HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

दिल्ली में 36 सीटों पर बीजेपी बेहद कम अंतर से हारी? नहीं, यह फ़र्ज़ी है

बूम ने पाया की 36 सीटों पर बीजेपी के 2,000 से कम मतों के अंतर से हारने का दावा करने वाले पोस्ट चुनाव आयोग के आकड़ों से असमर्थित हैं|

By - Mohammed Kudrati | 13 Feb 2020 7:03 PM IST

व्हाट्सएप्प पर एक सन्देश वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि हाल में दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) ने 36 सीटों पर 2,000 से कम मतों के अंतर से हार का सामना किया है। लेकिन भारत के चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ें इस दावे का समर्थन नहीं करते हैं।

एक सीट के लिए जीत का अंतर या मार्जिन, जीतने वाले उम्मीदवार और उपविजेता के बीच प्राप्त मतों का अंतर होता है।

वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि 36 सीटों पर बीजेपी आसानी से जीत सकती थी। साथ ही

निम्नलिखित कथित जीत मार्जिन का हवाला भी दिया गया है -

  1. 8 सीटें बीजेपी 100 वोटों के अंतर से हारी
  2. 1000 से कम वोटों के अंतर से 19 सीटें हारीं
  3. 2000 से कम वोटों के अंतर से 9 सीटें हारीं

व्हाट्सएप्प फॉरवर्ड में यह भी कहा जा रहा है कि इन 36 सीटों (8 + 19 + 9) के साथ-साथ जिन 8 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की, उनके साथ बेजेपी कुल 44 सीटें जीत सकती थी, जो सरकार बनाने के लिए बहुमत से ज्यादा है।

यह भी पढ़ें: क्या विधायक अमानतुल्ला खान ने वाकई कहा हम बनेंगे 'शरिया'?

सन्देश यह दिखाने की कोशिश करता है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर थी।

बूम ने अपनी जांच में पाया कि 100-वोट के अंतर की सीमा से नीचे कोई सीट नहीं है,1000-वोट मार्जिन की सीमा के नीचे 2 सीटें और सिर्फ 1 सीट 2000-वोट मार्जिन सीमा से नीचे मिली है। यह आंकड़ा कुल तीन सीटों का है जो उन 36 सीटों के दावे से बहुत कम है|

11 फरवरी को घोषित किए गए चुनाव परिणामों में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रचंड जीत हासिल की है। आप ने 70 में से 62 सीटें जीती, बाकि की 8 सीट बीजेपी ने अपने नाम की है। कांग्रेस ने एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं की है।

बूम को अपनी हेल्पलाइन (7700906111) पर भी यह सन्देश मिला है।


बूम ने पाया कि यह सन्देश ट्वीटर पर भी वायरल है। यहां तक कि लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी (बीजेपी, कानपुर) ने भी ट्वीट कर यह जानकारी दी है। उनके ट्वीट को 1,300 से ज्यादा लाइक और करीब 600 बार रीट्वीट किया गया है।


बूम ने पाया कि यह मैसेज फ़ेसबुक पर भी व्यापक रुप से शेयर हो रहा है।

इसलिए, बूम ने जीत के मार्जिन की जांच करने के लिए चुनाव आयोग के आंकड़ों को बारीकी से देखा।

फ़ैक्ट चेक

भारत निर्वाचन आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 100 से कम के मार्जिन वाली कोई सीट नहीं हैं, और इसलिए उन दावों की पुष्टि नहीं करता है जिनमें कहा गया है कि 8 सीटें पर बीजेपी 100 से कम मतों के अंतर से हारी थीं।

1,000 से कम अंतर के साथ आप द्वारा जीती गई केवल 2 सीटें हैं। ये सीटें नीचे दी गई हैं:

Full View

बिजवासन में आप के भूपिंदर सिंह जून ( 57,271 वोट प्राप्त कर ) ने बीजेपी के सत प्रकाश राणा को ( 56,518 वोट ) 753 वोटों के अंतर से हराया और इस चुनाव में यह जीत का सबसे कम अंतर है।

जीत का दूसरा सबसे कम अंतर लक्ष्मी नगर सीट पर दर्ज़ किया गया जहां बीजेपी के अभय वर्मा ( 65,735 वोट) और आप विधायक नितिन त्यागी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। त्यागी को 64,855 वोट मिले। इस मुकाबले में जीत का अंतर सिर्फ 880 वोटों का था|

एक सीट ऐसी भी है जहां जीत का अंतर 2000 मतों से कम है।

आदर्श नगर में, आप विधायक पवन शर्मा ( जिन्होंने कुल 46,892 वोट प्राप्त किया ) ने 1,589 वोटों के साथ अपनी सीट पर कब्जा किया। उनके विरोधी बीजेपी के राज कुमार भाटिया को 45,303 मत प्राप्त हुए। यह मार्जिन हाल के दिल्ली चुनावों में देखा गया तीसरा सबसे कम है।

चौथा सबसे छोटा अंतर कस्तूरबा नगर सीट पर देखा गया, जब वर्तमान आप विधायक मदन लाल ने भाजपा के रविंदर चौधरी के ख़िलाफ 3,165 वोटों के अंतर के साथ अपनी सीट बरकरार रखी। यह मार्जिन वायरल मैसेज द्वारा दावा किए जा रहे 2,000 वोटों की ऊपरी सीमा से बहुत ज्यादा है।

डेटा केवल तीन सीटों को दिखाता है जिसमें 2,000 से कम मतों का अंतर है और 36 सीटों का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है।

भारत निर्वाचन आयोग के आधिकारिक आंकड़े यहां देखे जा सकते हैं।

बूम ने दिल्ली चुनाव से जुड़ी टॉप सात फ़र्ज़ी समाचारों की जांच की है, जिसे नीचे देखा जा सकता है।

Full View


Tags:

Related Stories