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फैक्ट चेक

क्या 1 अप्रैल से बैंक उन खातों को ब्लॉक कर देंगे जिनके पास एनपीआर कागज़ नहीं हैं?

बूम ने आरबीआई के प्रवक्ता से बात की जिन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल मैसेज फ़र्ज़ी है।

By - Anmol Alphonso | 13 March 2020 11:26 AM GMT

सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे अपने खातों से पैसे 1 अप्रैल 2020 से पहले निकाल लें। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि बैंक एनपीआर दस्तावेज मांग करने वाले हैं और जो ये दस्तावेज नहीं दिखाएंगें, उनके अकाउंट ब्लॉक कर दिए जाएंगे। हालांकि, भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रवक्ता ने इस ख़बर को ख़ारिज किया है और इस मैसेज को फ़र्ज़ी बताया है।

एनपीआर का मतलब नेशनल पापुलेशन रजिस्टर है। हाल ही में सरकार द्वारा एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंजूरी दी गई है। एनपीआर भारत देश में रहने वाले नागरिकों की एक सूची है। इसे इसे 2010 - 2011 में बनाया गया था और 2015 में अपडेट किया गया था और अप्रैल 2020 से इसे फिर से किए जाने का कार्यक्रम है। इसका विरोध करने वाले और यहां तक ​​कि पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों को डर है कि एकत्र किए गए आंकड़ों का इस्तेमाल संभावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए किया जाएगा।

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इस मैसेज के साथ हिंदी में कैप्शन दिया गया है जिसमें लिखा है, "जरूरी सुचना प्रत्येक व्यक्ति को सूचित किया जाता है की आने वाली " 31 मार्च 2020 ' से पहले पहले आपने पैसे सभी बैंक से । निकल लें " 01 अप्रैल 2020 " में " NPR " की डॉक्यूमेंट बैंक में मांगे जाएंगे जिस के पास डॉक्यूमेंट नहीं होगा उसका का अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाएगा इस सूचना को ज्यादा से । ज्यादा लोगों को शेयर करे । जय हिन्द।"


बूम को कई पाठकों ने व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन नंबर (7700906111) पर यह मैसेज भेजा है, जिसे नीचे देखा जा सकता है।

फेसबुक पर वायरल

फेसबुक पर वायरल कैप्शन की खोज करने पर हमने पाया कि इमेज फेसबुक पर भी झूठे दावे के साथ वायरल है।


अर्काइव के लिए यहां क्लिक करें।

फ़ैक्टचेक

बूम ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रवक्ता से संपर्क किया, जिन्होंने वायरल संदेश को ख़ारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि यह ख़बर ग़लत है और कहा की लोगों को ऐसी अफ़वाहें फैलाने से बचना चाहिए।

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आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर बैंको को 1 अप्रैल, 2020 से एनपीआर दस्तावेज जमा करने पर कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है।


यह पहली बार नहीं है कि बैंकों और एनपीआर को जोड़ते हुए ग़लत सूचनाएं फैलाई गई है।

इस साल के शुरुआत में केवाईसी के स्क्रीनशॉट वायरल हुए थे जिसमें कहा गया था कि बैंक केवाईसी प्रक्रिया के लिए एनपीआर दस्तावेज़ जरुरी बताए गए थे। बूम ने एनपीआर दस्तावेज़ और इसे किस तरह हासिल किया जाए, यह जानने के लिए तीन बैंकों से पूछताछ की थी। कोई भी बैंक बूम को यह बताने में सक्षम नहीं था कि इस दस्तावेज़ को कैसे प्राप्त किया जाए।

हालांकि, सभी बैंकों ने स्पष्ट किया कि यह भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में से यह केवल एक था।

आरबीआई दिशानिर्देश के अनुसार केवाईसी प्रक्रिया के लिए कई दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड। एनपीआर भी इनमें से एक है।

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