सोशल मीडिया पर 2018 में दिल्ली में किसान मुक्ति मार्च के दो साल पुराने बैनर की एक तस्वीर वायरल हो रही है। बैनर की तस्वीर को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
वायरल बैनर की तस्वीर में लिखा है: "न मोदी, न योगी, न जय श्री राम / देश पे राज करेगा तो मज़दूर किसान!"
केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानून (farm law) के ख़िलाफ़ किसानों का प्रदर्शन आज 2 दिसंबर को भी जारी है। नए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ हज़ारों की तादाद में पंजाब, हरियाणा के किसान 'दिल्ली चलो' (Delhi Chalo) मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्हें रास्ते में वाटर कैनन (water cannons) और आंसू गैस (tear gas) के गोलों का सामना करना पड़ा है। इसी पृष्ठभूमि में तस्वीर फ़र्ज़ी दावे से शेयर की जा रही है।
कैसे एक मुस्लिम व्यक्ति की तस्वीर गलत तरीके से किसान प्रदर्शन के ख़िलाफ़ हुई इस्तेमाल
बूम ने पाया कि तस्वीर किसान मुक्ति मार्च की है जो 29 नवंबर और 30 नवंबर, 2018 को आयोजित की गई थी। मार्च के आयोजकों में से एक पुरुषोत्तम शर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ने बूम को बताया कि 2018 मार्च के लिए बैनर बनाया गया था।
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "अगर ये किसान आंदोलन ही है, तो इसमें हिन्दूओं के ख़िलाफ़ विरोध क्यों हो रहा है?"
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असदुद्दीन ओवैसी और स्मृति ईरानी की यह तस्वीर कब की है?
फ़ैक्ट चेक
बूम ने फ़ेसबुक पर 'न योगी, न मोदी, न जय श्रीराम' कीवर्ड के साथ सर्च किया तो बैनर की एक अन्य तस्वीर मिली।
वायरल तस्वीर में बैनर पर आल इंडिया किसान महासभा (AIKM) का नाम देखा जा सकता है। एआईकेएम दूसरे प्रदर्शनकारियों के प्लेकार्ड में भी लिखा देखा जा सकता है।
हमने आल इंडिया किसान महासभा के फ़ेसबुक पर जाकर देखा तो 2018 की दो तस्वीरें मिलीं। 4 दिसंबर 2018 की एक तस्वीर दूसरे एंगल से उसी बैनर को दिखाती है।
28 नवंबर 2018 को अपलोड हुई एक अन्य तस्वीर दो बैनरों को फ़र्श पर पड़े दिखाती है। वायरल तस्वीर में बैनर आंशिक रूप से दिखाई रहा है, 'श्रीराम' और 'AIKM' को देखा जा सकता है।
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बूम ने आल इंडिया किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने बताया कि नई दिल्ली में 29-30 नवंबर 2018 को किसान मुक्ति मार्च के दौरान तस्वीर ली गयी थी।
29-30 मार्च 2018 को किसान मुक्ति मार्च का आयोजन आल इंडिया किसान समन्यव समिति द्वारा किया गया था। देशभर के किसान संसद में कृषि से जुड़ी समस्याओं के लिए विशेष सत्र की मांग को लेकर नई दिल्ली की तरफ़ मार्च किया था।