ईरानी रेवोलुशनरी गार्ड कॉर्प्स (आई.आर.जी.सी) और ईरानी आर्म्ड फाॅर्स की सर्वोत्तम टुकड़ी ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के इराक़ स्थित दो सैन्य ठिकानों पर करीब एक दर्ज़न मिसाइल दागी हैं, आई.आर.जी.सी और यु.एस आत्मरक्षा संस्थाओं ने पुष्टि की है|
यह हमला बुधवार सुबह किया गया जो ईरान-यु.एस के बीच बढ़ रहे तनाव का ताज़ा चिन्ह है, जो यु.एस द्वारा ईरानी उच्च मिलिट्री जनरल क़सम सुलेमानी को मारने के बाद से और भयानक हो गया है| सुलेमानी की मौत यु.एस द्वारा 3 जनवरी को किये गए एक हवाई हमले में हुई थी|
ईरान द्वारा यह हमले इराकी-कुरदीश क्षेत्र एरबिल, यु.एस द्वारा नेतृत्व वाले इराक़ स्थित एक संयुक्त बल के बेस और यु.एस सेना के अंबर इलाके में स्थित ऐन अल-असद बेस पर किये गए थे|
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यह बात चौकाने वाली नहीं है क्योंकि सुलेमानी की मौत के बाद ईरान के "कठोर बदले" की कसम खाई थी|
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एक स्थानीय न्यूज़ संस्था तस्नीम के अनुसार, आई.आर.जी.सी ने एक स्टेटमेंट दिया है जिसमें वादा है की यु.एस द्वारा और कोई कदम उठाए जाने पर प्रतिरोध करेंगे| ईरान के विदेश मंत्री, मुहम्मद जावद ज़रीफ़ ने ट्वीट कर कहा की ईरान ने उन ठिकानों को निशाना बनाया जहाँ से "नागरिकों और बृद्ध ऑफिसरों" पर हमले किये गए थे|
Iran took & concluded proportionate measures in self-defense under Article 51 of UN Charter targeting base from which cowardly armed attack against our citizens & senior officials were launched.
— Javad Zarif (@JZarif) January 8, 2020
We do not seek escalation or war, but will defend ourselves against any aggression.
एक भाषण में ईरान के मुख्य नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनै ने हमले को सफ़ल बताया और अधिक बल से उत्तर देने की बात कहीं, यदि यु.एस प्रतिशोध की सोच रहा है|
अलग देश, अलग-अलग मरने वालों की संख्या
अमेरिकन, इराक़ी और ईरानी सूत्रों से आ रही ख़बरों में हवाई हमले में मरने वालों की एक जैसी संख्या नहीं है| हमले की पुष्टि करते हुए अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर लिखा, "ऑल इस वेल" और इस बात को बनाए रखा की अमेरिका ने मरने वालों की और छति का आकलन कर लिया था, यह भी कहा की वो जल्द ही बयान जारी करेंगे|
All is well! Missiles launched from Iran at two military bases located in Iraq. Assessment of casualties & damages taking place now. So far, so good! We have the most powerful and well equipped military anywhere in the world, by far! I will be making a statement tomorrow morning.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 8, 2020
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तथापि, एक एडमिन अधिकारी ने कहा था की शून्य मौतें हुई हैं पर अभी कोई भी संख्या देना जल्दबाज़ी होगी| वहीँ दूसरी तरफ, ईरान ने एक संख्या जारी की जिसमें कहा गया की, 80 "अमेरिकी आतंकवादी" मारे गए, ईरानी मीडिया के अनुसार, यह भी कहा गया की कोई मिसाइल नहीं पकड़ी गयी है और कई मिलिट्री हेलीकॉप्टर एवं सामान छतिग्रस्त हुए हैं| यह संख्या किसी दूसरे सूत्र से सत्यापित नहीं की गयी| इराक़ी सुरक्षा सूत्रों ने भी कहा की इराक़ी लोग मारे गए हैं, लेकिन इराक़ी सुरक्षा संगठनों ने बाद में सी.एन.एन से कहा की कोई मिलिट्री के शख़्स की जान नहीं गयी है|
घटनाओं की कड़ी में पांचवी घटना
जैसे को तैसा करते हुए, मिसाइल हमला ईरान और यु.एस के बीच इन घटनाओं में पांचवी बड़ी घटना है| यह सिलसिला इराक़ में 27 दिसंबर को शुरू हुआ था| एक अमेरिकन कांट्रेक्टर राकेट हमले में किरकुक, इराक़ में मारा गया, जिसके साथ यु.एस और इराक़ी सरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे| यु.एस ने ईरानी समर्थित टुकड़ी कतेब हेज़बोल्लाह (लेबनान के हेज़बोल्लाह से असंबंधित) पर शंका जारी की थी| दूसरी घटना तब हुई जब दो दिनों बाद 29 दिसंबर को अमेरिका ने बदला लेने के लिए कतेब हेज़बोल्लाह पर इराक़ और सीरिया में हमला किया जिसमें करीब दो दर्ज़न मिलिशिया के लोग मारे गए|
इसके दो तीन बाद इस कड़ी में तीसरी घटना जुडी जब हवाई हमले के बाद ईरान समर्थित प्रदर्शनकारियों ने मिलिया के सदस्यों की अंत्येष्ठि के बाद बगदाद में यु.एस दूतावास के सामने धरना दिया था| कतेब हेज़बोल्लाह के नेता मेहदी-अल-मुहंदीस ने कई और मिलिशिया सदस्यों के साथ यु.इस दूतावास तक जुलूस निकाला था| प्रदर्शन कुछ ही वक़्त में उग्र हो गए जिसमें ईरान समर्थन के और ईरान विरोधी नारे लगाए गए| प्रदर्शनकारियों ने दूतावास परिसर में उत्पात मचा दिया था|
इसके चलते अमेरिका ने एक सलाह जारी की कि अमेरिकी नागरिक तुरंत इराक़ से निकल जाएं एवं मदद के लिए दूतावास न जाएं| इसके अलावा ईरान को धमकी भी दी कि यदि जान या माल कि छति हुई तो ईरान ज़िम्मेदार होगा|
....Iran will be held fully responsible for lives lost, or damage incurred, at any of our facilities. They will pay a very BIG PRICE! This is not a Warning, it is a Threat. Happy New Year!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 31, 2019
प्रदर्शनकारी दूतावास परिसर से 1 जनवरी को पीछे हट गए| हाल के मिसाइल हमले में सुलेमानी कि मौत ने आग में घी का काम किया| सुलेमानी को ईरान में दूसरा सबसे ताक़तवर शख़्स माना जाता था|
डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर एक यु.एस रीपर ड्रोन ने एक एक कारों के क़ाफ़िले पर हमला किया जिसमें सुलेमानी और मुहंदिस के साथ 10 और ईरानी और इराक़ी लोग मारे गए| इस हमले के बाद ईरानी सरकार ने तीन दिन शोक के लिए घोषित किये जिसमें सुलेमानी के अंतिम संस्कार में हज़ारों लोग ईरान कि सड़कों पर उतरे| खमैनी ने सुलेमानी को शहीद कि उपाधि दी|
मिसाइल हमले पर दुनिया कि प्रतिक्रिया
दुनिया भर के देशों ने इस शंघर्ष में सरिक सारी पार्टियों को तनाव कम करने को कहा है| यु.एस ने अपनी एयरलाइन्स को ईरानी और इराक़ी एयरस्पेस इस्तेमाल करने से रोक दिया है| इसके अलावा ओमान कि खाड़ी के ऊपर के एयरस्पेस पर भी प्रतिबन्ध है| इसके अलावा, यात्रियों कि सुरक्षा के मद्देनज़र एयरइंडिया, मलेशियन एयरलाइन्स और एमिरेट्स एयरलाइन्स ने भी ईरानी और इराक़ी एयरस्पेस इस्तेमाल करने से मना किया है|
बुधवार को भारत ने इराक़ में गैर जरुरी यात्रा के ख़िलाफ एक यात्रा सुझाव जारी किया| यूनाइटेड किंगडम ने भी तनाव कम करने कि मांग करते हुए गैर जरुरी यात्रा पर सुझाव जारी किया|
कई देश जैसे न्यू ज़ीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क ने साफ़ किया कि उनकी सेना को कोई परेशां नहीं है| इन देशों कि सेना टुकड़ियां गठबंधन के चलते इराक़ में हैं| ब्रेंट का कच्चा तेल 1.4% कि बृद्धि देखते हुए $69.21 प्रति बैरल होगया और चीन, जापान, होन्ग कोंग, भारत, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया में स्टॉक सूचकांक लाल कि और बढ़ रहे थे|
सुलेमानी कि मौत पर मंडराती फ़र्ज़ी खबरें
हवाई हमले के बाद फ़र्ज़ी खबरें वायरल हुई, बूम ने एक वीडियो गेम का फुटेज देखा जिसे सुलेमानी कि मौत के वक़्त कि रिकॉर्ड बताया जा रहा था|
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