सोशल मीडिया पर दो पत्थरों को दिखाते हुए एक तस्वीर वायरल हो रही है जो रस्सी के साथ एकदूसरे से बंधे हुए हैं. दावा किया जा रहा है कि पत्थर को 1400 साल पहले पैगंबर मोहम्मद ने बांधे थे जो आज तक वैसे ही बंधे हुए हैं.
बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है. यह तस्वीर मिस्र (Egypt) की राजधानी काहिरा (Cairo) इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 2008 में एक कलाकार द्वारा बनाई गई एक मूर्तिकला है.
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फ़ेसबुक पर इस तस्वीर को बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है. वायरल तस्वीर पर लिखा है, "ये पत्थर हजरत मोहम्मद मुस्तफा ने 1400 सौ साल पहले बांधे थे आज भी वैसे ही खड़े हैं अगर दिल इजाजत दे तो सुभानअल्लाह कहकर शेयर करें."
पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें
फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ वायरल तस्वीर बड़ी तादाद में शेयर की गई है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर काहिरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मशहूर कलाकार शाबान मोहम्मद अब्बास ने 2008 में बनाई थी.
सर्च के दौरान पिंटरेस्ट पर हमें यह तस्वीर मिली, जिसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है, "शाबान मोहम्मद अब्बास की सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकला काहिरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रखी गई."
क्रिस्टल क्रॉनिकल वेबसाइट के अनुसार शाबान अब्बास दुनियाभर में अपनी इसी मूर्तिकला जिसे 'तैरता हुआ पत्थर' कहा जाता है, के लिए मशहूर हैं.
हमें फ़ोटोस्टॉक वेबसाइट अलामी पर मूर्तिकला की तस्वीर दूसरे एंगल से मिली. डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि यह मूर्तिकला शाबान अब्बास ने 2008 में बनाई थी और यह काहिरा एयरपोर्ट के टर्मिनल- 3 पर स्थित है. इसके अलावा हमें यह तस्वीर टॉकिंग ब्यूटीफुल स्टफ़ वेबसाइट पर भी मिली.
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