सुरक्षा बलों के जवानों का एक वीडियो - जिसे देख कर प्रथम दृष्टया ये लगता है की इसमें जवानो को टीयर गैस प्रशिक्षण दिया जा रहा है - फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है | सोशल मीडिया पर यह क्लिप इस दावे के साथ शेयर की जा रही है की ये भारतीय सेना द्वारा किया गया जातिगत अत्याचार है। आपको बता दे, यह दावा झूठा है।
45 सेकंड लंबे इस वीडियो में मिलिट्री वर्दी पहने कुछ लोग जमीन पर बैठे हैं और दो व्यक्ति कैनिस्टर से धुआँ छोड़ते हैं। कुछ सेकंड तक धुआँ सहने के बाद यूनिफार्म पहने लोग खांसने लगते हैं ।
फिर एक और व्यक्ति नीचे बैठे पुरुषों के इर्द गिर्द घूमकर गैस के कैनिस्टर से धुआँ छोड़ता हैं। इस व्यक्ति के जम्पर के पीछे 'कमांडो' लिखा है। वायरल वीडियो के साथ अंग्रेजी में कैप्शन है, जिसका अनुवाद है: 'भारतीय सेना ने रासायनिक हमले की कवायद की - कोई सुरक्षात्मक उपकरण, कोई परिशोधन उपाय नहीं, अमानवीय! क्या ये सैनिक भारत में नीची जाति के सदस्य हैं?'
वायरल वीडियो को नीचे देखें और इसका आर्काइव यहां और यहां देखें।
Indian army conducts chemical attack drill -
— Eva Zheng 郑怡斌 عائشة (@evazhengll) June 30, 2020
no protective equipment, no decontamination measures, inhuman!
Are these soldiers the lower caste members in India?
阿三的防化学武器攻击训练,毫无人性的对待低种姓士兵 pic.twitter.com/uZ4wWZoIy9
इसी वीडियो को दूसरे ट्विटर हैंडल से अलग दावे के साथ शेयर किया गया है। इसका अनुवाद है: 'इस तरह नेपाली गोरखा सैनिकों के साथ भारतीय सेना बर्ताव करती है। उन्हें सबसे बहादुर योद्धा के रूप में जाना जाता है लेकिन उनके साथ नीची जाति के सैनिकों जैसा बर्ताव होता है। यह बिना किसी सुरक्षात्मक उपकरण के एक रासायनिक हमला ड्रिल है। इससे स्थायी नुकसान हो सकता है।
This is now Nepali Gorkha soldiers are treated by the Indian Army. They are known as the bravest warriors but they are treated as lower caste soldiers.
— 美麗的男 何金濤 🇨🇳🇵🇰🇳🇵🇧🇩🇦🇫🗨 (@CNPakWW) June 30, 2020
This is a chemical attack drill without any protective equipment. It can cause permanent damage. pic.twitter.com/7Z1z5eiN1i
इस ट्वीट को नेपाली ट्विटर हैंडल से भी कोट-ट्वीट किया गया है।
Shame on terrorist indian Army. Don't worry, we'll retaliate soon.🇳🇵 https://t.co/Is9qDoz6Q8
— Irmak Idoya इरमक ईड्या🇳🇵 (@Irmaknepal) June 30, 2020
वीडियो को इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया है। (आर्काइव)
फ़ैक्ट चेक
वीडियो के कई फ्रेमों पर रिवर्स इमेज सर्च का कोई नतीजा नहीं निकला। फिर बूम ने ट्वीट के नीचे कमैंट्स पढ़े, जहाँ कई ट्विटर यूज़र्स ने इसे कमांडोज़ के लिए किया गया टीयर गैस प्रशिक्षण बताया था।
वीडियो में दिख रहे एक व्यक्ति के जम्पर के पीछे 'कमांडो' लिखा भी है।
हमने 'Commando tear gas training' ('कमांडो टीयर गैस प्रशिक्षण') के साथ कीवर्ड सर्च किया और वायरल वीडियो से मिलता-जुलता एक वीडियो पाया। यह क्लिप यूट्यूब पर सितंबर 1, 2019 को डाला गया था। इसका शीर्षक है: 'NSG Commando Training by Tear gas' ('NSG कमांडो की टियर गैस के साथ ट्रेनिंग')
वीडियो नीचे देखें:
वीडियो में पुरुषों का एक समूह दिखाई देता है, जिसने सेना के कपड़े पहने है। उनकी पीठ पर सीरियल नंबर हैं और उनपर भी टीयर गैस छोड़ा जा रहा है, जैसा वायरल वीडियो में दिखाया गया है । वीडियो में एक व्यक्ति को पुरुषों को यह 'देखकर अपनी नाक बंद' करने और 'नहीं दौड़ने' जैसे निर्देश देते सुना जा सकता है।
भारतीय सेना के भीतर एक स्रोत ने पुष्टि की कि वीडियो एक ड्रिल की तरह लग रहा है। "मुझे ये एक प्रशिक्षण वीडियो जैसा लग रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि सेना है या कोई अन्य भारतीय बल। निहित संदेश निश्चित रूप से दुर्भावनापूर्ण है," उन्होंने बूम से कहा। यह पूछे जाने पर कि क्या वायरल क्लिप में दिख रहे पुरुष भारतीय सैनिक थे, उन्होंने कहा, "हां। इसकी अधिक संभावना है।"
हमें 4 जुलाई, 2018 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो भी मिला जिसमें एक समान प्रशिक्षण दिखाया गया है। वीडियो का वर्णन दिया है: 'NSG black cat commando traning {tear gas}' ('एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो ट्रेनिंग {टीयर गैस}')।
वीडियो नीचे देखें:
इसमें भी पुरुषों के पीठ पर सीरियल नंबर हैं। एक-दो बार उन्हें "कमांडो" कहकर भी बुलाया जाता है।
बूम वायरल वीडियो के स्रोत और स्थान को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका। हम यह भी पुष्टि नहीं कर सकते कि वीडियो भारतीय सेना ही के सैनिकों को दिखाता है या नहीं। हालांकि, भारतीय सैनिकों के दो अन्य समान वीडियो से लगता है कि यह एक प्रशिक्षण व्यवस्था का ही हिस्सा है।