क्या है 'वन नेशन, वन राशनकार्ड' प्रणाली? इसे ऐसे समझें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार अगले साल मार्च तक पूरे देश में यह प्रणाली लागू हो जाएगी और इससे प्रवासी मज़दूरों को फ़ायदा होगा
जून 30, 2020 को देश के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस एक बात का उल्लेख प्रमुखता से किया वो है 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' (एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड) | क्या है ये स्कीम और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें, किसे होगा इससे सीधा फ़ायदा, आइये आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 'वन नेशन, वन राशनकार्ड' प्रणाली को मार्च 2021 तक पूरे देश में लागू करने की बात मई में की थी | वित्त मंत्री ने यह भी कहा था की प्रवासी मज़दूरों और उनके परिवारों को इस प्रणाली से सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा |
प्रधानमंत्री मोदी का देश के नाम संदेश नीचे देखें |
क्या है 'वन नेशन, वन राशनकार्ड' प्रणाली
नैशनल फ़ूड सिक्यॉरिटी ऐक्ट (NFSA) 2013 के मुताबिक भारत में 81 करोड़ लोग सब्सिडाइज़्ड कीमतों पर अनाज खरीद सकते हैं |
क्या हैं वर्तमान नियम?
फ़िलहाल नियम कुछ ऐसे हैं की जिस ज़िले का राशन कार्ड है, राशन वहीँ मिलता है | अगर कोई व्यक्ति कमाने के लिए बाहर जाता है तो वहाँ उसके राशन कार्ड का कोई उपयोग नहीं हो पाएगा | ऐसे में काम की तलाश में बाहर जाने वालों को बहुत तकलीफ़ होती है | 'वन नेशन, वन राशनकार्ड' इसी समस्या को दूर करने की कोशिश है |
इसे ऐसे समझें:
यदि किसी व्यक्ति का घर हरयाणा में हैं और काम मुंबई में तो इस प्रणाली से शुरू होने पर उसे मुंबई में भी सब्सिडी पर राशन मिल सकेगा |
इस स्कीम के लागू हो जाने के बाद लाभार्थी एक ही राशन कार्ड पर देशभर में कहीं भी सब्सिडाइज़्ड रेट पर राशन ले सकेंगे |
इस दिशा में सरकार ने राशन कार्ड का एक स्टैण्डर्ड फॉर्मेट तैयार किया है | इसके लिए हर राज्य में इस्तेमाल होने वाले रसाहन कार्ड के फोर्मट्स को ध्यान में रखा गया है | राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है वो राशन कार्ड्स पर दो भाषाओं का इस्तेमाल करें - जिसमें लोकल भाषा के अलावा दूसरी भाषा हिंदी या अंग्रेजी हो सकती है |
लाभार्थियों की पहचान कैसे होगी ?
'वन नेशन, वन राशनकार्ड' प्रणाली दरअसल तकनिकी आधार पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से लाभार्थी की पहचान करेगा की वह नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत लाभ लेने योग्य है या नहीं | सरकार के मुताबिक यह 'इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल' उपकरण भाग ले रहे राज्यों में स्थित 'फेयर प्राइस शॉप' पर उपलब्ध होंगे |
इसके लिए इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ़ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम या IM-PDS अंतर-राज्यीय स्तर पर राशनकार्ड के स्थानांतरण या पोर्टेबिलिटी के लिए सहायक होगा | इसका एक पोर्टल शुरू हो चूका है | यहाँ देखें | इसी के साथ एक अन्य पोर्टल होगा जो वितरित अनाज की जानकारी देगा | यहाँ देखें |