फैक्ट चेक

हाथरस का वीडियो बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या बताकर वायरल

बूम ने पाया कि वीडियो 2 जुलाई 2024 का है, जब हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में लगभग 123 लोगों की मौत हो गई थी.

By - Jagriti Trisha | 16 Aug 2024 6:04 PM IST

Fact Check on Rape and Murder of Hindus in Bangladesh

सोशल मीडिया पर किसी अस्पताल के परिसर में पड़ी लाशों का एक वीडियो बांग्लादेश में हिंदुओं की रेप के बाद हत्या के सांप्रदायिक दावे से वायरल है. बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. वीडियो जुलाई 2024 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ के बाद का है

दरअसल 2 जुलाई 2024 को हाथरस स्थित सिकंदरा राव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें लगभग 123 लोगों की मौत हो गई थी.

गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं सामने आईं. वहां रह रहे अल्पसंख्यक भी इस हिंसा की चपेट में आए हैं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, उनकी दुकानों और मंदिरों पर भी हमला किया गया है.

शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद फिलहाल बांग्लादेश में नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है. उन्होंने 16 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बातचीत कर हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा का आश्वासन दिया है.

लगभग एक मिनट के इस वायरल वीडियो में किसी हॉस्पिटल ग्राउंड में लाशें बिछी हुई हैं. साथ ही कुछ घायलों को स्ट्रेचर पर भी देखा जा सकता है और आस-पास इनके परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं. 

फेसबुक पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'बांग्लादेश में मुसलमानों द्वारा क्रूर बलात्कार के बाद हिंदुओं की हत्या.. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार व मानवता की ढोल पिटने वाले देश उनकी रक्षा क्यों नहीं कर रहे.. यूएनएचआरसी कहां छिपा है..? ये भारत में बहुत जल्दी आ जाते हैं. क्या वे मुसलमानों से डरते हैं..? या वे स्वयं मुखिया हैं.'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

यह वीडियो वेरीफाई करने के रिक्वेस्ट के साथ हमें बूम के टिपलाइन नंबर- 7700906588 पर भी प्राप्त हुआ.


फैक्ट चेक 

वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि उसमें दिख रहे पुलिसकर्मी की वर्दी खाकी रंग की थी, जो भारतीय पुलिस से मेल खाती है. साथ ही वीडियो में बातचीत कर रह लोग भारतीय भाषा में बोलते सुनाई दे रहे थे. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वायरल दावा गलत है.



वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें मिलते-जुलते विजुअल्स वाले ऐसे कई पोस्ट और यूट्यूब वीडियो मिले, जिसमें इसे हाथरस के सिकंदरा राव हादसे का बताया गया था. यहां, यहां और यहां देखें.



यहां से लीड लेकर हमने संबंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया. इसके जरिए हमें कई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें सामान विजुअल्स का इस्तेमाल किया गया था.

2 जुलाई 2024 की इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग में मची भगदड़ में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 116 लोगों की मौत हो गई. यह आयोजन स्वयंभू संत नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा किया गया था.

रिपोर्ट में आगे बताया गया, सत्संग में अनुमानित संख्या से ज्यादा भीड़ के कारण भगदड़ मची. दम घुटने की वजह से श्रद्धालुओं की मौत हो गई . घटना के बाद उन्हें जिले के सिकंदरा राव ट्रॉमा सेंटर और एटा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. 



2 जुलाई 2024 की डेक्कन क्रोनिकलएबीपी न्यूजदैनिक भास्कर और लोकमत हिंदी की रिपोर्ट में भी मिलते-जुलते विजुअल्स के साथ संबंधित खबर देखी जा सकती है. इससे स्पष्ट है कि हाथरस सत्संग हादसे में हुई मौत के वीडियो को गलत तरीके से बांग्लादेश में चल रही हिंसा से जोड़ा जा रहा है. इसमें कहीं कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

नीचे हमने वायरल वीडियो के विजुअल्स की तुलना मीडिया रिपोर्ट्स के विजुअल्स से की है.




हाथरस हादसा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई 2024 को साकार नारायण हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में करीब 123 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. सत्संग स्थल पर क्षमता से अधिक लोगों के मौजूद होने की वजह से यह हादसा हुआ.

नवभारत टाइम्स के मुताबिक इस मामले में बीते दिनों 11 आरोपियों की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. इस घटना पर तब राहुल गांधी, सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी थी.

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