भारत-चीन संघर्ष: सी.पी.आई (एम) के प्रदर्शन की एडिटेड तस्वीरें फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल
बूम ने पाया की प्रदर्शन का भारत-चीन मसले से सम्बन्ध नहीं है और सी.पी.आई (एम) के नेता मज़दूरों और गरीबों के लिए बेहतर नीतियों की मांग कर रहे थे
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स जिसमे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (एम) के लीडर्स सीताराम येचुरी और बृंदा करात हाथों में भारतीय सेना विरोधी नारे लिखे पोस्टर्स लिए दिख रहें हैं दरअसल फ़र्ज़ी हैं |
बूम ने पाया की ये तस्वीरें एडिट की गयी हैं और असल तस्वीरें जून 16 को सी.पि.आई (एम) द्वारा भारतीय जनता पार्टी की तथाकथित भारत विरोधी पॉलिसीस के ख़िलाफ़ किये गए एक प्रदर्शन की हैं |
वास्तविक नारों में सरकारी नीतियों को सुधारने की बातें की गयी हैं एवं गरीबों के खातों में "डायरेक्ट कैश ट्रांसफ़र" के मुद्दों पर लिखा गया है | ऐसे प्रदर्शन कोरोनावायरस महामारी के दौरान गरीबों की तक़लीफ़ों के मद्देनज़र पूरे भारत में किये गए थें | वहीँ वायरल पोस्ट में असल तस्वीरों में दिख रहे प्लेकार्ड्स पर मॉर्फ़ कर के ये नारा लिखा गया है 'Indian army down down...we support to China...zindabad'.
ये फ़र्ज़ी खबर ऐसे समय पर फ़ैलाई जा रही है जबकि भारत-चीन के बीच स्थिति काफ़ी तनावपूर्ण है | जून 15-16 को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं में हुए झड़प में बीस भारतीय जांबाज़ों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी | वहीँ बिजिंग अबतक अपने सैनिकों के मौत पर चुप्पी साधे हुए है | और जानकारी के लिए यहां क्लिक करें |
वायरल पोस्ट्स के साथ लिखे कैप्शन में कहा गया है 'पहचानो इन देशद्रोही झामपंथी गद्दारों को एक वृंदा करात है और दूसरा सीताराम येचुरी इन दो*ले झामपंथियों ने 1962 में भी इसी तरह चीन का साथ दिया था। और आज भी ये निर्लज्ज भारतीय सेना को नीचा दिखा रहे हैं'
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फ़र्ज़ी दावों के साथ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
पहचानो इन देशद्रोही झामपंथी गद्दारों को एक वृंदा_करात है और दूसरा सीताराम_येचुरी इन दोगले झामपंथियों ने 1962 में भी इसी तरह #चीन का साथ दिया था।
— Brand Atul ♛ (@Brand_AtulOM) June 20, 2020
और आज भी ये निर्लज्ज भारतीय #सेना को नीचा दिखा रहे हैं। pic.twitter.com/vctddf75Qk
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फ़ैक्ट चेक
कुछ दिनों पहले भी यही तस्वीरें एक और फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हुई थी और बूम ने उन दावों का भंडाफोड़ किया था |
तब इन्हीं तस्वीरों के साथ ये दावा किया गया था की सी.पी.आई (एम) ने सेना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है | हालाँकि इस दफ़ा तस्वीरों को मॉर्फ़ कर के वायरल किया गया है |
हमें रिवर्स इमेज सर्च करने पर सी.पी.आई (एम) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वास्तविक तस्वीरें मिली | यह तस्वीरें 16 जून को पोस्ट की गयीं थी | वास्तविक तस्वीरें एक अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ पोस्ट की गयी थीं जिसमे लिखा गया है 'मोदी सरकार की जनता विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ देश-व्यापी प्रदर्शन #पीपलप्रोटेस्टमोदीगवर्नमेंट' |
All India Protest against Modi govt's anti-people policies.#PeopleProtestModiGovt pic.twitter.com/oJRUqXHsN5
— CPI (M) (@cpimspeak) June 16, 2020
यह ऑल इंडिया प्रोटेस्ट जून 15 को दिल्ली से शुरू हुई थी | खोज करने पर हमें पार्टी के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर एक 'फ़ेसबुक लाइव' पोस्ट मिला | यह ए.के.जी भवन, नई दिल्ली पर हो रहे प्रदर्शन की थी जहाँ से ली गयी तस्वीरों को फ़ोटोशोप किया गया है | इस पोस्ट में उन्ही लोगों को देखा जा सकता है जो वायरल तस्वीरों में हैं | पूरे वीडियो में कहीं भी सेना के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कहा गया है |
इसके अलावा हमने फ़र्ज़ी तस्वीरों की वास्तविक तस्वीरों के साथ तुलना की और पाया की इन्हे मॉर्फ़ किया गया है ||
सी.पी.आई (एम) नेता बृंदा करात की तस्वीर भी फ़ोटोशोप है जिसकी वास्तविक तस्वीर से तुलना नीचे देखी जा सकती है |