Claim
“कसाब की फाँसी रुकवाने के लिए जिन 302 लोगों ने साइन किया था, उसमें से एक अखिलेश भैया भी थे, सोचा याद दिला दूं”
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. अजमल कसाब की फांसी रुकवाने के लिए दया याचिका डालने वाले अधिवक्ता युग चौधरी ने स्वयं इसका खंडन किया है. उन्होंने कसाब की दया याचिका में अखिलेश यादव का साइन होने से इंकार कर दिया. इसके अलावा सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज काका ने भी वायरल दावे को भ्रामक और तथ्यहीन बताया.