प्राकृतिक आपदाओं का तो जैसे दौर चल रहा है और साथ में उनसे जोड़कर फ़र्ज़ी ख़बरें फ़ैलाने की होड़ मची है सोशल मीडिया पर | अम्फान और टिड्डी दलों के घातक हमले से जुड़ी फ़र्ज़ी खबरों के बाद सोशल मीडिया पर आजकल उत्तराखंड की जंगलों में लगी आग की तस्वीरें काफ़ी शेयर की जा रही हैं | बूम ने पता लगाया की ये तस्वीरें पुरानी है और इंटरनेट पर यहाँ-वहाँ से उठा कर गलत दावों के साथ शेयर की गयी हैं |
फ़ेसबुक पर वायरल वीडियोज़ और पोस्ट्स के ज़रिये यह दावा किया जा रहा है की किस प्रकार राज्य के जंगल आग की लपटों से घिरे हुए हैं | इन पोस्ट्स में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है वो अलग-अलग वेबसाइट्स से उठाई गयी हैं |
अर्धनग्न तस्वीर के ज़रिये सोशल मीडिया पर हुई जामिया की छात्रा को टारगेट करने की कोशिश
बूम को ऐसा ही एक पोस्ट मिला जिसमे दो तस्वीरों के एक सेट के साथ कैप्शन है: है प्रभु रक्षा कीजिये ! इस समय पूरा विशव व भारत देश भीषण परेशानियों का सामना कर रहा है कोरोना तो है ही अभी बंगाल में अम्फान और फिर किसानों पर टिड्डी दल का हमला, इन से उभर ही रहे है की उत्तराखंड में जंगल मे आग लग गई 4 दिन से उत्तराखंड जल रहा है ईश्वर रक्षा करिये अब ओर पीड़ा मत दीजिये पशु पक्षी पेड़ पौधों को....पक्षियों की प्रजातियों और वन्यजीवों में से आधे से अधिक खतरे में हैं ! प्रभु जल्दी से जल्दी इन भीषण परेशानियों से दूर करें !
इस पोस्ट को नीचे देखे और आर्काइव्ड वर्ज़न यहाँ पाए |
ऐसे ही अन्य कई पोस्ट्स इन्ही तस्वीरों के साथ फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर किये गए हैं |
जंगल में लगी आग के कुछ वीडियोज़ भी ऐसे ही दावों के साथ वायरल हैं |
ट्विटर पर भी तस्वीरों को उत्तराखंड में लगी आग बताकर शेयर किया गया है |
उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग, तेज हवा के कारण नियंत्रित करना मुश्किल, कई हेक्टेयर जंगल साफ #UttarakhandForestFire #PrayForUttarakhand #Forestfire pic.twitter.com/VKs3nlEESY
— National Media Club (@NMC_today) May 26, 2020
फ़ैक्ट चेक
वायरल तस्वीरों के सेट को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें पता चला की यह कई अलग-अलग लेखों और वेबसाइट्स से ली गयीं हैं |
वायरल पोस्ट में शेयर की गयी पहली तस्वीर को सर्च करने पर हमें कोलंबिया मैगज़ीन का 2017 में प्रकाशित लेख मिला | इस लेख में वायरल पोस्ट की यह तस्वीर मौजूद है जिसे अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में लगी आग के दौरान लिया गया था |
हमें वायरल पोस्ट में दी गयी दूसरी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर अनूप नेगी नामक फोटोग्राफ़र द्वारा ली गयी 2012 में शिमला में लगी आग की तस्वीरें मिली जोकि फ़्लिकर नामक वेबसाइट पर मौजूद है और एक तस्वीरों के सेट का हिस्सा है |
हैदराबाद के मज़दूरों के विरोध को गुजरात का बताकर किया गया वायरल
इसी प्रकार की शेयर की गयी वायरल तस्वीरें दूसरे लेखों और वेबसाइट्स से ली गयी है | इन्हे यहाँ और यहाँ देखे |
बूम ने इसके बाद उत्तराखंड वन्य विभाग से संपर्क किया जहाँ बी.के.गांगटे - विभाग में फ़ॉरेस्ट फ़ायर के मुख्य संरक्षक - ने इन दावों को नकार दिया | पोस्ट का खंडन करते हुए उन्होंने कहा: " इस पोस्ट में दिखाई गयी तस्वीरें पूरी तरह से गलत है | हालाँकि उत्तराखंड में कुछ हिस्सों में आग तो लगी थी लेकिन वह इस मायने में नहीं है और हालात काबू में है | इस तरह के वाकिये हमारे यहाँ होते रहते है लेकिन यह तस्वीरें यहाँ की नहीं है | "
जगलों में लगी आग के दायरे के बारे में उन्होंने हमें बताया की अब तक इक्कठा हुए डेटा के मुताबिक पेड़ों को इतने बड़े पैमाने पर हानि नहीं पहुंची है जितना की इन वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है |
बूम से हुई बात-चीत में उन्होंने यह भी बताया की फ़र्ज़ी तस्वीरों को वायरल करने जाने वालो पर सख्त कार्यवाही की जाएगी | उत्तराखंड वन्य विभाग ने इस मामले पर दर्ज़ की गयी एक ऍफ़.आई.आर की कॉपी भी हमारे साथ शेयर की |
हमें ट्विटर पर ही उत्तराखंड वन्य विभाग के मुख्य संरक्षक द्वारा वायरल तस्वीरों के बारे में शेयर किया गया बयान भी मिला जो फ़ॉरेस्ट फ़ायर अफ़सर द्वारा दिए गए बयान से मेल खाता है |
Recently, there is a huge public outcry over the Uttarakhand Forests Fires with misleading & old images being shared on various social media platforms. The Uttarakhand Forest Department forest fire crews are at the forest fire points dousing the forest fires. (1/n) pic.twitter.com/dKoV2tpQd5
— Dr. PM Dhakate (@paragenetics) May 27, 2020