उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हाथरस गैंगरेप पीड़ित के अंतिम संस्कार को लैपटॉप पर देखते एक तस्वीर वायरल है जो फ़ोटोशॉप्ड है |
यह फ़र्ज़ी तस्वीर तब वायरल है जब हाथरस से एक 19 वर्षीय दलित लड़की की गंभीर चोटों से 29 सितम्बर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी | लड़की का चार ऊँची जाती के आदमियों ने कथित तौर पर बलात्कार किया था और उसके साथ मारपीट भी हुई थी | चारों आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए हैं | इसके बाद राज्य के पुलिस तंत्र की काफ़ी आलोचना हुई है क्योंकि इस घटना के बाद जब लड़की का देहांत हो गया तो उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के परिवारवालों से पूछे या उनके मर्ज़ी जाने बिना ही लड़की का अंतिम संस्कार 30 सितम्बर 2020 की रात में कर दिया | हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को नकारा है |
यह तस्वीर बुरी तरह से फ़ोटोशॉप की गयी है और लैपटॉप के आधे स्क्रीन पर ही लाइव लिखा दिख रहा है बाक़ी स्क्रीन के बाहर है | फ़ोटो भी लैपटॉप स्क्रीन से बड़ी है |
जी नहीं, वायरल हो रही यह तस्वीर हाथरस पीड़िता की नहीं है
'साइकिल गर्ल' ज्योति पासवान के बलात्कार और क़त्ल का दावा करती वायरल पोस्ट्स फ़र्ज़ी हैं
इन तस्वीरों के साथ एक कैप्शन वायरल है जिसमें लिखा है: "हाथरस गैंग रेप पिड़िता को युपी की जल्लाद पुलिस वालों ने कैसे जलाया उसकी लाइव वीडियो देखता हुआ एक नाकारा मुख्यमंत्री"
यह फ़ोटो ट्विटर पर भी तेजी से वायरल हो रही है |
फ़ैक्ट चेक
वायरल हो रही यह तस्वीर दरअसल योगी आदित्यनाथ और हाथरस रेप पीड़िता के पिता की वीडियो कांफ्रेंस के दौरान ली गयी थी | इसमें योगी आदित्यनाथ पीड़िता के पिता से बात कर रहे हैं | इसे बाद में फ़ोटोशॉप किया गया है और अलग से अंतिम संस्कार की तस्वीर को जोड़ा गया है |
उत्तर प्रदेश पुलिस पर यह आरोप लगने के बाद कि विभाग ने पीड़ित का अंतिम संस्कार परिवाजनों से पूछे या उनकी हामी लिए बिना कर दिया है, योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के पिता से 30 सितम्बर की शाम वीडियो कांफ्रेंस पर बात की |
वास्तविक तस्वीर वायर एजेंसी एशिया न्यूज़ इंटरनेशनल यानी ए.एन.आई ने सितम्बर 30, 2020 को पोस्ट की | इसमें वही लैपटॉप देखा जा सकता है | हालांकि इसमें पीड़िता के पिता का चेहरा धुंधला किया गया है |
इसके साथ कैप्शन में लिखा है: "लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से वीडियो कांफ्रेंस पर बात की |"
ए.एन.आई ने पीड़ित के पिता का एक स्टेटमेंट भी ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें न्याय मिलेगा |
इसके अलावा मीडिया रिपोर्टिंग के दौरान अंतिम संस्कार की तस्वीर को लैपटॉप पर अलग से जोड़ा गया है |
हमें वायरल तस्वीर और वास्तविक तस्वीर की तुलना भी की और पाया कि वास्तविक तस्वीर में अंतिम संस्कार का कोई अंश नहीं है और ना ही कोई लाइव स्टीकर है |