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फैक्ट चेक

स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का पुराना वीडियो बाढ़ के फ़र्ज़ी दावों के साथ जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि वीडियो करीब एक साल पुराना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया है ।

By - Nivedita Niranjankumar | 28 July 2020 2:44 PM GMT

करीब साल भर पुराना एक वीडियो क्लिप जिसमें गुजरात में नर्मदा नदी पर बने स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को बाढ़ के पानी में घिरा हुआ देखा जा सकता है इन फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है कि ये स्थिति हाल में आये बाढ़ के बाद उत्पन्न हुई है ।

बूम ने पाया कि वीडियो पिछले साल सितंबर में रिकॉर्ड किया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया था । हमनें सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड से भी बात की जो इस स्टेचू की देख रेख करता है| उन्होंने इस वीडियो के पुराने होने की पुष्टि की और कहा की कई कदम उठाए जा रहे हैं ताकि स्टेचू और उसके आसपास की जगह सुरक्षित रहे ।

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वीडियो आसमान से रिकॉर्ड किया गया है जो करीब 3,000 करोड़ की लागत से बनी सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति को पानी में घिरा हुआ दिखाता है । यह दुनिया की सबसे ऊँची स्टेचू है जिसका नाम 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' रखा गया है । गुजरात के साधू-बेट टापू पर स्थित सरदार पटेल की ये प्रतिमा नर्मदा नदी के किनारे खड़ी है | इसका उद्घाटन वर्ष 2018 हुआ था |

इस वीडियो क्लिप के साथ एक कैप्शन भी है 'देश का 3000 करोड़ रुपया बह गया पानी मे।' इसके अलावा एक और कैप्शन वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है 'देश का 3000 करोड़ रुपया बह गया पानी मे जिस देश मे करीबन 1 करोड़ लोग रोज भूखे सोते हैं बेगैर इलाज के रोज लाखों मर रहे हैं उस देश मे इतनी क़ीमती मूर्ती शोभा नहीं देता"

नीचे ऐसे ही कुछ पोस्ट्स देख सकते हैं और इनका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |

Full View


Full View

यही वीडियो क्लिप ट्विटर पर भी पिछले दो तीन दिनों में कई दफा शेयर की गयी है |

यही वीडियो एक और कैप्शन के साथ भी वायरल (आर्काइव) है जिसमे कहा गया है 'घनघोर बारिश में भारत की अखंडता का संदेश देते हुए Statue of Unity का यह वीडियो' |

तेंदुए और गाय की यह तस्वीर असम से नहीं गुजरात से है

फ़ैक्ट चेक

बूम ने जब वीडियो के कीफ्रेम्स में से एक को रिवर्स इमेज सर्च पर डाल कर देखा तो पाया कि वीडियो पिछले साल 17 सितंबर 2019 को फ़िल्माया गया था । इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया था ।

इस ट्वीट में लिखा है: "कुछ देर पहले ही केवडिया पहुँचा हूँ । देखिये भव्य 'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' को जो महान सरदार पटेल के नाम भारत की श्रद्धांजलि है" ।

हमनें आर.जी कानूनगो से बात की जो सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के सुपेरिंटेंडिंग इंजीनियर हैं ।

उन्होंने बूम को बताया, "स्टेचू पीतल से बना है जिसपर जंग नहीं लगती है ।" इसके अलावा उन्होंने हमें ये भी बताया कि स्टेचू के इलाके में हाल में इतनी बारिश नहीं हुई है जो इतना मटमैला पानी हो जाए जितना वीडियो में दिख रहा है ।

जबकि स्टेचू पर बारिश का फ़र्क नहीं पड़ा पर 2019 के मानसून में 'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' की गैलेरी में पानी भर गया था । वहाँ गए पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर इस हालत में स्टेचू की तस्वीरें और वीडिओज़ शेयर किए थे । इस स्टेचू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट कर बताया था कि स्टेचू विज़िटर्स के लिए बनाया गया था ताकि वह पूरी तरह से इसका मज़ा ले सकें ।

इस बात के जवाब में की बारिश का स्टेचू के आसपास क्या फ़र्क पड़ेगा, कानूनगो ने बताया, "गैलेरी और आसपास की जगहों में सुरक्षा के इंतेज़ाम हैं । हम सरदार पटेल के स्टेचू पर छाता नहीं लगा सकते हैं, है ना? यह पीतल के स्टेचू है इसे कुछ नहीं होगा । वायरल पोस्ट्स भ्रामक हैं ।"

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