
मणिपुर में लगे राष्ट्रपति शासन से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं बीच सड़क पर लेटकर सेना के काफिले को रोकने की कोशिश कर रही हैं.
बूम ने फैक्ट चेक किया तो पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 30 अप्रैल 2024 का है. तब मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के कुम्बी इलाके में 'मीरा-पैबिस' समूह की महिलाओं ने सेना द्वारा जब्त किए गए हथियार वापस लेने के लिए उनका रास्ता रोक दिया था.
'मीरा-पैबिस' मैतेई समुदाय की महिलाओं का एक समूह है.
गौरतलब है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद वहां 13 फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन जारी है. राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी मणिपुर से लगातार हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं.
इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर यह पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल हो रहा है. करीब डेढ़ मिनट के इस वीडियो में महिलाएं सेना की गाड़ियों को रोकने के लिए उसके आगे सड़क पर लेटती नजर आ रही हैं, जबकि सेना का काफिला उन्हें खदेड़ता हुआ आगे बढ़ रहा है.
फेसबुक पर इस वीडियो शेयर करते एक यूजर ने लिखा, 'राष्ट्रपति शासन के बाद बदला-बदला सा मणिपुर! वे दिन चले गए जब...ऐसी रणनीतियां काम की होती थीं, अब भारतीय सेना को पता है कि ऐसे दुष्ट तत्वों से कैसे निपटना है.'

पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट-चेक: वायरल घटना पुरानी है
मणिपुर में महिलाओं द्वारा सेना के काफिले को रोकने से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें 1 मई 2024 की Nagaland Post की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल मौजूद थे.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि 30 अप्रैल 2024 को बिष्णुपुर जिले में महिलाओं ने इंडियन आर्मी का रास्ता रोक दिया. असल में 29 अप्रैल की रात में 2 महार (महार रेजिमेंट की एक यूनिट) के जवानों ने बिष्णुपुर जिले के कुम्बी थाने के अंतर्गत आने वाले थंगालवाई क्षेत्र में दो एसयूवी गाड़ियों को रोका जिनमें 11 हथियारबंद मौजूद थे. सेना ने उनके हथियार जब्त कर लिए.
अगले दिन जब्त हथियारों को वापस करने की मांग को लेकर महिलाओं ने पुलिस स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया.
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें Mathrubhumi.com की 30 अप्रैल 2024 की एक रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक, सेना के जवानों को देखकर दोनों रोके गए वाहनों में सवार लोग अपने हथियार छोड़कर भाग खड़े हुए. इसके बाद मीरा पैबिस समूह की महिलाओं ने सेना से जब्त किए गए उन हथियारों को वापस करने की मांग की.
इसी मांग को लेकर सैकड़ों महिलाओं ने सड़क जाम कर सेना के काफिले को क्षेत्र से बाहर जाने से रोक दिया. जवानों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग का सहारा लिया.
हम वीडियो में मेंशन वाटरमार्क ISTV NEWS की मदद से मूल वीडियो तक भी पहुंचे. ISTV LIVE के यूट्यूब चैनल पर 30 अप्रैल 2024 को अपलोड किए गए मूल वीडियो में 6 मिनट 30 सेकंड से लेकर 8 मिनट के बीच वायरल हिस्सा देखा जा सकता है.
इसके अलावा उस समय एनडीटीवी, एबीपी न्यूज, आजतक और बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी इस घटना से संबंधित खबरें चलाई थीं. इससे स्पष्ट है कि 2024 के घटना के वीडियो को हालिया संदर्भों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.