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फैक्ट चेक

कोलकाता पुस्तक मेला: बीजेपी कार्यकर्ताओं-छात्रों के झगड़े से जोड़ कर गलत तस्वीरें वायरल की गई

बूम ने पाया कि तस्वीर मूल रूप से दिल्ली के मुखर्जी नगर की थी जहां एक सिख़ टेम्पो ड्राइवर ने तलवार से पुलिस पर हमला किया था |

By - SK Badiruddin | 11 Feb 2020 1:13 PM GMT

ट्वीटर पर एक ज़ख़्मी शख़्स की परेशान कर देने वाली तस्वीर वायरल हो रही है । तस्वीर में शख़्स की पसलियों पर गहरे चोट के निशान नज़र आ रहे हैं । दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले से है, जहां एक छात्र पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर फ़ॉर सिटिज़न्स (एनआरसी) का विरोध करने पर हमला किया गया था।

तस्वीर में शख़्स के जख़्मी शरीर को देखा जा सकता है।

ट्वीट में दावा किया गया है कि पुस्तक मेले परिसर में एक छात्र द्वारा नए नागरिकता अधिनियम के ख़िलाफ़ नारे लगाने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) के सदस्यों ने उस पर हमला किया। हमले में छात्र बुरी तरह घायल हो गया। ट्वीट में आगे कहा गया है कि कोलकाता पुलिस ने हमलावरों का समर्थन किया।

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ख़बरों के मुताबिक, शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों और बीजेपी समर्थकों के बीच हाथापाई हुई। यह तब शुरू हुआ जब भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने मेले में एक बीजेपी के स्टॉल का दौरा किया और लेफ्ट-समर्थित छात्र संगठन (स्टूडेंट्स फ़ेडेरेशन ऑफ इंडिया) के समूह ने उन्हें घेर लिया और सीएए के ख़िलाफ़ नारे लगाए। बिधाननगर पुलिस ने घटना की पुष्टि की और कहा कि पांच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था।

बूम ने पाया कि यह तस्वीर मूल रूप से जून, 2019 की है और तब ली गई थी जब दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक सिख़ ड्राइवर और पुलिस के बीच गाड़ी में खरोंच लगने के कारण हाथापाई हुई थी और जिसके बाद ड्राइवर ने पुलिस पर तलवार से हमला किया था।

ट्वीट के अर्काइव के लिए यहां क्लिक करें।

ट्वीट में लिखा है: कोलकाता पुस्तक मेले में, बीजेपी-आरएसएस के गुंडों और कोलकाता पुलिस ने सीएए- एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए छात्रों पर हमला किया। एक तरफ ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के नेता खुद को बीजेपी विरोधी बताते हैं और दूसरी तरफ, टीएमसी सरकार लगातार मोदी सरकार के खिलाफ सभी गतिविधियों को दबा रही है।

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तस्वीर को फ़ेसबुक पर मिलते जुलते दावों के साथ शेयर किया गया था, जिसे अब हटा दिया गया है। यूज़र ने असंबंधित तस्वीर शेयर करने के लिए स्पष्टीकरण जारी किया है।

चेतावनी: परेशान करने वाली तस्वीर


फ़ैक्ट चेक

बूम ने रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह फ़ोटो मूल रूप से दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके की है, जहां गाड़ी में खरोंच लगने के कारण कमर्शियल गाड़ी के ड्राइवर और पुलिस के बीच हाथापाई हुई थी। पुलिस ने कथित तौर पर चालक और उसके बेटे की पिटाई की, जिन्होंने उन्हें तलवार दिखा कर धमकी दी थी।

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इस घटना के बाद सिख समुदाय के सदस्यों ने कथित ज़्यादती के ख़िलाफ़ मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।

चोट की तस्वीर डेली पोस्ट और डेलीसिख के समाचार रिपोर्ट में भी प्रकाशित की गई थी।

( डेली पोस्ट द्वारा जून 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट।)

इसी तस्वीर को आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया रणनीतिकार अंकित लाल ने भी ट्वीट किया था।


हिंदुस्तान टाइम्स के एक अंश में लिखा है, "पुलिस ने कहा कि सिख समुदाय से संबंध रखने वाला चालक और उसके किशोर सहयोगी ने मौके पर एक पीसीआर कर्मियों के साथ बहस शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि तर्क-वितर्क बढ़ गया, शख़्स ने तलवार निकाल ली और पुलिस कर्मी ने बैकअप के लिए अपने साथियों को बुलाया। पुलिस के अनुसार, उसकी मदद के लिए आए दर्जनों पुलिसकर्मियों पर उस शख़्स ने हमला करने की कोशिश की। जबकि उसके सहयोगी ने कथित तौर पर ग्रामीण सेवा वाहन में भागने की कोशिश की और इस प्रक्रिया में गाड़ी एक पुलिसकर्मी के पैरों पर चढ़ गयी। बाद में उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कथित रूप से तलवार से हमला किए जाने के बाद पुलिसकर्मियों में से एक को सिर में गहरी चोट लगी।"

दिल्ली पुलिस ने बाद में एक बयान जारी करते हुए कहा, "कथित घटना के बाद एक ग्रामीण सेवा टेम्पो और पुलिस वाहन को दुर्घटना का सामना करना पड़ा। इसके बाद, एक पुलिस अधिकारी पर टेम्पो चालक द्वारा तलवार से सिर पर हमला किया गया। इसके अलावा, टेम्पो को ख़तरनाक तरीके से चलाया गया और एक पुलिसकर्मी के पैरों चोटें आईं ।"

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सिख ड्राइवर की पिटाई करने वाली घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था।

एनडीटीवी द्वारा घटना की एक रिपोर्ट नीचे देखी जा सकती है।

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