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फैक्ट चेक

जामिया शूटिंग में घायल सीएए विरोध प्रदर्शनकारी की चोट नकली नहीं है

बूम की जांच में पता चलता है कि ये दावा करने वाला पोस्ट कि जामिया के घायल प्रदर्शकारी ने चोट को दिखाने के लिए 'केचप' का इस्तेमाल किया, ग़लत है।

By - Anmol Alphonso | 3 Feb 2020 6:18 PM IST

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र शादाब फारूक की एक तस्वीर ऑनलाइन तेजी से फैलाई जा रही है। शादाब पर गुरुवार को विश्वविद्यालय के पास एक नाबालिग शूटर ने गोली चलाई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। तस्वीर में एक लाल रंग की प्लास्टिक की वस्तु दिखाते हुए ये दावा किया जा रहा है कि शादाब ने चोट का नाटक किया था।

30 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए छात्रों पर एक बंदूकधारी ने गोली चला दी। फारूक गोली का शिकार हुए और उनके बाएं हाथ में चोट लगी। फारूक को शुक्रवार सुबह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ट्रामा केंद्र से छुट्टी दे दी गई। बंदूकधारी की पहचान भारतीय कानून के अनुसार नहीं बताई जा सकती है क्योंकि वह नाबालिग है।

यह भी पढ़ें: जामिया: छात्र पर गोली चलाने वाले शख़्स का ऑनलाइन अस्तित्व कट्टरपंथी है

जब यह घटना हुई तब, घटनास्थल से कुछ ही फीट दूर दिल्ली पुलिस के जवान मौजूद थे और इस दृश्य ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इसके साथ ही शूटर और पुलिस के प्रति सहानुभूति रखने वाले दक्षिणपंथी लोगों के साथ ऑनलाइन एक ध्रुवीकरण देखा गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में घायल फारूक के साथ एक महिला देखी जा सकती है जो उनकी मदद कर रही हैं। साथ ही तस्वीर की फ्रेम में एक लाल रंग की प्लास्टिक की वस्तु को भी दिखाया गया है।

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने फोटो को झूठे कैप्शन के साथ शेयर किया है जो इस बात पर संदेह जताते हैं कि क्या हमला और फारूक का घायल होने की घटना फ़र्ज़ी थी।

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ट्वीटर पर करीब 2 लाख 20 हजार फॉलोवर्स वाले फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने वायरल फोटो के साथ ग़लत दावा करते हुए ट्वीट किया कि यह केचप की बोतल थी। बूम ने पहले भी कई बार अग्निहोत्री द्वारा शेयर की गयी ग़लत सूचनाओं का फ़ैक्ट चेक किया है।

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने एक फोटो पत्रकार मोहम्मद मेहरबान से संपर्क किया, जिन्होंने फारूक को गोली लगने के बाद तस्वीरें खींची थीं। हमने विश्लेषण किया और पुष्टि की कि लाल रंग की दिखाई देने वाली वस्तु पानी की बोतल है न कि केचप की बोतल, जैसा कि दावा किया जा रहा है।

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इन दोनों तस्वीरों में, साफ तौर पर लाल रंग का बोतल लटका हुआ देखा जा सकता है, विशेष रूप से दूसरी तस्वीर में यह देखा जा सकता है कि फारुक के दोस्त ने मोबाइल फोन और बोतल एक साथ पकड़ा हुआ है।


"लाल पानी की बोतल मेरी है": मिदत समारा, घायल फारूक के साथ जेएमआई छात्रा

हमने जेएमआई के छात्रा मिदत समरा से संपर्क किया, जो वायरल तस्वीर में फारूक को पकड़ते हुए देखा जा सकता है। सेमरा ने बूम को पुष्टि की कि तस्वीर में बोतल उनकी है।

मिदत समारा ने बूम को बताया कि, "तस्वीरों में देखे जाने वाली यह पानी की बोतल मेरी है।"

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उसने गोलीबारी से पहले घटना का क्रम बताया।

"एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया, उसके हाथ में एक पिस्तौल थी, वह कुछ चिल्ला रहा था और हर कोई यह कहते हुए भाग रहा था कि उसके हाथ में एक पिस्तौल है। शादाब दौड़ कर गया और यह कहकर उसे शांत करने की कोशिश की कि "पिस्तौल नीचे रखो।"

"जब उसने तीसरी बार पिस्तौल नीचे रखने के लिए उसे कहा, तो शूटर ने गोली चला दी। शोर सुनकर मैं उसकी (फारूक) की तरफ दौड़ी और उसे पकड़ लिया और पुलिस को बैरिकेड्स हटाने के लिए कहते हुए होली फैमली (अस्पताल) की ओर भागने लगी। पुलिस ने बैरिकेड्स नहीं हटाए और शादाब को अपना घायल हाथ दिखाना पड़ा। फिर पुलिस ने उसे बैरिकेड कूदने के लिए कहा, जिसके बाद वह कूद गया और होली फैमली अस्पताल पहुंचा।

सामरा के अकाउंट सोशल मीडिया पर तस्वीरे हैं, जिसमें घायल शादाब फारूक को बैरिकेड पर चढ़ते हुए दिखाया गया है और पीछे सामरा को बोतल पकड़े देखा जा सकता है।

समारा ने बूम को अपनी पानी की बोतल की एक तस्वीर भी भेजी जो वायरल तस्वीर में बोतल से मेल खाती है और पुष्टि करती है कि यह केचप बोतल नहीं था जैसा कि ऑनलाइन झूठा दावा किया गया था।

अरुणिमा जोशुआ द्वारा अतिरिक्त रिपोर्टिंग

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