वीडियो क्लिप दर्शाती है की मॉक ड्रिल में एक पुलिसकर्मी बीमार होने का अभिनय करते हुए बिहार की हाजीपुर जेल में देखा जा सकता है जबकि इस वीडियो को हाजीपुर इलाके में एक संदिग्ध कोविड-19 पेशेंट की जांच के तौर पर ऑनलाइन शेयर किया जा रहा है |
वीडियो में शामिल पुलिसकर्मी को अभिनय के दौरान जानबूझकर खांसते और ज़मीन पर गिरते देखा जा सकता है जिसके तुरंत बाद चिकित्सकों की एक टीम पुलिसकर्मी को स्ट्रेचर पर सुलाती हुई नज़र आती है|
यह वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है: "बिहार हाजीपुर जेल में सिपाही को Corona Virus."
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इसका आर्काइव वर्जन यहाँ देखिये |
हमने इसी कैप्शन को सर्च किया तो पता लगा की यह वीडियो कई गलत दावों के साथ फैलाया जा रहा है |
फ़ैक्ट चेक
यूज़र्स इस तरह के कई वीडियो जो पुलिस की मॉक ड्रिल के होते हैं, फ़र्ज़ी दावों के साथ पहले भी वायरल कर चुके है |
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यह वायरल वीडियो देखने से ही नाटकीय और पूर्व-निर्देशित मालूम होता है |
हमनें 'हाजीपुर' , 'जेल' , 'Coronavirus' जैसे शब्दों के keyword सर्च से पाया की ऐसे कई वीडियो हिंदी यूट्यूब चैनलों के ज़रिये अपलोड किये गए जिनमें यह बताया गया की वायरल वीडियो हाजीपुर जेल में हुए मॉक ड्रिल का है| यह पुलिस कर्मियों को जेल में संदिग्ध कोविड-19 पेशेंट से निपटने की ट्रेनिंग के रूप में करवाई गयी ड्रिल है|
बूम ने डॉ. गौरव मंगला, पुलिस अधीक्षक, वैशाली जिला (हाजीपुर इस जिले की राजधानी है) से संपर्क किया जिन्होंने बताया की फ़ैलाया जा रहा वायरल वीडियो मॉक ड्रिल का है | उन्होने बूम से यह कहा: "यह वीडियो हाजीपुर जेल के पुलिस अधिकारियों द्वारा किये गए ड्रिल का है | सोशल मीडिया पर फैल रही अफ़वाहें झूठी और निराधार हैं|"
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