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फैक्ट चेक

क्या कर्नाटक राज्य प्रवेश परीक्षा में शामिल 5 हज़ार छात्र कोरोना संक्रमित हो गए?

बूम ने पाया कि फ़र्ज़ी दावा कर रहे न्यूज़ 18 के इस स्क्रीनशॉट को एडिट किया गया है

By - Mohammad Salman | 31 Aug 2020 3:03 PM IST

सोशल मीडिया पर न्यूज़ 18 और एनडीटीवी का स्क्रीनशॉट शेयर करके दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग की राज्य प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों में से 5 हज़ार कोरोना संक्रमित हो गए हैं । बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट फ़र्जी है ।

वायरल ग्राफ़िक्स में दावा किया गया कि कर्नाटक अंडर ग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट (COMEDK) के कर्नाटक के कंसोर्टियम ऑफ मेडिकल, इंजीनियरिंग और डेंटल कॉलेजों के लिए शामिल हुए 5 हज़ार छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए और उन्होंने वायरस अपने परिवार के सदस्यों में फैला दिया। न्यूज़18 के कथित स्क्रीनशॉट के मुताबिक कर्नाटक में परीक्षा के बाद 5,000 स्टूडेंट्स कोरोना पॉजिटिव हो गये थे जिसके बाद 57 अभिभावकों और दादा-दादी की मौत हो गयी।

फ़ेक स्क्रीनशॉट प्रमाणिक लगे, इसके लिए ग्राफ़िक्स को न्यूज़ 18 के वेब पेज की शक्ल दी गयी है। वायरल पोस्ट एक असली एनडीटीवी रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें 60 छात्रों की ख़बर है जो कर्नाटक में CET परीक्षा के लिए शामिल हुए थे और वे पहले से ही कोरोना पॉजिटिव थे। 


ये फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर ऐसे ही दावों के साथ वायरल है |

नीट और जेईई को लेकर क्या है विवाद?

वायरल न्यूज़ 18 वेबसाइट के ग्राफ़िक्स में हेडलाइन है कि '8456 छात्र क्वारंटीन हुए, 5371 छात्र कोविड-19 पॉज़िटिव और 57 मौतें' 

इसके बाद सब-हेडिंग में लिखा है 'COMDEK परीक्षा देने वाले कई छात्र कोविड-19 पॉज़िटिव, 57 अभिभावकों और ग्रैंडपेरेंट्स की मौत" और स्क्रीनशॉट में आर्टिकल पब्लिश होने की तारीख़ 20 अगस्त है। हेडलाइन में COMEDK की स्पेलिंग को COMDEK लिखा है, जो कि ग़लत है।

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वायरल पोस्ट के पीछे मंशा है कि दोनों फ़र्जी लेखों के सहारे यह दिखाया जा सके कि जिस राज्य में परीक्षा हुई है वहां बड़े पैमाने पर छात्रों व उनके परिवार के सदस्यों में कोरोना का संक्रमण बढ़ा है। मुख्य रूप से यह फ़र्जी पोस्ट छात्रों के उस व्यापक अभियान का हिस्सा है जिसमें सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के सितंबर में नीट-जेईई कराने के फ़ैसले का विरोध हो रहा है।

हाल ही में 25 अगस्त को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषणा की कि जेईई (मेंस) के लिए प्रवेश परीक्षा 1 से 6 सितम्बर और नीट की परीक्षा 13 सितम्बर को आयोजित होगी। इसके बाद से पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए परीक्षा स्थगित करने के लिए बहस और सोशल मीडिया कैंपेन शुरू हो गया। परीक्षा को स्थगित कराने के लिए ट्विटर सहित सोशल मीडिया में हैशटैग्स ट्रेंड कराये गए।

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के उपाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने न्यूज़18 और एनडीटीवी के न्यूज़ आर्टिकल का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए लिखा कि "ये तब हुआ जब पूरे देश में केवल 80,000 कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी, सोचिए अगर 28 लाख छात्र जब परीक्षा देने जाएंगे तो क्या नतीजा होगा! फिर भी वो कहते हैं कि छात्र अपनी भलाई के लिए फैसले नहीं ले सकते।"

आर्काइव यहां देखें

मार्च में जारी मास्क का यह सरकारी विज्ञापन अब क्यों वायरल हो रहा है!

नीट-जेईई परीक्षा को स्थगित करने के समर्थन में कई अन्य यूज़र ने इसी स्क्रीनशॉट के साथ दूसरे फ़र्जी दावे के साथ पोस्ट शेयर किया था।

आर्काइव यहां और यहां देखें |

फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि न्यूज़ 18 का स्क्रीनशॉट एडिट किया गया था और फ़र्ज़ी है जबकि एनडीटीवी के स्क्रीनशॉट को ग़लत संदर्भ में पेश किया जा रहा था।

मामले की तह तक जाने के लिए हमने अलग-अलग कीवर्ड के सहारे COMEDK परीक्षा से जुड़ी ख़बरें खंगाली लेकिन हमें ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली जो यह सत्यापित करे कि कर्नाटक मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल छात्रों को कोरोना हुआ या उनके परिवार के सदस्यों में से किसी की मौत हुई। हमने न्यूज़ 18 की वेबसाइट में इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट खंगाली लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं मिली।

स्क्रीनशॉट की पड़ताल करने पर पता चला कि फ़र्जी ग्राफ़िक्स न्यूज़ 18 की दूसरी रिपोर्ट को एडिट करके बनाया गया है। असल रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि इसमें COMEDK UGET 2020 की उत्तर कुंजी 23 अगस्त को जारी की जाएगी, के संबंध में जानकारी दी गयी है।

फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट और ओरिजिनल न्यूज़ रिपोर्ट में पब्लिश करने का समय शाम 4:56 बजे है।


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कोरोना संक्रमितों पर एनडीटीवी रिपोर्ट

एनडीटीवी के स्क्रीनशॉट में कोरोना से जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट COMEDK परीक्षा से सम्बंधित नहीं है बल्कि पहले से कोरोना संक्रमित छात्रों के बारे में हैं। जिन्हें सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए CET इंजीनियरिंग परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गयी थी।

एनडीटीवी के जिस रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट को ग़लत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है, उसमें कहा गया है कि CET की परीक्षा में शामिल 1.47 लाख छात्रों में से 60 छात्र कोरोना संक्रमित थे। इस रिपोर्ट में परीक्षा के दौरान सामाजिक दूरी, अलग-अलग बैठने की व्यवस्था और सुरक्षा सावधानियों के बारे में बात की गयी, ताकि कोरोना संक्रमित छात्र परीक्षा में शामिल हो सकें।

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