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फ़ास्ट चेक

अरविंद केजरीवाल के कोटा के तहत IIT में दाखिले का झूठा दावा फिर से वायरल

आईआईटी खड़गपुर ने जुलाई 2016 में एक RTI का जवाब देते हुए स्पष्ट किया था कि अरविंद केजरीवाल की जेईई रैंकिंग 563 थी.

By - Jagriti Trisha | 5 April 2024 1:00 PM GMT

Claim

सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से संबंधित तस्वीर को शेयर करते हुए दावा (आर्काइव लिंक) किया जा रहा है कि केजरीवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की परीक्षा पास नहीं की. उनका एडमिशन कॉर्पोरेट कोटा के जरिए हुआ था. वायरल पोस्ट में आईआईटी खड़गपुर का एक कथित दस्तावेज है. इसके साथ एक टेक्स्ट भी है जिसमें लिखा है कि 'आरटीआई के जवाब में आईआईटी खड़गपुर ने बताया है कि अरविंद केजरीवाल को आईआईटी में दाखिला जेईई परीक्षा के आधार पर नहीं बल्कि कॉर्पोरेट कोटा के जरिए मिला था. (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)'

Fact

बूम ने पाया कि वायरल दावा फर्जी है. वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने कीवर्ड सर्च के जरिए मीडिया रिपोर्ट्स की तलाश की. आईआईटी खड़गपुर में स्नातक अध्ययन और प्रवेश के पूर्व डीन, राजेंद्र सिंह ने मई 2016 में टाइम्स ऑफ इंडिया (आर्काइव लिंक)को बताया था कि आईआईटी जेईई डेटा तीन साल बाद नष्ट हो जाता है, जिससे संस्थान पहले की रैंकिंग मुहैया कराने में असमर्थ हो जाता है. उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि तब प्रवेश के लिए कॉर्पोरेट कोटा आरक्षण नहीं हुआ करता था. 10 जुलाई 2016 की डेक्कन हेराल्ड (आर्काइव लिंक) की एक रिपोर्ट में बताया गया कि संस्थान ने केजरीवाल की जेईई रैंकिंग पर एक और आरटीआई जांच का जवाब दिया था, जहां उनकी ऑल इंडिया रैंक 563 बताई गई थी. आगे हमें एबीपी न्यूज (आर्काइव लिंक) के फेसबुक पर एक वीडियो रिपोर्ट मिली, आईआईटी खड़गपुर के पूर्व रजिस्ट्रार प्रदीप पायने ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए यह बताया था कि केजरीवाल की रैंक 563 थी और जिंदल समूह के लिए कोई कोटा प्रदान नहीं किया था. असल में यह दावा इससे पहले अप्रैल 2023 में भी वायरल था और बूम ने तब भी इसका फैक्ट चेक किया था. बूम को उस समय आईआईटी खड़गपुर के उप रजिस्ट्रार और जन सूचना अधिकारी अनाथबंधु पात्रा द्वारा अभिषेक मोदक नाम के एक व्यक्ति को भेजे गए आरटीआई जवाब की एक कॉपी मिली थी. कॉपी में इसका उल्लेख किया गया था कि केजरीवाल की आईआईटी जेईई रैंकिंग 563 थी. बूम ने उस समय 'एक्स' के जरिए से अभिषेक मोदक से भी संपर्क किया था, जिन्होंने इसकी पुष्टि की कि आरटीआई की प्रतिक्रिया विश्वसनीय है. पूरा फैक्ट चेक नीचे पढ़ें.


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