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फैक्ट चेक

बांग्लादेश में गटर से खाना खाते शख़्स की तस्वीर यूपी के नाम पर वायरल

बूम ने पाया कि तस्वीर बांग्लादेश की है और यह सितंबर, 2018 की शुरुआत से ऑनलाइन मौजूद है।

By - SK Badiruddin | 17 Jan 2020 10:20 AM GMT

बांग्लादेश से एक खुले गटर से बचा हुआ खाना निकाल कर खाते हुए एक व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया झूठे दावे के साथ वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की है।

तस्वीर, जहां एक आदमी को बचे हुए भोजन के ढेर से खाते हुए देखा जा सकता है, एक कहानी का निर्माण करती है कि कैसे भारत अत्यधिक गरीबी, जातिवाद और श्रम शोषण से पीड़ित है। हालांकि कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में यह बातें सामने आयी हैं, यहाँ और यहाँ पढ़ें, परन्तु यह तस्वीर फ़र्ज़ी तौर पर वायरल हो रही है|

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वायरल ट्वीट में से एक में लिखा है, "पेरियार को सड़कों से बचे हुए भोजन खाने के लिए मजबूर किया गया था, उन्हें भोजन देने से मना कर दिया गया था क्योंकि वह उत्तर प्रदेश काशी ( 1940 ) में एक शूद्र थे। उत्तर प्रदेश (2019) में एक धार्मिक समारोह से बचे हुए भोजन से खाना खाता एक शूद्र श्रमि, आजादी के 75 वर्ष !!" काशी को आधिकारिक तौर पर वाराणसी कहा जाता है और यह एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है।

फ़ेसबुक पर इसी तरह की कहानी के साथ यही तस्वीर वायरल हुई है। इसी तरह के एक फ़ेसबुक पोस्ट को यहां अर्काइव किया गया है।

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फ़ैक्ट चेक

बूम यह पता लगाने में सक्षम था कि तस्वीर उत्तर प्रदेश की नहीं है। फुटपाथ के किनारे खड़े वाहन पर बांग्लादेश पुलिस का लोगो देखा जा सकता है।

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वाहन पर बांग्ला में पुलिस (পুলিশ) लिखा है। बूम ने वाहन पर दिखाई देने वाले लोगो के साथ बांग्लादेश पुलिस के लोगो की भी तुलना की, और दोनों को समान पाया।


बूम को एक वीडियो क्लिप भी मिली, जहां आदमी को खाने को अलग करते हुए देखा जा सकता है ताकि वह बाद में इसे खा सके।

Full View

यह तस्वीर 2018 की शुरुआत से इंटरनेट पर मौजूद है। इसका इस्तेमाल 2019 में एक ब्लॉगपोस्ट में भी किया गया है।

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