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नहीं कहा कोरोनिल कोरोना का इलाज है: पतंजलि सी.इ.ओ ने किया झूठा दावा

पिछले महीने 23 जून को हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में रामदेव ने कहा था, "यह केवल कण्ट्रोल नहीं है, क्योर है"

By - Shachi Sutaria | 1 July 2020 6:59 PM IST

पतंजलि के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर यानी सी.इ.ओ आचार्य बालकृष्ण ने न्यूज़ संस्थाओं से बात करते हुए 30 जून को यह दावा किया की कंपनी ने कभी यह नहीं कहा की कोरोनिल किट कोविड-19 का उपचार करने में सक्षम है |

बूम ने कई उदाहरण पाए जहाँ संस्था ने यह दावा किया था की पतंजलि ने कोविड-19 का उपचार ढूंढ लिया है | यहाँ तक की बाबा रामदेव ने भी एक दफ़ा कहा था की यह दवाई कोविड-19 का उपचार है |

आचार्य बालकृष्ण ने कथित तौर पर यह कहा है की संस्था ने कभी दावा नहीं किया की उनकी दवाई - करोनिल - कोरोनावायरस को ठीक कर सकती है या कण्ट्रोल कर सकती है पर 'हमनें दवाई बनाई और नियंत्रित रूप में क्लीनिकल ट्रायल किए जिससे कोरोना मरीज़ ठीक हुए थे ' |

अमर उजाला के साथ एक अलग इंटरव्यू में बालकृष्ण ने यहाँ तक भी कहा की उन्होंने उत्पाद का विज्ञापन नहीं किया और न ही उन्होंने अखबारों में कहा की यह कोविड-19 का इलाज़ है | उन्होंने आगे कहा की सिर्फ क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम साझा किये गए थे | उन्होंने यह दावा किया की संस्था ने 'इम्युनिटी बूस्टर' के रूप में इस्तेमाल के लिए लाइसेंस लिया था इसके बाद हमनें इसे कोरोनावायरस मरीज़ों पर इस्तेमाल किया, क्लीनिकल ट्रायल के लिए पंजीकृत होने के बाद | पतंजलि के प्रवक्ता पहुंच के बाहर थे | लेख को जवाब मिलने पर अपडेट किया जाएगा |

यह क्लीनिकल ट्रायल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (NIMS), जयपुर के साथ साझेदारी में हुए थे | वह परिणाम साझा करना चाहते थे की कैसे कोरोनिल टेबलेट से मरीज़ कोरोनावायरस से ठीक हुए जो आयुर्वेदिक उत्पाद गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, स्वसारी वती और अनु तैला से बनी है |

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जबकि बालकृष्ण ने कहा की उन्होंने उत्पाद का कोई विज्ञापन नहीं किया, संस्था ने 23 जून को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ऐलान किया था की उन्होंने कोविड-19 का इलाज़ ढूंढ लिया है | लॉन्च के दौरान पतंजलि के संस्थापक और योग गुरु रामकृष्ण यादव - बाबा रामदेव  - ने बार बार यह कहा था की दवाई कोरोना का इलाज़ है | 

उन्होंने कहा था की कोरोना मरीज़ों ने यह दवाई खाकर तीन दिनों में 100% रिकवरी देखी है | इसके बाद आयुष मंत्रालय ने संस्था ने शोध के डाक्यूमेंट्स मांगे जबकि उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने स्पष्टीकरण दिया की उन्होंने उत्पाद का कोरोनावायरस के इलाज़ होने का कोई लाइसेंस दिया ही नहीं |

बूम ने पाया की बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के प्रवक्ता एस.के तिजारावाला ने करीब 6 बार यह दावे किए की पतंजलि ने कोरोनावायरस के लिए दवाई बना ली है |

"यह केवल कण्ट्रोल नहीं है, क्योर है": रामदेव

हरिद्वार में स्थित पतंजलि योगपीठ में 23 जून को हुई एक प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो बूम को मिला | नीचे दिए गए वीडियो में 6.36 मिनट के बिंदु पर रामदेव ने कहा, "यह दवा, कोरोना का पहला आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट केवल नियंत्रण नहीं है, इलाज़ है |"

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'कोविड-19 के लिए पहली साक्ष्य आधारित आयुर्वेदिक इलाज़': सोशल मीडिया कैप्शन

बूम ने पतंजलि के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एकाउंट्स देखे जहाँ पर कंपनी ने प्रेस कांफ्रेंस को ''कोविड-19 के लिए पहली साक्ष्य आधारित आयुर्वेदिक इलाज़' के रूप में वर्णित किया था | यह ट्विटर और फ़ेसबुक, दोनों पर उपलब्ध है | आर्काइव यहाँ और यहाँ देखें |



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'आयुर्वेदिक इलाज़ पाने में प्रथम': प्रेस रिलीज़

हिंदी में एक प्रेस रिलीज़ शुरू होती है की कैसे पतंजलि ने वैश्विक महामारी की दवाई ढूंढ ली है | पहली बिंदु में इस दवाई को 'उपचार' बताया गया है | बिंदु यह भी बताता है की पतंजलि पहली संस्था है जिसने पहली बार क्लीनिकल ट्रायल किया और कोरोनावायरस के इलाज़ के लिए पहली आयुर्वेदिक दवाई ढूंढी |


'कोरोनावायरस के उपचार में पहली कामयाबी': प्रेस वार्ता में बुलावा

यह प्रेस कांफ्रेंस के पहले बुलावे में साफ़ साफ़ लिखा गया था की प्रेस वार्ता कोरोनावायरस के उपचार में पहली कामयाबी के बारे में है | क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे कोरोनावायरस के उपचार के तौर पर साझा किए गए |


प्रवक्ता का ट्वीट 

बूम को पतंजलि के प्रवक्ता एस.के तिजारावाला का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने इस प्रेस कांफ्रेंस को कोरोनावायरस के इलाज़ को लेकर पहली कामयाबी के ऐलान के लिए बताया था | ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखें |

मानकों का उलंघन: ट्विटर और यूट्यूब 

यूट्यूब ने प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो हटा दिया और कारण बताया की वह गाइडलाइन पर खरा नहीं उतर रहा था | वीडियो का लिंक को पतंजलि के ट्वीट में लिंक है: https://www.youtube.com/watch?v=p5QrHmS64qw |


आचार्य बालकृष्ण के ट्वीट को ट्विटर ने हटाया | 


आर्काइव्स में देखने पर बूम ने पाया की डिलीट किया गया ट्वीट दरअसल पतंजलि आयुर्वेद के हैंडल से किया गया था जिसमें किट के लॉन्च की बात की गयी थी | आर्काइव यहाँ देखें |


द प्रिंट के अनुसार, आयुष मंत्रालय की टास्क फ़ोर्स ने मंत्रालय को कहा है की रामदेव को यह दवा बाजार में कोरोनावायरस के इलाज़ के तौर पर बेचने न दिया जाए |

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