उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में बाबासाहेब आंबेडकर की एक मूर्ति के टुकड़ों को दिखाने वाली दो तस्वीरों का एक सेट फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रहा है। इन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि इस तोड़फोड़ के पीछे दिल्ली के सीलमपुर में रहने वाले मुसलमानों का हाथ है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली का सीलमपुर इलाका उन इलाकों में से है जहाँ हाल में सांप्रदायिक दंगे हुए हैं।
तस्वीरों के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, "जय भीम जय मीम का नारा लगाकर दलित मुस्लिम एकता का ढोल पीटने वालों देखों दिल्ली सीलमपुर में बाबा साहेब अंबेडकर जी को भी नही छोड़ा मुस्लिमों नें।"
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पोस्ट को ट्वीटर और फेसबुक पर व्यापक रूप से शेयर किया गया है। उनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं|
फ़ैक्ट चेक
हमने तस्वीरों के सेट में से एक पर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें 26 फ़रवरी, 2020 से सोमवीर सिंह नामक यूज़र का ट्वीट मिला, जिसमें यही फ़ोटो शामिल था। उन्होंने अपने ट्वीट पर उत्तर प्रदेश पुलिस और सुल्तानपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल को टैग किया था। उन्होंने हिंदी में घटना का विवरण भी लिखा।
विवरण: कल दिनांक 25/2/2020 को ग्राम सभा कटघर, में बाबा साहेब की प्रतिमा कुछ सरारती तत्वों द्वारा तोड़ी गई है आपसे निवेदन है कृपया ऊचित कार्यवाही करें। @Uppolice, @112UttarPradesh @dgpup, ग्राम सभा कटघर, चौहान थाना करौदी कला, कादीपुर, सुलतानपुर उत्तर प्रदेश।
कल दिनांक 25/2/2020 को ग्राम सभा कटघर, में बाबा साहेब की प्रतिमा कुछ सरारती तत्वों द्वारा तोड़ी गई है आपसे निवेदन है कृपया ऊचित कार्यवाही करें। @Uppolice@112UttarPradesh @dgpup
— Somvir Singh 🇮🇳 (@SomvirSingh93) February 26, 2020
ग्राम सभा कटघर, चौहान थाना करौदी कला, कादीपुर, सुलतानपुर उत्तर प्रदेश। pic.twitter.com/MrGTx6I3k1
ऊपर किए गए ट्वीट के कंमेंट सेक्शन में , यूपी पुलिस ने जवाब दिया और पीआरओ से कारवाही करने के लिए कहा था। जिस पर सुल्तानपुर पुलिस ने जवाब दिया: "उक्त प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक करौदीकलां द्वारा अवगत कराया गया कि मुकदमा पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।"
उक्त प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक करौदीकलां द्वारा अवगत कराया गया कि मुकदमा पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है ।
— Sultanpur Police (@PROCell19) February 26, 2020
इससे स्पष्ट होता है कि यह घटना दिल्ली की नहीं है।
बूम ने सुल्तानपुर पुलिस से भी संपर्क किया, जिन्होंने इसकी पुष्टि की।
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एक पुलिस अधिकारी ने बूम को बताया, "वास्तव में यह घटना करौंदी कलां में हुई थी और यह दावा कि घटना दिल्ली की है, पूरी तरह से ग़लत है। मामला दर्ज़ कर लिया गया है और जांच जारी है।" यह स्पष्ट नहीं है कि इस तोड़फोड़ के पीछे कौन था। हमने करौंदी कलां पुलिस निरीक्षक तक पहुंचने की कोशिश की। अगर हमें प्रतिक्रिया मिलती है तो हम लेख अपडेट करेंगे।