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फैक्ट चेक

क्या दिल्ली के पटपड़गंज में लॉकडाउन के दौरान सड़क पर नमाज़ अदा की गयी?

बूम ने पता लगाया की नमाज़ अदा करते लोगों का वायरल वीडियो लॉकडाउन लागू होने से पहले का है

By - Shraddha Tiwari | 14 May 2020 1:30 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक वीडियो निराधार दावे के साथ शेयर किया जा रहा है | दावा कहता है की दिल्ली के पटपड़गंज के इंडस्ट्रियल इलाके में लॉकडाउन के दौरान जारी नियमों को सैंकड़ो लोग साथ में नमाज़ पढ़ कर तोड़ रहे है |

यह वीडियो हाल में लागू हुए लॉकडाउन के चौथे चरण पर दी जाने वाली सूचनाओं के एलान से कुछ ही दिन पहले वायरल हुआ है | इस वीडियो में पटपड़गंज इलाके में इकट्ठा हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज़ अदा करते हुए देखा जा सकता है |

वायरल वीडियो के साथ लिखा कैप्शन कहता है: " #Lockdown4: दिल्ली के पटपड़गंज में हो रही है खुल कर सड़कों पर नमाज़, सरेआम कानून और Social Distancing की धज्जियां उड़ायी जा रहीं हैं, कोन जिम्मेदार? "

इस पोस्ट के ऑडियो में एक पुरुष की आवाज़ सुनाई जो वीडियो रिकॉर्ड करते हुए कहता है, "क्या इन्हे कोरोना से डर नहीं लगता ? ये बंद होना चाहिए |"

बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की असल वीडियो मार्च 20, 2020 का है और इसे लॉकडाउन लागू होने से पहले बनाया गया है | असल वीडियो में रिकॉर्डिंग करते हुए व्यक्ति को तारीख बताते सुना जा सकता है |

ये भी पढ़ें रोहिंग्या मुसलमानों की तस्वीर को लॉकडाउन में भारतीय श्रमिकों के पलायन से जोड़ कर किया गया शेयर

इस पोस्ट को नीचे देखे और इसका आर्काइव वर्ज़न यहाँ देखिये |

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फ़ैक्ट चेक

बूम को फ़ेसबुक पर कीवर्ड सर्च से पता चला की यह पोस्ट लॉकडाउन लागू किए जाने से पहले अपलोड किया गया था | केंद्र सरकार के निर्देशों पर राज्य सरकारों ने लॉक डाउन नियमित किया था जिसमें दिल्ली सरकार ने मार्च 23, 2020 को सुबह 6:00 बजे से लॉक डाउन लागू होने की घोषण की थी | इसे यहाँ पढ़े |

फ़ेसबुक पर वायरल यही वीडियो हमें मार्च 21, 2020 को अपलोड हुआ मिला | इस वीडियो के साथ लिखित कैप्शन का हिंदी अनुवाद इस तरह है: मक्का भी बंद हो चूका है तब भी ये लोग समस्या को ना मानने पर क्यों तुले है ? क्या यह सबकुछ बिगाड़ देना चाहते है (?) कृपया आपसे निवेदन है की इसे समझे और सामूहिक घेराव बंद करें यह धर्म के बारे में नहीं है, यह भगवान द्वारा दी गयी हमारी ज़िन्दगी के बारे में है |

वीडियो रिकॉर्ड करता हुआ व्यक्ति बीच में कहता भी है 'आज बीस तारीख है' जिससे साफ़ हो जाता है की वीडियो पहले शूट किया गया है ना की लॉकडाउन लागू होने के बाद |

इस पोस्ट के वीडियो को नीचे देखे और इसका आर्काइव वर्ज़न यहाँ पाए |

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इस वीडियो के एक शॉट को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमारे सामने ट्विटर पर फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर किये गए इसी वीडियो के कई ट्वीट्स आये |

हमें यही वीडियो ट्विटर पर मार्च 20 को शेयर किया गया मिला |


इनमें से एक नीचे देखे और बाकी यहाँ और यहाँ पाए |

हालाँकि हम इस वायरल वीडियो का सोर्स नहीं जान पाए पर हमारे समक्ष आयी जानकारी से इस बात की पुष्टि होती है की यह वीडियो दिल्ली का तो है लेकिन सबसे पहले हुए जारी लॉकडाउन के लागू होने से पहले का |

हमने मीडिया रिपोर्ट्स को भी ध्यानपूर्वक पढ़ा लेकिन इस मसले पर हमारे सामने कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं आयी जो इस वाकिये से मेल खाती हो |

ये भी पढ़ें सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर ने तेलंगाना में रमज़ान गिफ़्ट पैकेट्स के वितरण को लेकर किया झूठा दावा

बूम को एक लोकल चैनल पर प्रसारित न्यूज़ रिपोर्ट भी मिला जिसमे इस फ़र्ज़ी खबर की पोल खोली गयी है | P24News नामक चैनल के रिपोर्टर ने उसी सड़क पर - जहां की दरगाह स्थित है - दोबारा जा कर वीडियो बनाई और दिखाया की दरगाह फ़िलहाल बंद है | रिपोर्टर यह भी बताता है की पटपरगंज मेन रोड पर गाड़ियों का आवागमन इन दिनों पुलिस ने रोक रखा है |

रिपोर्टर फिर वही रहने वाले एक व्यक्ति से बात करता है जो बताता है की लॉक डाउन लागु होने के बाद से दरगाह पर नमाज़ नहीं ऐडा की गयी है | आखिरी नमाज़ लॉक डाउन लागू होने से एक रोज़ पहले पढ़ी गयी थी, वो व्यक्ति रिपोर्टर को बताता है |


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