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भीड़ और पुलिस की बहस का वीडियो अंग तस्करी के झूठे दावों के साथ वायरल

बूम ने पाया की भीड़ कोविड-19 पॉजिटिव लोगों को इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन करने से सिविक अधिकारियों को रोक रही थी

By - Shachi Sutaria | 24 July 2020 1:11 PM GMT

मुंबई के मलाड के अंदर आने वाले एक गांव मनोरी में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हो रही बहस का एक वीडियो वायरल है | व्हाट्सएप्प पर इसे इन फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है की मामला कोविड-19 के मृत लोगों की अंग तस्करी का है और यह भी की बहस इस अंग तस्करी रैकेट का भांडा फूटने के बाद हुई थी | आपको बता दें की बहस हुई ज़रूर थी, पर मामला अंग तस्करी का नहीं है |

बूम ने पाया की मनोरी गांव में अब तक 4 कोविड-19 मामले सामने आए हैं | उनमें से एक ठीक हो गया है और एक भी मृत्यु नहीं हुई है | मनोरी गांव मुंबई से जुड़ा हुआ है और बृहन्मुम्बई म्युनिसिपल कारपोरेशन या बीएमसी के अंदर आता है | यह मीरा-भायंदर द्वारा मुंबई से जुड़ता है |

यह भी पढ़ें: पटना के महावीर कैंसर संस्थान में मरीज़ों की भीड़ का वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल

इस गांव में पहुंचने का तेज़ रास्ता 15 मिनट की फेरी राइड है जो मर्वे जेटी से जाती है | यह मलाड में है | वीडियो में सिविक और पुलिस अधिकारियों को भीड़ ने घेरा हुआ है | अधिकाई गांव में स्थानीय लोगों को समझाने गए थे की कोविड-19 पॉजिटिव और पड़ोसियों को क्वारंटाइन करना चाहिए | सिविक अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से यह भी कहा की कोविड-19 मरीज़ों को बीएमसी हॉस्पिटल में ले जाने दिया जाए | बात मानने के बजाए गांव वालों ने इस कदम का विरोध किया | बूम ने दो अलग अलग बीएमसी अधिकारियों से बात कर घटनाओं की शृंखला बनाई |

इस वीडियो के साथ कैप्शन एक अलग कहानी कहता | यह दावा करता है की एक कोविड-19 मरीज़ की मौत के बाद जब उसके परिवारजन को शव मिला तो उस शख्स के कई अंग गायब थे | इस घटना के दो अलग अलग वीडियो वायरल हो गए जो हिंदी, अंग्रेजी और मराठी कैप्शन के साथ वायरल हैं |

हिंदी में एक रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट वायरल है जो कहता है 'मुम्बई: मुम्बई के माटी गांव में कोरोना पेटेंट के मटने के बाद उस व्यक्ति की डेड बॉडी को नहलाते वक्त समझ आया कि मृत इंसान के बॉडी से सभी महत्वपूर्ण अंग किडनी लिवर हार्ट और गायब है।"

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भारतसत्य न्यूज़ जिसके करीब 15,000 फॉलोवर्स हैं और सिटीलाइव टीवी चैनल ने भी इन्ही दावों के साथ वीडियो फ़ेसबुक पर साझा किया है | एक ने तो यह भी दावा किया है की उनके रिपोर्टर ने घटना को कवर किया है | आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |

एक फ़ेसबुक यूज़र ने दो और वीडियो अपलोड किया जो इसी घटना के है | कई लोगों ने कमेंट में दावों को गलत बताया तब भी वीडियो उन्ही दावों के साथ ऑनलाइन है |


वास्तविकता क्या है?

मनोरी गांव में कुछ दिन पहले तीन नए कोविड-19 मामले सामने आए हैं | उस इलाके की कॉर्पोरेटर गीता भंडारी के अनुसार यह बहस तब हुई जब स्थानीय लोग बीएमसी अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं दे रहे थे जो वहां मरीज़ों को देखने गए थे |

"पुलिस को बुलाना पड़ा जब पॉजिटिव मरीज़ों के पड़ोसियों ने क्वारंटाइन होने से मना कर दिया | पुलिस इसलिए आयी थी," भंडारी ने कहा |

इन तीन में से दो लोग मलाड के एक इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन फैसिलिटी में है और एक घर पर ही क्वारंटाइन किया गया है | चौथा व्यक्ति जो पहले पॉजिटिव आया था, अब ठीक है | यह गांव गोराई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है |

संजीव नारकर, सीनियर इंस्पेक्टर गोराई ने बूम को बताया की यह वायरल मैसेज गलत और निराधार हैं | "पुलिसकर्मी सिविक ऑफिसर्स के साथ इसलिए गए थे क्योंकि वहां के निवासी अपने घर से दूर जाने का विरोध कर रहे थे," नारकर ने कहा |

नारकर ने आगे बताया की बीएमसी ने शव मैनेज करने के लिए प्रोटोकॉल जारी की है | "शव को लपेटा जाना है | कई परिवारजान खुद सेल्फ-क्वारंटाइन में होने के कारण शव नहीं ले पा रहे हैं | यह अंग तस्करी की बात आ भी कहाँ से रही है?," नारकर ने कहा |

मनोरी गांव बीएमसी के P/North वार्ड में आता है |

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