करीब आधा मिनट लम्बी दो साल पुरानी एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जोर शोर से वायरल हो रही है| इस वीडियो को फ़र्ज़ी तरीके से नागरिकता संशोधन अधिनियम और एन.आर.सी से जोड़ा जा रहा है| वीडियो के साथ किया जा रहे दावे फ़र्ज़ी हैं|
यह वीडियो कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़रों द्वारा शेयर किया गया है| साथ में कैप्शन लिखा है: "कोई मीडिया यह नहीं दिखाएगी| 88 विधायक राजनाथ सिंह से मिले और कैब और एन.आर.सी बापस लेने की मांग की|"
एक दूसरे यूज़र ने लिखा, "अब इनसे नहीं होगा. 88 बीजेपी के संसद राजनाथ से गुप्त तौर पर मिले (मुझे लगता है उन्हें चौकीदार और तड़ीपार से कोई उम्मीद नहीं है) और सी.ए.ए और एन.सी.आर बापस लेने की मांग की|
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इन दावों में तथ्य झूठ हैं और बूम ने पाया की वीडियो सालों पुराना है जिसका हाल में पारित हुए अधिनियम से कोई सम्बन्ध नहीं है|
यह वीडियो बूम को हेल्पलाइन (7700906588) पर प्राप्त हुआ जहाँ यूज़र इसकी सत्यता की जानकारी चाहता है|
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आप पोस्ट्स नीचे देखें|
No media is ready to show this, 88 MP from BJP has met Rajnath Singh and requested to take back #NRC and #CAA @Shehla_Rashid @asadowaisi @Badtameez_01 @SaniaAhmad1111 @Ssaniya25 pic.twitter.com/uoAtnkizFb
— Hashmath (@Hashmat79549800) January 8, 2020
फ़ेसबुक पर वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च कर देखा और अगस्त 2018 में यूट्यूब पर अपलोड हुए कुछ वीडिओज़ तक पहुंचा| सबसे पुराना वीडियो 10 अगस्त 2018 को अपलोड किया गया प्रतीत होता है|
इन वीडिओज़ में हाथ जोड़ रहे शख़्स को यूट्यूब चैनल वन स्टार न्यूज़ ने बीजेपी के विधायक के रूप में पहचाना है| इसके अलावा इसी यूट्यूब चैनल के इंट्रोडक्शन में लिखा है: "इस्तीफा देने से पूर्व भाजपा विधायक राजेन्द्र सिंह गृहमंत्री राजनाथ सिंह से क्या बोले आप सब सुने 22% के चक्कर मे 75% को नाराज मत कीजिये , पीढ़िया बरबाद हो जायेगीं इससे, मैं आपसे भीख मांगता हूं, लेकिन किसी ने बीजेपी विधायक की भी नहीं सुनी"|
इसके अलावा एक अन्य यूट्यूब चैनल ने इसे एस.सी/एस.टी अधिनियम से जोड़ा है| इस वीडियो में, जो यूट्यूब पर 1 सितम्बर 2018 को अपलोड किया था, कहा है, "SC-ST एक्ट के विरोध में भाजपा विधायक ने राजनाथ को सौंपा इस्तीफा और कहा ये.... वीडियो वायरल"
फ़ेसबुक पर 2018 में कई यूज़रों ने इस वीडियो को शेयर किया था और इसे एस.सी/एस.टी अधिनियम से जोड़कर देखा था|
हालांकि बूम स्वतन्त्र रूप से वीडियो को सत्यापित नहीं करता परन्तु यह निश्चित करता है की वीडियो नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ हो रहे प्रदर्शन और राजनैतिक उथल पुथल से काफी पहले का है| इसे आज से सम्बंधित नहीं बताया जा सकता|