Claim
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल (आर्काइव) है, जिसमें टोपी लगाए कुछ लोग सशस्त्र बलों की एक गाड़ी को रोकते नजर आ रहे हैं. यूजर वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में सेना के एक घायल सैनिक को अस्पताल ले जा रही गाड़ी को रोक दिया गया.
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा दावा गलत है. वीडियो मार्च 2021 में बांग्लादेश के चटगांव में हुए एक विरोध प्रदर्शन का है. बूम इससे पहले भी अप्रैल 2021 और जून 2023 में इस वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है. तब बूम ने पाया था कि वीडियो बांग्लादेश के चटगांव के हथहजारी का है.
मार्च 2021 में नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा के दौरान कुछ विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें एक इस्लामिक कार्यकर्ता समूह और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. हमें फेसबुक पर एक लाइव वीडियो भी मिला था, जिसमें चटगांव के हथहजारी में रंगमती रोड पर स्थित अल हेरा तहफीजुल कुरान इस्लामिक अकादमी को देखा सकता था. बूम बांग्लादेश ने भी इसकी पुष्टि की थी.
इसके अलावा बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में सेना के वाहन पर वाहन पंजीकरण संख्या बांग्ला में लिखी है. जवानों के कंधे पर बांग्लादेश आर्मी का बैज है और बांग्लादेश आर्मी मेडिकल कोर (एएमसी) के एक जवान को एम्बुलेंस में बैठे हुए भी देखा जा सकता है. स्पष्ट है कि वीडियो भारत का नहीं बांग्लादेश का है. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें -