इंदिरा गांधी द्वारा सेना के जवानों को सम्बोद्धित करती हुई एक तस्वीर जो 1971 में लेह में ली गई थी फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है । इस दावे में बताया जा रहा है कि तस्वीर गलवान घाटी की है जो इस वक़्त भारत-चीन झड़प का केंद्र है । आपको बता दें कि तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है ।
बूम ने यही तस्वीर प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के आर्काइव में पाई जहां इसे 1971, लेह का बताया गया है । तस्वीर का क्रेडिट डी.पी.आर डिफ़ेंस को दिया गया है ।
इसके अलावा, गूगल अर्थ का इस्तेमाल कर हमनें यह पुष्टि की है कि तस्वीर वास्तव में लेह की है न कि गलवान घाटी, लदाख की ।
पूर्वी लदाख की गलवान घाटी में हाल में हुई भारत और चीन की झड़प में एक कमांडिंग अफ़सर सहित 20 जवान मारे गए, इसी बीच एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर वायरल हो रही है ।
यह भी पढ़ें: भारत-चीन संघर्ष: सी.पी.आई (एम) के प्रदर्शन की एडिटेड तस्वीरें फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल
तस्वीर में इंदिरा गांधी पहाड़ों से घिरी एक जगह भाषण देती नज़र आती हैं ।
इसके साथ हिंदी में दावा है: "गलवान घाटी में जवानों को संबोधित करती इंदिरा गांधी का यह फ़ोटो दर्शाता है कि शेरनी तो देश मे एक ही थी। अब तो सरकार चूहों के हाथ मे है जिनके राज में चीन हमारी सीमा में घुस कर 20 जवानों को मार देता है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई सीमा में घुसा ही नही। 20 जवान तो अपने आप ही मर गए"
पोस्ट्स नीचे देखें और अर्काइव्ड वर्शन यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें ।
कई सत्यापित ट्विटर हैंडल भी इस तस्वीर को फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर कर रहे हैं । इसमें यू.पी कांग्रेस, दमन एंड दियु कांग्रेस सेवादल और अलका लांबा (कोट ट्वीट) शामिल हैं ।
इंदिरा गांधी जी गलवान वैली में सैनिकों के साथ। pic.twitter.com/iUSu3SkCii
— UP Congress (@INCUttarPradesh) June 21, 2020
गलवान घाटी में जवानों को संबोधित करती इंदिरा गांधी का यह फ़ोटो दर्शाता है कि शेरनी तो देश मे एक ही थी। अब तो सरकार चूहों के हाथ मे है जिनके राज में चीन हमारी सीमा में घुस कर 20 जवानों को मार देता है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई सीमा में घुसा ही नही। 20 जवान तो अपने आप ही मर गए pic.twitter.com/zRH1VzkTd4
— Daman and Diu Congress Sevadal (@SevadalDD) June 22, 2020
कब तक इंदिरा थीं, #GalwanValley हमारी थी,
— Alka Lamba 🇮🇳🙏 (@LambaAlka) June 21, 2020
जब से मोदी आया है, #GalwanValley पर चीन का दावा है.#ModiSurrendersToChina #GalwanValleyKiskaHai https://t.co/O9FWYN1EeZ
गलवान घाटी में जवानों को संबोधित करती इंदिरा गांधी का यह फ़ोटो दर्शाता है कि शेरनी तो देश मे एक ही थी। अब तो सरकार चूहों के हाथ मे है जिनके राज में चीन हमारी सीमा में घुस कर 20 जवानों को मार देता है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई सीमा में घुसा ही नही। 20 जवान तो अपने आप ही मर गए pic.twitter.com/RvIjE9uE0G
— Vaibhav Walia (@vbwalia) June 22, 2020
फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कर पाया कि यह कई लेखों में इस्तेमाल की गई थी । इन लेखों में इस तस्वीर को लेह का बताया गया था ।
इसके अलावा हमें एक ट्वीट भी मिला जो तस्वीर को 1971, लेह का बता रहा था ।
With all due respect. The source of this image is
— Rachit Seth (@rachitseth) June 21, 2020
Smt. Indira Gandhi addressing Jawans in Leh in 1971 and NOT Galwan Valley, Ladakh. [PTI Photo/ Courtesy DPR Defence]
Speaking as an Indira Gandhi fan- kindly don't spread wrong information. Thanks https://t.co/uhWZHq8xC8
बूम ने इसके बाद प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पी.टी.आई) के आर्काइव में कीवर्ड्स खोज की ।
इस तस्वीर के साथ कैप्शन है जिसमें इसे लेह का बताया गया है । कैप्शन में लिखा है: "रीट्रांसमिशन.... बी - 204, DEL - 301086 - अक्टूबर 30, 2009 - नई दिल्ली: देश इंदिरा गांधी की 25वीं बरसी मनाने का रहा है, इस मौके पर उनकी 1971, लेह में जवानों को संबोधित करती एक दुर्लभ तस्वीर. पी.टी.आई फ़ोटो/कर्टसी डी.पी.आर डिफ़ेंस |
बूम ने भारतीय सेना के प्रवक्ता से संपर्क किया है, जवाब मिलने पर लेख अपडेट किया जाएगा ।
तस्वीर को जियो लोकेट किया
हमनें तस्वीर में दिख रहे पहाड़ों और बाक़ी भौगोलिक विवरणों को गौर से देखा और पाया कि तस्वीर लेह में स्थित सेना छावनी की है । हमनें छावनी के आस पास के भू-दृश्य की पड़ताल की । इसके बाद गूगल अर्थ की मदद से हमनें पहाड़ों की स्थलाकृति की तुलना की और पाया कि यह वास्तव में लेह है जो पूर्वी लदाख से करीब 200 किलो मीटर दूर है, गूगल मैप्स के अनुसार ।