सोशल मीडिया दो वीडियो एक झूठे दावे के साथ खूब वायरल हो रहे हैं, एक वीडियो जिसमें एक व्यक्ति अल्लाह-हू-अकबर के नारे के साथ वीडियो ब्लॉगिंग करते हुए मिसाइल हमलों को दिखा रहा है. वहीं एक अन्य वीडियो में एक युवक अस्पताल के बिस्तर पर अपने शरीर पर ट्यूब लगाए हुए दिख रहा है.
दोनों वीडियो को एक साथ इस दावे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है कि दोनों में एक ही फ़िलिस्तीनी व्यक्ति है, जो घायल होने का झूठा नाटक कर रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा झूठा है. वीडियो में दिख रहे दोनों व्यक्ति अलग-अलग हैं. अस्पताल में दिखाई दे रहा व्यक्ति 16 वर्षीय मोहम्मद ज़ेंडिक है, जिसने 24 जुलाई, 2023 को वेस्ट बैंक के नूर शम्स शरणार्थी शिविर में इसरायली हमले के दौरान अपना पैर खो दिया था. वहीं इसरायली हवाई हमलों के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति ब्लॉगर सालेह अलजाफरावी हैं, जो ग़ज़ा में चल रहे संघर्ष को वीडियो फॉर्मट में दर्ज कर रहे हैं.
ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद उग्रवादी समूह हमास के हमलों में लगभग 1,400 से ज्यादा इसराइली लोगों की मौत हुई है. वहीं ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया गया है कि इसराइली सैन्य हमलों में ग़ाज़ा पट्टी में अब तक 10,328 से अधिक फ़िलिस्तीनी लोगों की मौत हो गई है. इसी संदर्भ से जोड़ते हुए ये दावा वायरल है.
इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पूर्व सोशल मीडिया सलाहकार Hananya Naftali ने वीडियो को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "फ़िलिस्तीनी ब्लॉगर "इसराइली बमबारी" से एक ही दिन में ही "चमत्कारिक रूप से" ठीक हो गया. कल वह "अस्पताल में भर्ती" था, आज वह चल रहा है और ऐसे चल रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं. मैं नेटफ्लिक्स नहीं देखता क्योंकि पालीवुड प्रचार ही वास्तविक कॉमेडी है."
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इसराइल के आधिकारिक X अकांउट ने भी इसी दावे के साथ कि दोनों एक ही व्यक्ति हैं, अस्पताल के वीडियो को शेयर किया है. हालांकि पोस्ट को अब हटा दिया गया है.
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फ़ेसबुक पर भी कई यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर किया है.
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा झूठा है. वीडियो में दिख रहे दोनों व्यक्ति अलग-अलग हैं. अस्पताल में दिखाई दे रहा व्यक्ति 16 वर्षीय मोहम्मद ज़ेंडिक है, जिसने 24 जुलाई, 2023 को वेस्ट बैंक के नूर शम्स शरणार्थी शिविर में इसरायली हमले के दौरान अपना पैर खो दिया था. वहीं इसरायली हवाई हमलों के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति ब्लॉगर सालेह अलजाफरावी हैं, जो ग़ज़ा में चल रहे संघर्ष को वीडियो फॉर्मट में दर्ज कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल कई पोस्टों में हवाई हमलों के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान फ़िलिस्तीनी ब्लॉगर अलजाफ़रवी के रूप में की गई थी. जिससे संकेत लेते हुए सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो का एक मूल वीडियो मिला, जिसे अलजाफ़रवी ने 26 अक्टूबर 2023 को अपने इंस्टाग्राम अकांउट पर पोस्ट किया था.
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इसरायली हवाई हमलों के बारे में जानकारी देने वाले यह ब्लॉगर सालेह अलजाफरावी ग़ज़ा में चल रहे संघर्ष को वीडियो फॉर्मट में दर्ज कर रहे हैं. जमीन पर हवाई हमले की त्रासदी को दिखाते हुए0 उनके कई अन्य वीडियो भी X पर वायरल हो गए हैं, जो उनके इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट किए गए हैं.
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इसके अलावा अस्पताल के वीडियो वाले हिस्से के कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें इसका मूल वीडियो मिला. जिसे लगभग दो महीने पहले टिक-टॉक पर @hamodahmdan1 अकांउट द्वारा पोस्ट किया गया था. यह 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल और हमास के बीच शुरू हुए संघर्ष से पहले का था.
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हम hamodahmdan के टिक-टॉक अकांउट पर पोस्ट किए गए अन्य वीडियो देख सकते हैं. पिछले महीने अपलोड किए गए एक वीडियो में उसे अपने कटे हुए पैर को हिलाते हुए देखा जा सकता है.
वायरल अस्पताल वाला यह वीडियो 18 अगस्त 2023 को "#Nour_Shams_Camp_” हैशटेग के साथ पोस्ट किया गया था.
हमें वायरल अस्पताल वाले वीडियो में दिख रहे लड़के पर एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि वह लड़का मोहम्मद ज़ेंडिक है और उसकी उम्र 16 साल है. रिपोर्ट में बताया गया कि 24 जुलाई 2023 को वेस्ट बैंक के नूर शम्स शरणार्थी शिविर में इजरायली हमले के दौरान ज़ेंडिक ने अपना पैर खो दिया था.
इस शिविर की खोज करने पर हमने पाया कि यह वेस्ट बैंक के कब्जे वाले हिस्से में स्थित है. जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है, यह व्यक्ति ग़जा से नहीं है और न ही वो फ़िलिस्तीनी ब्लॉगर है.
हमें 25 अगस्त 2023 की इंटरनेशनल सॉलिडैरिटी मूवमेंट की न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली, जिसमें उस दौरान घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए ज़ेंडिक की तस्वीर है.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि इसरायली हमले के वक्त वह सड़क पर खड़े थे, तभी उन्हें अचानक विस्फोट महसूस हुआ. इसके बाद ज़ेंडिक को एक इसराइली अस्पताल ले जाया गया जहां उनका दाहिना पैर घुटने के ठीक ऊपर से काट दिया गया. 21 अगस्त 2023 को अस्तपताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई.