योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में लोगों को पैसे बांटते हुए एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ वायरल हो रहा है. इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मतदाताओं को नकदी के रूप में रिश्वत दे रहे हैं.
इस वीडियो को उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है, जहां गुरुवार को पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ जबकि दूसरे चरण का मतदान 14 फ़रवरी को होना है.
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44 सेकंड के लंबे वीडियो में दिखाया गया है कि योगी आदित्यनाथ एक कुर्सी पर बैठे हैं, जबकि एक सहयोगी नकद वितरित करता है और लोगों को एक-एक करके पैसे बांटते देखा जा सकता है.
वायरल वीडियो ट्विटर और फ़ेसबुक पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने एक वीडियो को कीफ्रेम में तोड़कर उसपर रिवर्स इमेज सर्च चलाया. इस दौरान हमें इंटरनेट पर उपलब्ध इसी तरह की तस्वीर मिली. हालांकि, जब हमने लिंक खोला, तो यह एक अलग वीडियो निकला.
फिर हमने विनय कुमार गौतम के पेज (लिंक से) की जाँच की, जिन्होंने योगी आदित्यनाथ के कई वीडियो को क्यूरेट किया था, और हमें वही वीडियो मिला. विनय कुमार गौतम के पेज पर वीडियो अपलोड किया गया था जब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद थे.
वीडियो में एक व्यक्ति को सूची में उल्लिखित लोगों के नाम पुकारते हुए और उन्हें पैसे देते हुए दिखाया गया है. वीडियो में एक बिंदु पर, जो व्यक्ति नाम पुकार रहा था, उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'फागुलाल, क्या यह तुम्हारे भाई का नाम है? क्या तुम लोगों ने दो जगहों पर बोया था?' लाभार्थी प्रश्न का उत्तर देता है, "हमने एक ही चीज़ को दो स्थानों पर बोया था." योगी आदित्यनाथ तब कहते हैं, "यह उनके भाई का होना चाहिए. उन्हें बुलाओ." बातचीत को सुनकर लगता है कि फसल के नुकसान के मुआवजे के तौर पर पैसे बांटे जा रहे थे.
द क्विंट के एक पुराने फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट में इसी वीडियो को ख़ारिज किया गया था जब यह लोकसभा चुनाव 2019 से पहले वायरल हुआ था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वीडियो अप्रैल 2012 का है, जब योगी आदित्यनाथ, उस समय गोरखपुर के एक सांसद, को मुआवजा दे रहे थे.आग की चपेट में आने से क्षेत्र के कई किसानों की फसल जल गई थी.
द क्विंट ने विनय कुमार गौतम से संपर्क किया था.
"अप्रैल 2012 में, गोरखपुर में कई खेत जल गए थे. तब उस सीट के सांसद, योगी आदित्यनाथ उन किसानों के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए आगे आए थे, जिनकी फसल जल गई थी. उन्होंने प्रति परिवार लगभग 1,000 - 2,000 रुपये वितरित किए" गौतम ने द क्विंट को बताया.
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