भाग में एक ऐलान भी किया गया था. इस ऐलान में कहा गया कि "यह केवल एक डेमो था, जिसमें खूंटी पुलिस ने सक्रियता दिखाई इसी तरह किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए हमारी पुलिस हमेशा तत्पर है, तैयार है." हांलाकि यह सही है कि मंदसौर में 6 जून 2017 को किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. नई दुनिया न्यूज़ वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार हिंसा में कुल 25 ट्राले-ट्रक, 1 चेसिस, 2 हाइड्रा मशीन, 69 बोलेरो इंजिन, 6 आटो, 21 ट्रैक्टर, 67 कार, जीप, पिकअप, 1 एंबुलेंस, 1 फायर बिग्रेड वाहन, 158 मोटसाइकल फूंक दी गई थी. वहीं हिंसा को नियंत्रित करने के दौरान पुलिस की फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो का उपरोक्त घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है. पूरी स्टोरी नीचे पढ़ें

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो नवंबर 2017 में झारखण्ड पुलिस द्वारा आयोजित की एक मॉक ड्रिल का है, जो ट्रेनिंग का एक हिस्सा थी.

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