एक वीडियो वायरल है जिसमें लखनऊ के घण्टा घर (क्लॉक टॉवर) पर एक मुस्लिम महिला प्रदर्शनकारी एक रिपोर्टर को यह बताते हुए दिखाई देती है कि महिलाओं को नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में भाग लेने के लिए 500 रुपये और बिरयानी के साथ लालच दिया जा रहा है| यह वीडियो के साथ दावे झूठे और वीडियो अधूरा है।
बूम ने पाया कि फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल हुई 23 सेकंड की क्लिप ग़लत तरीके से काटी गई है। वीडियो के लंबे रूप में, समीरा नाम की महिला शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी द्वारा सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में बात कर रही है। रिज़वी ने आरोप लगाया कि लखनऊ में सीएए का विरोध करने के लिए प्रदर्शनकारियों, विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं को मुफ्त उपहार का लालच दिया है। रिज़वी ने यह भी कहा की यह महिलाएं चरित्रहीन हैं|
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दिल्ली के शाहीन बाग की तरह, लखनऊ के घण्टा घर में मुस्लिम महिलाएं नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ लगातार धरने-प्रदर्शनों में सबसे आगे रहीं है।
कटे हुए वीडियो को हिंदी में एक व्यंग्यात्मक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है,"कांग्रेस वालों कुछ तो शर्म करो, एक अबला खातून 500₹ और बिरयानी में कैसे अपना घर चलाएगी,लोगों का शोषण कर रहे हो, ऊपर से लखनऊ पुलिस वहां डांसिंग कार भी खड़ी नही होने दे रही, ऐसे कैसे चलेगा।"
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वीडियो नीचे देखा जा सकता है। अर्काइव वर्शन तक यहां और यहां पहुंचा जा सकता है।
कांग्रेस वालों कुछ तो शर्म करो,एक अबला खातून 500₹ और बिरयानी में कैसे अपना घर चलाएगी,लोगों का शोषण कर रहे हो ,ऊपर से लखनऊ पुलिस वहां डांसिंग कार भी खड़ी नही होने दे रही , ऐसे कैसे चलेगा 🙈🙈🙈🙈 pic.twitter.com/KWHPCBhsYX
— Vivek Mishra (@PrayagrajWale) January 23, 2020
कटे हुए वीडियो में मुस्लिम महिला रिपोर्टर को यह कहते दिखाई देती है कि "महिलाओं को 500 रुपये देकर और बिरयानी खाने के लिए बुलाया जा रहा है, मुख्य रूप से बिरयानी खाने के लिए, महिलाओं को यहां रुकने के लिए बुलाया जा रहा है। अब आप मुझे बताएं, आज की दुनिया में 500 में क्या किया जा सकता है। महिलाएं अपने घर, अपने बच्चे, अपने पति, अपने माता-पिता, अपनी शिक्षा, सब कुछ छोड़ कर क्या वे यहां आएंगी? "
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क्लिप से ऐसा लगता है कि महिला न केवल विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 500 रुपये प्राप्त करना स्वीकार कर रही है, बल्कि यह भी शिकायत कर रही है कि राशि कितनी कम है। बूम ने पाया कि दोनों दावे झूठे हैं।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो की बारीकी से जांच की और पाया कि क्लिप अचानक समाप्त हो जाती है। वीडियो क्लिप के ऊपरी बाएं कोने पर एक 'लखनऊ लाइव' का लोगो देखा जा सकता है।
हमने लखनऊ लाइव नाम के फ़ेसबुक पेज का पता लगाया, जिसने 19 जनवरी, 2020 को यह वीडियो अपलोड किया गया था।
वीडियो की शुरुआत पुरुष रिपोर्टर द्वारा महिला से सवाल पूछने से होती है। रिपोर्टर महिला से शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी द्वारा लखनऊ के घण्टा घर पर विरोध करने वाली महिलाओं के ख़िलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में पूछता है। हाल ही में एक वीडियो में रिज़वी ने घण्टा घर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर 'खराब चरित्र' का आरोप लगाया और कहा कि महिलाओं ने विरोध करने के लिए पैसे लिए और 'लखनऊ के माहौल को बर्बाद कर रही हैं'। ( रिजवी की टिप्पणी यहां देखें)
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सवाल के जवाब में महिला कहती है, "उन्होंने (वसीम रिजवी) कहा कि महिलाओं को 500 रुपये देकर और बिरयानी खाने के लिए बुलाया जा रहा है, मुख्य रूप से बिरयानी खाने के लिए, महिलाओं को यहां रहने के लिए बुलाया जा रहा है। महिलाएं अपना घर, अपने बच्चे, अपने पति, अपने माता-पिता, अपनी शिक्षा सब कुछ छोड़कर यहां आने के लिए निकल रही हैं। आप बताओ आज कल 500 रूपए में क्या होता है, उससे अधिक (500 रुपये) एक मुस्लिम महिला ज़कात में देती है। जब वह लाखों, हजारों जकात में दे देती है तो 500 रुपये का क्या मूल्य है। फिर वह 500 रुपये के लिए यहां (घंटा घर) क्यों आएंगी।"
(ज़कात एक अनिवार्य ऐसे योगदान से है जिसे प्रत्येक मुसलमान को इस्लामी सिद्धांत के तहत देने की आवश्यकता है।)
महिला की संपूर्ण प्रतिक्रिया नीचे देखी जा सकती है।
यही वीडियो यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है।