HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

क़तर की राजकुमारी के नाम से फ़र्ज़ी ख़बर सोशल मीडिया पर फिर से वायरल

बूम ने अपने पड़ताल में पाया की जिस फ़ाईनेन्शियल टाइम्स के हवाले से 2016 में ये न्यूज़ पहले भी वायरल हो चूका है, उसने इस लेख को अपने वेबसाइट से हटा दिया है

By - Shraddha Tiwari | 25 April 2020 8:33 PM IST

सोशल मीडिया पर एक चार साल पुराने अख़बार की क्लिपिंग को फ़र्ज़ी दावों के साथ फिर से वायरल किया जा रहा है | क़तरी राजकुमारी से जुड़ी ये पुरानी फ़र्ज़ी न्यूज़ क्लिपिंग दोबारा से ऐसे समय में वायरल हो रही है जब कई प्रसिद्द अरब ट्विटर हैंडल्स ने भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा किये जा रहे कथित इस्लामोफ़ोबिक ट्वीट्स की निंदा की है |

वायरल पोस्ट में एक अख़बार की कटिंग को शेयर किया गया है जिसका शीर्षक है 'क़तरी राजकुमारी सात पुरुषों के साथ ओर्जी (मदनोत्सव) में पकड़ी गयीं !' | ना सिर्फ़ सोशल मीडिया हैंडल्स बल्कि हिंदी अख़बार अमर उजाला ने भी ये ख़बर इसी दावे के साथ अपने वेबसाइट पर चलाई थी | इसके साथ पंजाब केसरी ने भी ये फ़र्ज़ी ख़बर 2016 में ही प्रकाशित की थी | आर्काइव्स यहाँ और यहाँ पढ़ें |





बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की ये दावा झूठा है और जिस न्यूज़पेपर के हवाले से ये ख़बर दी गयी थी, हमें उसके वेबसाइट पर भी ये ख़बर नहीं मिली |

वायरल हो रहे अख़बार की कटिंग DNA न्यूज़पेपर की है जिसमें ब्रिटिश न्यूज़पेपर फ़ाईनेन्शियल टाइम्स के हवाले से दावा किया गया है की 'क़तरी राजकुमारी शेखा सलवा लंदन के एक होटल में सात पुरुषो के साथ शारीरिक संबंद्ध बनाती हुई पकड़ी गयी' |


Full View

वायरल पोस्ट के साथ हिंदी में एक कैप्शन है जो कहता है 'मियां खलीफा से कम नहीं है लिब्रलों की नयी प्रिंसेस जिसे चाटने कू रेडी थे कल सब के सब ........जो साऊदी की सो कोल्ड राजकुमारी ट्विटर पर ट्वीट पर ट्वीट पेली जा रही थी और यहाँ के शान्तिदूत भी खुश हो रहे थे कि अब तो बस किसी भी दिन सऊदी भारत पर बम मार देगा, वो अभी दो- तीन दिन पहले लंदन के एक होटल में 7 लोगों के साथ मूँह काला करते हुए दबोच ली गयी, इस खबर को दबाने के लिए तेल के कुओं में रहने वाले मेंढकों ने अखबार को 50 मिलियन डॉलर (करीब 3 अरब रु.) देने की पेशकश भी की कि इस खबर को दबा दिया जाए, मगर अखबार ने ये कहते हुए मना कर दिया कि हम NDTV नहीं हैं |'

इसी अख़बार की कटिंग के साथ वायरल और कई पोस्ट्स में कुछ ऐसे दावे किये जा रहे हैं: ये है क़तर के शाही परिवार की राजकुमारी शेखा सल्वा जो आजकल अपने आरएसएस और भाजपा विरोधी तेवर के लिए जाने जा रही है

इस पोस्ट को नीचे देखे और इसका आर्काइव वर्ज़न यहाँ और यहाँ पाए |


Full View

इस तरह के कई पोस्ट्स हमें मिले | इन्हे नीचे देखें |




कई ट्विटर यूज़र्स अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए क़तरी राजकुमारी को राष्ट्रीय स्वयमसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के विरोध में ट्वीट करने के लिए खरी खोटी सुना रहे हैं |

हालांकि जिसकी बात वो कर रहे हैं (आरएसएस और भाजपा के विरोध में ट्वीट करने के लिए), वो दरअसल यूनाइटेड अरब एमिरेट्स की राजकुमारी हेंड अल क़ासिमी हैं ना की शेखा सलवा | राजकुमारी क़ासिमी हाल ही में तब चर्चा में आयी थी जब उन्होंने दुबई में काम कर रहे एक भारतीय नागरिक की - सोशल मीडिया पर उसके द्वारा किये गए भेदभाव और जातिवादी ट्वीट्स करने के लिए - आलोचना की थी | इस ट्वीट को नीचे पढ़े |


वायरल पोस्ट्स में ये दावा भी किया गया है की क़तर दूतावास को जब लंदन में इस ख़बर के बारे में मालूम चला तो उन्होंने ने अख़बार को करीब तीन अरब रुपये देकर बात को दबाने की काफ़ी कोशिशें की थी मगर अख़बार ने ऐसा करने से मन कर दिया |

फ़ैक्ट चेक

हमने इस ख़बर की हैडलाइन को जब कीवर्ड सर्च के साथ देखा तो हमें इसका खंडन करते हुए काफ़ी फ़ैक्ट चेक्स मिलें | फ़र्स्टपोस्ट ने अपने अगस्त 24, 2016 के एक फ़ैक्ट चेक में दावा किया है की 'फ़ाईनेन्शियल टाइम्स के वेबसाइट पर काफ़ी खोजबीन के बाद भी इस लेख को पाने में हमें असफ़लता मिली |' बूम ने भी फ़ाईनेन्शियल टाइम्स के वेबसाइट और इंटरनेट को इस रिपोर्ट की खोज में खंगाल डाला मगर हमें ये नहीं मिला |

बूम को 2016 में Evening Standard में छपे एक लेख से ये भी पता चला की क़तर के पूर्व प्रधानमंत्री ने साइबर डिटेक्टिव्स की एक पूरी टीम को इस फ़र्ज़ी ख़बर की तह तक जाने के लिए काम पर लगाया था |



जब हम इस ख़बर को फ़ाईनेन्शियल टाइम्स तक नहीं ट्रेस कर पाए तब हमने इस क्लिपिंग में दिख रही तस्वीर को ट्रेस करने की कोशिश की |

जब बूम ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये जांचा तो हमें पता चला की तस्वीर में दिखाई गयी महिला आलिया अल माज़रौइ है जोकि मज़रुई होल्डिंग नामक कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीओओ) है और 'जस्ट फ़लाफ़ेल ' नाम की कंपनी की फाउंडर भी हैं | 




Tags:

Related Stories