फ़ेसबुक पर एक ख़बर वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है की दारुल उलूम ने भाजपा के ख़िलाफ एक फतवा जारी किया है | इस पोस्ट को फ़ेसबुक पर जोरों से शेयर किया जा रहा है | आपको बता दें की यह दावा झूठा है एवं दारुल उलूम देवबंद से कोई सम्बन्ध नहीं रखता |
यह पोस्ट महीनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे यूज़र्स सच मान रहे हैं | बूम को दारुल उलूम के वाईस चांसलर ने बताया की यह फ़र्ज़ी अफ़वाह है |
यह उस वक़्त वायरल हो रहा है जब केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किया है | यह विधेयक भारतीय संसद के दोनों सदनों में पास हो कर एक अधिनियम बन गया है जिसके चलते भारत भर में प्रदर्शन हो रहे हैं | विरोधियों का कहना है की यह अधिनियम भेदभावपूर्ण है एवं इसका पारित होना भारतीय संविधान के ख़िलाफ है | पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की गयी है जिसपर लिखा है: "बीजेपी के ख़िलाफ फतवा जारी | बीजेपी को हराना जरूरी है | मुसलमान बीजेपी के ख़िलाफ वोट दें: दारुल उलूम देवबंद"
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आप पोस्ट नीचे देखें और इनका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें | यह फ़र्ज़ी पोस्ट महीनों से वायरल हो रही है | पुरानी पोस्ट यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने दारुल उलूम के वाईस चांसलर मुफ़्ती अबुल क़ासिम से संपर्क किया जिन्होंने इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा: "सियासी पार्टी के ख़िलाफ फतवा जारी नहीं किया जाता | फतवा तब जारी किया जाता है जब कोई मसला होता है | बीजेपी क्या है, कोई नमाज़ है की रोजा है? उसके बारे में क्या फतवा दें? वो एक सियासी पार्टी है उससे हमारा क्या लेना देना है |"
उन्होंने आगे कहा की, "दारुल उलूम का कोई सियासी मसले से कोई ताल्लुक़ नहीं है |"
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक लेख के अनुसार, पिछले साल मई 2018 में दारुल उलूम में रह रहे जमीअत-उलेमा-इ-हिन्द के कोषाध्यक्ष मौलाना हाशिब सिद्दीकी ने कहा था की बीजेपी से पूरा देश परेशां है जिसके चलते मुसलमान अपना वोट बीजेपी को देकर ख़राब न करें |
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इस बारे में जब बूम ने मुफ़्ती से पूछा तो उन्होंने कहा की, "हाशिम सिद्दीकी का दारुल उलूम से कोई ताल्लुक़ नहीं था वो केवल जमीअत इ हिन्द के ट्रेज़रर थे | फतवा का बिभाग दारुल उलूम के अंदर आता है, जमीयत के अंतर्गत नहीं आता है | इस बातों में कोई सम्बन्ध ही नहीं है |"
"यह केवल फ़र्ज़ी अफ़वाह है दारुल उलूम की तरफ से कोई फतवा जारी नहीं हुआ है," उन्होंने कहा |