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फैक्ट चेक

फ़र्ज़ी: सी.ए.ए के ख़िलाफ प्रदर्शनकारियों ने जलाई हिन्दू देवताओं की तस्वीरें

यह वीडियो 2018 में फिल्माया गया था जो हाल के प्रदर्शनों से सम्बन्ध नहीं रखता|

By - Archis Chowdhury | 2 Jan 2020 1:18 PM GMT

यह वीडियो 2018 में फिल्माया गया था जो हाल के प्रदर्शनों से सम्बन्ध नहीं रखता

हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरों को जलाने वाला एक पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हो रहा है| कैप्शन जो इस वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा है, दावा करता है की यह नागरिकता संशोधन विधेयक (सी.ए.ए) के ख़िलाफ हो रहे प्रदर्शनों में हुई घटना है|

यह भी पढ़ें: क्या वीडियो से पता चलती है असम डिटेंशन सेंटर की क्रूरता?

एक ट्वीटर यूज़र डॉ. जयश्री नायर (@jayasreenair1) ने यह वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया: "शॉकिंग! इन मूर्खों की इतनी हिम्मत की हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें सी.ए.ए के ख़िलाफ प्रदर्शन में जलाएं? सी.ए.ए का हिन्दुओं से क्या लेना देना? उनका एजेंडा कुछ और है और @INCIndia & @cpimspeak के नेता इसे पाल रहे हैं| @PMOIndia @rashtrapatibhvn @VPSecretariat @AmitShah"

नायर के ट्वीट को भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी शेयर किया|

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का दावा, 2014 से एनआरसी पर सरकार द्वारा कोई चर्चा नहीं की गई

फ़ैक्ट चेक

बूम ने कीवर्ड खोज की और यूट्यूब पर एक लम्बे वीडियो तक पहुंचे| यह 3 सितम्बर, 2018 को अपलोड हुआ था| इसके साथ टाइटल था, भीम आर्मी एक्टिविस्ट्स हिन्दू देवताओं का अपमान करते हुए|

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आगे खोज करने पर हमें फ़ेसबुक पर इस वीडियो का और लम्बा वर्शन मिला जो अगस्त 2018 में पोस्ट किया गया था| इसके साथ कैप्शन था, "संघियों जिन्होंने संविधान की कॉपियां जलाई, उनके ख़िलाफ प्रदर्शन करते हुए युवा अम्बेडकरवादियों ने अशोकपुरम मैसूर में हिन्दुओं के देवताओं की तस्वीरें जलाई|" कन्नड़ में नारेबाजी सुनी जा सकती है|

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कीफ्रेम्स को मिलाने पर दोनों एक ही हैं इसकी पुष्टि होती है|


और फ़ेसबुक पोस्ट में मैसूर पुलिस और येदयुरप्पा को इनके ख़िलाफ कार्यवाही करने की मांग की गयी है|

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बूम इस वीडियो के साथ यूट्यूब और फ़ेसबुक पर किये गए दावे स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सकता पर इसके पुराने होने से यह स्पष्ट होता है की इसका सी.ए.ए के ख़िलाफ प्रदर्शन से सम्बन्ध नहीं है|

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