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      फैक्ट चेक

      फ़ैक्ट चेक: क्या कैप्सूल में लोहे की कील भरकर बेच रहे हैं मुसलमान?

      दावा किया जा रहा है कि यह हिंदुओं को मारने के लिए भारत में मुसलमानों द्वारा एक नई रणनीति है.

      By - Anmol Alphonso |
      Published -  3 March 2021 1:21 PM
    • फ़ैक्ट चेक: क्या कैप्सूल में लोहे की कील भरकर बेच रहे हैं मुसलमान?

      सोशल मीडिया पर दो क्लिप को मिलाकर एक वीडियो काफ़ी वायरल है जिसमें मेडिकल कैप्सूल में लोहे की कीलें भरी हुई हैं. वायरल वीडियो सांप्रदायिक कोण के साथ शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह हिंदुओं को मारने के लिए भारत में मुसलमानों द्वारा एक नई रणनीति है.

      बूम ने पाया कि दोनों वीडियो क्लिप दो अलग-अलग जगहों से हैं. पहली क्लिप पाकिस्तान के कराची स्थित एक दवा निर्माता कंपनी की है जबकि दूसरी क्लिप बोस्निया और हर्जेगोविना में स्थित एक कंपनी की है.

      वायरल वीडियो के पहले हिस्से में एक व्यक्ति को कैप्सूल का पैकेज खोलते हुए देखा जा सकता है. हर कैप्सूल को खोलने पर उसके अंदर से लोहे की छोटी कीलें निकलती हैं, जबकि दूसरी क्लिप में लोहे की कीलों के साथ खोले गए कैप्सूल का दूसरा हिस्सा दिखाया गया है.

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      करीब 30 सेकंड की इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए एक यूज़र ने दावा किया कि "जिहादियों का नया ,गंदा और खतरनाक कारनामाl ब्रांडेड कंपनियों की दवाओ कैप्सूल आदि में सफाई से लोहे की कीलें और खतरनाक गंदे आइटम छुपा कर हिंदुओं को सस्ते में बेचना, जिससे अधिक से अधिक हिंदू मारे जाएं"

      पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

      एक अन्य यूज़र ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि "निर्दोष लोगों को मारने के लिए एक जिहादियों का नया दृष्टिकोण! कैप्सूल में कील! भारत सरकार को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है! आयातकों को गिरफ़्तार करने की आवश्यकता है! बांग्लादेशी ब्रांड!"

      A Jihadi new approach to kill innocent ppl! Nails in capsules!
      GOI needs to take this seriously!The importers need to be arrested!Bangladeshi brand!@AmitShah Sir @HMOIndia @drharshvardhan @SureshChavhanke @sudhirchaudhary @myogiadityanath @Arnab_RBharat @nshuklain @MeghUpdates pic.twitter.com/dSMXHQeF28

      — AkhandAryavart 😃🙏🏻 (@AryavratiHindu) March 1, 2021

      पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

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      फ़ेसबुक पर वायरल

      वायरल वीडियो फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ बड़ी संख्या में शेयर की जा रही है.

      डेट्रॉइट में पिज़्ज़ा पर थूकते व्यक्ति का वीडियो सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल

      फ़ैक्ट चेक

      वायरल क्लिप में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि दो वीडियो कैप्सूल की पैकेजिंग के साथ अलग-अलग जगहों से हैं. वीडियो में पैकेजिंग खोलते हुए दिखने वाले हाथ भी अलग-अलग लोगों के हैं. एक वीडियो में पैकेज पर कैप्सूल का नाम उर्दू भाषा में है और दूसरी वीडियो क्लिप में व्यक्ति को कैप्सूल खोलते हुए रूसी भाषा में बोलते हुए सुना जा सकता है.

      इससे हिंट लेते हुए हमने उर्दू और अंग्रेज़ी कीवर्ड के साथ एक सर्च किया और यूट्यूब पर एक लंबी और स्पष्ट क्लिप मिली, जिसे 21 फ़रवरी, 2021 को अपलोड किया गया था. जिसका कैप्शन "कैप्सूल के अंदर कील डाल कर जनता को दवाइयां खिलाई जा रही हैं."

      इस क्लिप में, हम पैकेज पर नाम देख सकते हैं- इसारोल. इसके अलावा, पैकेजिंग पर ज़ूम करने पर, 'सिटी फार्मास्युटिकल लैबोरेट्रीज़' को कराची के निर्माता के पते से देखा जा सकता है. इसके अलावा दवा के पैकेज पर उर्दू भाषा की छपाई है. इससे पता चलता है कि यह पैकेजिंग भारत से नहीं है जैसा कि दावा किया जा रहा है.

      हमने तब इसारोल के बारे में खोज की और पाया कि यह इसकेफ़ फार्मास्यूटिकल्स, बांग्लादेश स्थित दवा निर्माता कंपनी के स्वामित्व वाली दवा है. वायरल वीडियो में नज़र आ रहे कैप्सूल में कहीं भी इसकेफ़ का ज़िक्र नहीं है. बूम ने इसकेफ़ कंपनी से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने बताया कि, "हम भारत या पाकिस्तान में कोई उत्पाद नहीं बेचते हैं. कोई भी भारतीय एजेंट हमारे साथ गठबंधन में नहीं है और हम भारत या पाकिस्तान को निर्यात नहीं करते हैं."

      कंपनी की वेबसाइट पर इसारोल टैबलेट के पैकेज को देखने पर, हमने पाया कि वायरल वीडियो में नज़र आने वाली पैकेजिंग एकदूसरे से अलग है.

      दूसरी वीडियो क्लिप के लिए, हमने 'नेल्स इन टैबलेट्स' के साथ एक कीवर्ड सर्च किया तो हमें एक लंबी वीडियो मिली, जिसमें उसी कैप्सूल का पैकेज नज़र आया, जिसपर रूसी भाषा में 'ЭНТЕРОФУРИЛ 200 мг капсулы Нифуркмазил BOSKALLJEN' लिखा है.

      गूगल अनुवाद का उपयोग करते हुए हमने पाया कि इसमें लिखा है, "'एन्टोफुरिल 200 मिलीग्राम कैप्सूल निफर्कमाज़िल बॉसकलजेन." हमने पाया कि कंपनी बोस्निया और हर्जेगोविना में स्थित है.

      हालांकि, बूम क्लिप में दिखाई जाने वाली घटना को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने में असमर्थ था, हालांकि, हम यह स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि क्लिप भारत से नहीं हैं जैसा कि दावा किया गया था.

      कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय के नाम से वायरल इस वीडियो का सच क्या है

      Tags

      Hindu-MuslimFake NewsFact CheckViral VideoViral Tweets
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      Claim :   हिन्दुओं को मारने के लिए मुसलमान दवाओं में लोहे की कीलें भरकर सस्ते में बेच रहे हैं
      Claimed By :  Social Media Users
      Fact Check :  False
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