बीते 12 फ़रवरी को टीवी चैनल ज़ी उत्तरप्रदेश उत्तराखंड ने एक ख़बर चलाते हुए यह दावा कि भारत सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगी रोक को हटा दिया है. रोक हटने के बाद पुराने वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) को रिन्यू यानी फ़िर से बनवाया जा सकता है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि भारत सरकार की तरफ़ से ऐसा कोई आदेश ज़ारी नहीं किया गया है. दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगी रोक अभी भी बरकरार है.
ज़ी उत्तरप्रदेश उत्तराखंड ने “Delhi : आपकी खबर आपका फायदा, पुराने डीजल, पेट्रोल वाहन से जुड़ी बड़ी खबर, 10 साल पुराने डीजल वाहन पर पाबंदी खत्म” कैप्शन के साथ के इस ख़बर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है. ख़बर वाले वीडियो में भारत सरकार के एक आधिकारिक दस्तावेज की फ़ोटो भी मौजूद है.
इसके अलावा यह दावा फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी काफ़ी वायरल है. वायरल दावे को भारत सरकार के राज्य परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से ज़ारी की गई एक अधिसूचना की तस्वीर के साथ शेयर किया जा रहा है. अधिसूचना में तारीख़ 22 दिसंबर 2022 और ज़ारी करने के स्थान के रूप में नई दिल्ली लिखा हुआ है.
फ़ेसबुक पर वायरल दावे से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें हिंदुस्तान टाइम्स ऑटो की वेबसाइट पर 14 फ़रवरी 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय का स्पष्टीकरण शामिल था, जिसमें उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया था.
रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की तरफ़ से लगाया गया और सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन पर बरक़रार रखा गया प्रतिबंध अभी भी ज़ारी है.
इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय का सोशल मीडिया अकाउंट खंगाला तो हमें उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से 13 फ़रवरी 2023 को शेयर किया गया एक ट्विटर थ्रेड मिला.
सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि सोशल मीडिया में एक फ़र्ज़ी खबर चल रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन पर एनजीटी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की अधिसूचना जारी की है.
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए आगे लिखा कि यह भी दावा किया जा रहा है कि ऐसे वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र को 5,000 रुपये के भुगतान से रिन्यू कराया जा सकता है. लेकिन मंत्रालय यह स्पष्ट करना चाहता है कि NGT द्वारा लगाया गया और भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखा गया यह प्रतिबंध अभी भी लागू है.
इसके अलावा परिवहन मंत्रालय ने ट्विटर थ्रेड में उस अधिसूचना के बारे में भी स्पष्टीकरण दिया, जिसकी तस्वीर वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही है. मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 22 दिसंबर 2022 को मंत्रालय की तरफ से प्रकाशित की गई यह अधिसूचना पुरानी या पहले से पंजीकृत वाहनों की ख़रीद-ब्रिकी को लेकर है और इसका एनजीटी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से कोई लेना देना नहीं है.
जांच में हमें पीआईबी(PIB) की वेबसाइट पर वह अधिसूचना भी मिली. वेबसाइट पर यह भी बताया गया है कि सरकार ने इस अधिसूचना के ज़रिए पुरानी गाड़ियों की ख़रीद बिक्री करने वाले कंपनियों को लेकर नए नियम जारी किए हैं. नए नियमों के अनुसार इन कंपनियों को पुरानी गाड़ियों की ख़रीद-बिक्री के लिए सर्टिफिकेट हासिल करना होगा. इसके अलावा अधिसूचना में कई अन्य नियमों को भी शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने 26 नवंबर 2014 को दिए गए एक आदेश में 15 साल से पुराने वाहनों के दिल्ली में चलने पर रोक लगा दी थी. बाद में प्राधिकरण ने 2015 में एक आदेश में 10 साल से पुराने डीजल वाहन के भी दिल्ली-एनसीआर में चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिए गए अपने आदेश में इन प्रतिबंधों को बरक़रार रखा था. तब से लेकर अबतक दिल्ली में करीब 54 लाख से भी ज्यादा पुराने वाहनों को गैरपंजीकृत किया जा चुका है.