सोशल मीडिया पर टीवी चैनल ज़ी बिजनेस का एक वीडियो क्लिप काफ़ी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में एंकर 20 जनवरी से बैंकिंग नियम बदलने की जानकारी दे रही हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि बैंकों ने ये नियम नए साल यानी 2023 को लेकर ज़ारी किए हैं.
हालांकि बूम ने जांच में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो क्लिप ज़ी बिजनेस के चैनल पर साल 2018 में चले एक बुलेटिन का हिस्सा है.
वायरल वीडियो 2 मिनट 48 सेकेंड का है. इसमें एंकर कहती हुई नज़र आ रही है कि 20 जनवरी से बैंकिंग के नियम बदल रहे हैं. नए नियमों के अनुसार अब सेल्फ़ चेक से अधिकतम सिर्फ़ 50 हजार रुपए की निकासी हो पाएगी और इसके लिए बैंक 10 रुपए की फ़ीस लेगा.
वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि अब सेविंग अकाउंट में प्रतिदिन अधिकतम 2 लाख़ का कैश ही जमा होगा. हालांकि सिर्फ़ 50 हजार रुपए ही जमा करना फ्री होगा लेकिन उसके बाद प्रति हजार पर 2.50 रुपए फ़ीस देनी होगी.
इसके अलावा करेंट समेत अन्य अकाउंट पर प्रतिदिन सिर्फ़ 25 हजार ही ज़मा करना फ्री होगा और उससे ऊपर के लिए प्रति हजार 2.50 रुपए की फ़ीस देनी होगी. इतना ही नहीं इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के लिए भी 25 रुपए लगेंगे. पिन और पासवर्ड के लिए भी 10 रुपए देने होंगे.
वायरल वीडियो को फ़ेसबुक पर अंग्रेज़ी में लिखे गए कैप्शन के साथ साझा किया गया है. कैप्शन के हिंदी अनुवाद के अनुसार "बैंकों के ये नियम 2023 के लिए हैं".
बूम को यह वीडियो अपने व्हाट्सएप टिपलाइन नंबर (7700906588) पर भी मिली है.
फ़ैक्ट चेक
बूम को वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान वीडियो में अंग्रेज़ी में लिखा DNA Money लिखा दिखाई दिया. इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से ट्विटर सर्च किया तो हमें ज़ी बिजनेस के ट्विटर अकाउंट से 5 जनवरी 2018 को किया गया वीडियो रिपोर्ट मिला. यह वीडियो रिपोर्ट वायरल वीडियो का लंबा वर्जन था.
"20 जनवरी से महंगी हो जाएगी बैंकिंग ! देखिए, किस काम के लिए कितना चार्ज लगेगा?" कैप्शन के साथ ट्वीट किए गए वीडियो के 1 मिनट 10 सेकेंड से उन दृश्यों को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में मौजूद है.
जांच के दौरान हमने वीडियो में दी गई जानकारी से संबंधित रिपोर्ट भी खोजी तो हमें डीडी न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण मौजूद था. 10 जनवरी 2018 की इस रिपोर्ट में वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार के हवाले से लिखा गया था कि 20 जनवरी से मुफ्त बैंकिंग सेवाओं को बंद करने का भारत सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं हैं. रिपोर्ट में वित्तीय सेवा सचिव ने इसे अफ़वाह क़रार देते हुए लोगों से इसपर ध्यान नहीं देने की अपील की थी.
रिपोर्ट में यह भी लिखा गया था कि "मीडिया के कुछ वर्गों में ऐसी खबरें आई हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सभी मुफ्त सेवाएं 20 जनवरी 2018 से बंद हो जाएंगी. इंडियन बैंक एसोसिएशन ने भी इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि फ़िलहाल बैंकों की ऐसी कोई योजना नहीं है. सर्कुलर में यह भी लिखा गया है बैंक लगातार वाणिज्यिक और दूसरे लागतों की जांच कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर शुल्कों में लगातार संशोधन करेंगे".
हमें जांच में तत्कालीन वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार के ट्विटर अकाउंट से 10 जनवरी 2018 को ट्वीट किया गया वह सर्कुलर भी मिला, जिसमें इंडियन बैंक एसोसिएशन ने मीडिया में चल रही ख़बरों पर स्पष्टीकरण दिया था.