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फैक्ट चेक

क्या चीन ने अपने स्टॉक एक्सचेंज के लेन-देन की प्रणाली से डॉलर पेग को रद्द किया है ?

बूम ने छानबीन में ऐसा कोई आधिकारिक नोटिस नहीं पाया जिसमें यह लिखा हो की चीन ने अपनी मुद्रा को डॉलर से एक्सचेंज करना बंद कर दिया है |

By - Mohammed Kudrati | 6 May 2020 11:39 AM GMT

सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज का कहना है की चीन अपनी मुद्रा को संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉलर से पेग होने वाली स्टॉक एक्सचेंज की प्रणाली को त्यागने के लिए तैयार है | हालाँकि बूम को इस दावे की पुष्टि करने वाली कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली | पीपल्स बैंक ऑफ चीन - चीन का सेंट्रल बैंक - अब भी रोज़मर्रा की विनिमय दरें जारी कर रहा है जोकि चले आ रहे मुद्रा शासन के मुताबिक है और जहां बैंक के उप राज्यपाल ने हाल में कहा की वे डॉलर पेग की इस प्रणाली को निकट भविष्य में विस्तारित होते देख सकते है जब 7 युआन एक डॉलर के बराबर होंगे |

इस वायरल मैसेज का हिंदी अनुवाद नीचे पढ़े :

" चीन के अचानक लिए फ़ैसले ने दुनिया के कोने-कोने को झखझोर कर रख दिया

चीन ने पुरे विश्व को आज आश्चर्यचकित करते हुए यह निर्णय लिया की अब से डॉलर पेग को स्टॉक एक्सचेंज की लेन-देन की प्रणाली से रद्द किया जाएगा और आधिकारिक तौर पे निश्चय किया और डॉलर के बजाए चीनी युआन को आधिकारिक तरीके से लिंक करने का निर्णय भी लिया जोकि चीन के आर्थिक इतिहास में एक साहसिक और महत्वपूर्ण कदम है | जिसका मतलब है की अब डॉलर चीन की ट्रेडिंग प्रक्रिया में गैर मौजूदा हो गया है और अमेरिकी डॉलर चीनी युआन के मुक़ाबले तेज़ी से गिरने वाला है जिससे वैश्विक बाज़ारों में इसे तकलीफ़ हो सकती है | और सारे वैश्विक बाज़ार इस फैसले से दंग रह गए | यह खबर आज बीबीसी के वर्ल्ड न्यूज़ प्रोग्राम में चर्चा में आयी | यह एक आर्थिक लड़ाई है जो आगे चल एक विनाशकारी युद्ध में तब्दील हो सकती है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकेगा अगर अमेरिका इस समस्या का सामना मूर्खतापूर्ण तरीके से करे !! चीन 2021 विश्व पे राज करेगा | यह चीन का पुराना सपना था जिसे पूरा करने की इसकी मंशा कई दशकों या उससे भी पहले से थी |"

यह भी पढ़ें: कोरोनावायरस से बचाव संबंधित बाबा रामदेव के दावों का कोई वैज्ञानिक अध्ययन समर्थन नहीं करता

यह वायरल मैसेज इस गलत दावे के साथ भी शेयर हुआ जहां इसमें 'द गार्डियन' की एक रिपोर्ट का सहारा लिया जो पीबीओसी की हाल ही में लॉन्च हुई डिजिटल मुद्रा पर है | इससे पढ़ने वालों को गुमराह किया गया | चीन की डिजिटल मुद्रा अपने आप में किसी विकसित आर्थिक देश में जारी पहली डिजिटल मुद्रा है जिसे चीन के कुछ शहरी इलाकों में लागू किया गया है | इस मुद्रा को युआन से पेग किया जाएगा | मैसेज इसके बारे में यह कहता है की यह भी अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने के लिए चीन द्वारा अपनायी गयी तकनीक है जिसके ज़रिये एक वैकल्पिक भुगतान पद्धति बनायीं जा रही है जो राजनीतिक अनिश्चितता पर निर्भर नहीं होगी |

द गार्डियन द्वारा की गयी रिपोर्ट को यहाँ पढ़े |

बूम को यह मैसेज हेल्पलाइन (7700906111) पर कई बार मिला |


यह दावे फ़ेसबुक पर भी वायरल हुए है |

Full View

फ़ैक्ट चेक

विश्व की आम मुद्रा प्रणाली के विपरीत जहां विनिमय दरों का मूल्य बाजार की शक्तियों से निर्धारित होता है पीबीओसी रोज़ युआन को डॉलर से फ़िक्स करता है | असल में युआन इकलौती ऐसी मुद्रा है जोकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएम्एफ) के मुद्रा बास्केट (जिसमें येन, डॉलर, पाउंड और यूरो भी है ) में मुक्त रूप से प्रवाह करने वाली मुद्रा नहीं है | पीबीओसी एक " व्यवस्थित अस्थाई विनिमय दर " को संभालता है (सोनाली दास, आईएम्एफ आधार पत्र, मार्च 2019) जिसका अर्थ यह है की पीबीओसी रोज़मर्रा की विनिमय दरों को निर्धारित करता है और मुद्रा की ट्रेडिंग को तक़रीबन 2 प्रतिशत के फ़िक्सड पॉइंट पर ज़ारी रखता है (यहाँ पढ़े) | हाल की मौजूदा विनिमय दर (रोज़ाना की पेग दरें) अमेरिकी डॉलर की युआन के मुक़ाबले 7.0571 अप्रैल 30, 2020 को है |

बूम ने उचित कीवर्ड सर्च में ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं पायी जहां इस प्रणाली को हटाए जाने का ज़िक्र हो |

मार्च, 23 को पीबीओसी के उप-राज्यपाल चेन युलु ने कहा की उन्हें यह उम्मीद है की चीनी मुद्रा करीब 7 युआन के बदले एक अमेरिकी डॉलर की दर पर स्थिरता बनाये रखेगी और इसके लिए चीन के पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार का हवाला दिया | कई विश्लेषकों ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को इस बात पर टिप्पणी देते हुए बताया की यह जारी हुआ सबसे नया संकेत हो सकता है की पीबीओसी युआन को फिर से डॉलर से पेग कराने की तैयारी में है जिससे चीनी अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते स्थिरता मिले |

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बल्कि इस पेग विनिमय दरों की व्यवस्था को काफी समय चीन द्वारा अनुचित ट्रेडिंग के फ़ायदों में गिना जाता है । क्योंकि यह उन्हें अपनी विनिमय दरों को कृत्रिम तरीके से कम रखने देता है | जब मुद्रा दरें साल 2008 के बाद पहली बार कमज़ोर होकर 7 अमेरिकी डॉलर तक चली गयी तब अमेरिका ने चीन को मुद्रा में फेर-बदल करने वाला कह दिया | एक अमेरिकी कोष द्वारा दी गयी रिपोर्ट में भी इस फ़ेर बदल को मई, 2019 स्वीकारा गया और कहा गया की " ट्रेज़री चीन की मुद्रा व्यवसाय की प्रणाली पर चिंता बनाये रखती है विशेषकर डॉलर से संबंधित आरएम्बी में हो रहे ग़लत व्यवस्था और अल्प-मूल्यांकन को लेकर ।"

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