एक महिला की पांच साल पुरानी तस्वीर जिसमें उसने नुकीले तार पहने हैं, फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हो रही है कि यह हाथरस गैंगरेप के बाद भारत में रेप के ख़िलाफ़ प्रदर्शन है |
इस तस्वीर के साथ दावा यह है कि महिला ने अपने आपको वायर में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ख़िलाफ़ और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर इस तरह प्रदर्शन कर रही है |
बूम ने पाया कि यह तस्वीर 2015 में श्रीलंका में खींची गयी थी जिसमें दिख रही महिला जननी कूरे हैं | वह कोलोंबो की विज़ुअल आर्टिस्ट हैं |
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यह तस्वीर तब वायरल है जब हाथरस में हाल ही में एक लड़की के बलात्कार का मामला सामने आया है | उसका बलात्कार 14 सितम्बर 2020 को हुआ जिसके बाद उससे टार्चर किया गया | उसकी मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितम्बर को हुई | इसके बाद उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं | पुलिस पर आरोप है कि पीड़िता के परिवारजनों से बिना पूछे पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया | उत्तर प्रदेश पुलिस ने मीडिया को भी दूर रखा हुआ है | हालांकि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है |
इस तस्वीर के साथ एक कैप्शन भी वायरल है: "ये तस्वीर प्रधानमंत्रीऔर केंद्र सरकार के मुँह पर करारा तमाचा है जिसकी गुंज सिर्फ #भाजपाइयों को छोड़कर पुरे विश्व को सुनाई देगी भारत में बढ़ती बला'त्कार की घटनाओं को लेकर इस महिला ने अपने पुरे जिस्म को काटेंदार तार से लपेटकर ये संदेश दिया है कि इस सरकार मे महिला सुरक्षित नही है!"
यह फ़ेसबुक पर भी जोरों से वायरल है | यहां और यहां देखें |
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि यह तस्वीर इंटरनेट पर 2015 से मौजूद है जो अलग अलग सन्दर्भ में वायरल होती आ रही है |
इस फ़ोटो को हमनें ट्रेस किया और पाया कि ये श्री लंका में खींची गयी थी | इसमें दिख रही महिला विसुअल परफॉर्मन्स आर्टिस्ट जननी कूरे हैं | बूम से बात करते हुए जननी कूरे ने पुष्टि की कि वायरल दावे फ़र्ज़ी हैं और यह फ़ोटो उनकी ही है |
एक रिवर्स इमेज सर्च में पता चलता है कि यह फ़ोटो वर्डप्रेस ब्लॉग 'आर्टफार्मश्रीलंका' पर प्रकाशित है जिसमें ब्लॉगर कोलोंबो इंटरनेशनल थिएटर में भाग लेने के बारे में लिखता है |
इसको संकेत मानते हुए हमनें फ़ेसबुक पर खोज की और कोलोंबो इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल के वक़्त का एक तीर्थ परफॉर्मन्स प्लेटफार्म का शो पाया | मिलते जुलते कुछ कीवर्ड्स से हमें तीर्थ की वेबसाइट पर ओसरिया-जननी कूरे टाइटल के साथ कुछ फ़ोटोज़ मिले जिसमें महिला नुकीले तार वाली पोशाक पहने दिखती है |
इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था: "ओसरिया एक निश्चित स्वभाव को दर्शाता है | श्री लंकन महिलाऐं और मैं खुद उस स्वभाव का पालन करुँगी जब ओसरिया पोषक में हूँ | ताक़तवर महिलाएं डिप्लोमेटिक, राजनैतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में यह पेहेन कर अपना महत्व और समाज में जगह दिखाती हैं |"
इसके बाद हमनें जननी कूरे के नाम से कीवर्ड्स सर्च किया और पाया कि वह विसुअल आर्टिस्ट हैं जो अलग अलग पोशाक पेहेन कर सामाजिक मुद्दों पर परफॉर्मन्स देती हैं | फ़ेसबुक पर वीडियोकॉल से बूम ने कूरे से बात की | उन्होंने बताया कि यह फ़ोटो 2015 की हैं | हमें उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर कई तस्वीर मिली जो इसी पोशाक में थीं |
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने नुकीले तार और मेटल शीट क्यों पहनी, कूरे ने कहा, यह एक तरीका था ताकि लोगों को बताया जा सके कि ओसरिया के पीछे जो सोचा है वो महिलाओं पर पाबन्दी दिखाती है |
"ओसरिया श्री लंका में महिलाओं द्वारा पहना जाता है | यहाँ तक की नेता और सरकारी अधिकारी भी | यह उस सोच से जुड़ा है कि इस पोशाक को पहनने वाली महिलाएं एक निश्चित तरह से वर्ताव करेंगी जैसे एक निश्चित तौर से बात करना, एक तरह से हंसना, शराब न पीना आदि | और नुकीले तार पहनना इस बात को कहने का तरीका है," उन्होंने कहा |
उन्होंने यह भी कहा कि वायरल फ़ोटो उनके दूसरे परफॉर्मन्स की हैं जो मार्च 2015 में हुई थी | "मैंने पहले यह ओसरिया साड़ी स्पेस एक्सिबिशन में पहनी थी जो जेडीए पेरेरा गैलरी कोलोंबो में हुआ था | इसके बाद यही परफॉर्मन्स तीर्थम शो में कोलोंबो इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल के दौरान मार्च 2015 में किया था | वायरल फ़ोटो इस दूसरे शो की है |"
उन्होंने कहा कि वायरल पोस्ट्स फ़र्ज़ी हैं और वो भारत सरकार या कोई राजनैतिक पार्टी के ख़िलाफ़ कोई प्रदर्शन नहीं हैं | "यह भारत में रेप और महिला सुरक्षा के मुद्दे से सम्बंधित नहीं है," उन्होंने कहा |
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