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फ़ैक्ट चेक

नहीं, पुलिस की गिरफ़्त में बैठी यह लड़की यूक्रेन से लौटी वैशाली यादव नहीं है

बूम ने पाया कि तस्वीर में वैशाली यादव नहीं बल्कि राजस्थान के नागौर की कमला चौधरी है.

By - Mohammad Salman | 6 March 2022 11:31 AM GMT

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में पुलिसकर्मियों की गिरफ़्त में सामने बैठी एक युवती की एक तस्वीर ग़लत दावे के साथ शेयर की जा रही है. इस वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये हरदोई के समाजवादी पार्टी के नेता की बेटी वैशाली यादव है, जिसे यूपी पुलिस ने गिरफ़्तार किया है.

वैशाली यादव बीते दिनों में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक अपील वीडियो के बाद चर्चा में रही हैं, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने अपने पिता के कहने पर वीडियो बनाया और यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है.

यूक्रेन में फंसी सपा नेता के बेटी के वायरल वीडियो का सच क्या है?

बूम ने वैशाली के पिता से बात की और पाया कि वह यूक्रेन में फंसी हुई थी और 3 मार्च को सुरक्षित घर लौट आई थी. उन्होंने वायरल दावों को ख़ारिज कर दिया. हमने यूपी पुलिस से भी बात की जिन्होंने इन दावों का खंडन किया. हमने पाया कि वायरल तस्वीर असंबंधित है और यह वैशाली यादव को नहीं दिखाती है.

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "यूपी पुलिस सबसे तेज।।।। यूपी पुलिस द्वारा यूक्रेन से रेस्क्यू की गयी ग्राम प्रधान की बेटी यूक्रेन में मेडिकल छात्रा बताकर सरकार पर आरोप लगाकर वीडियो बनाने वाली लड़की वैशाली यादव पुत्री महेंद्र यादव, हरदोई को जब पुलिस ने पकड़ा तो पता चला कि वीडियो पिता के कहने पर सरकार को बदनाम करने के लिये बनाया वैशाली के पिता समाजवादी पार्टी के नेता है."


पोस्ट यहां देखें.

एक अन्य यूज़र ने इसी तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, "भारत की छवि दुनियां में बदनाम हो मोदी जी को दुनिया में बदनाम किया जा सके ,,,,, खैर यूपी पुलिस सबसे तेज।।।। यूपी पुलिस द्वारा यूक्रेन से रेस्क्यू की गयी फर्जी वीडियो बनाने वाली यूपी हरदोई के ग्राम प्रधान की बेटी वैशाली यादव."


पोस्ट यहां देखें.

इस तस्वीर को ऐसे ही दावे के साथ कई यूज़र्स ने शेयर किया है.


PM मोदी के भाषण का छोटा अंश काटकर गलत संदर्भ के साथ वायरल

 फ़ैक्ट चेक 

बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा और पाया कि वायरल तस्वीर में वैशाली यादव नहीं बल्कि राजस्थान के नागौर की कमला चौधरी है.

3 मार्च 2022 को प्रकाशित अमर उजाला की रिपोर्ट में बतौर कवर इमेज यही तस्वीर इस्तेमाल की गई है.


रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान के नागौर की कमला चौधरी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ आर्म्स और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. वो ख़ुद को लेडी डॉन बताती हैं. कमला ने एसपी को ड्रग्स लेने से रोकने का चैलेंज दिया था. उसने बंदूक से फायर कर इसका विडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया था.

4 मार्च 2022 की न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, कमला चौधरी ने एक वीडियो के जरिए एसपी को चैलेंज किया था कि वह ड्रग्स लेती है. अगर रोक सके तो रोक लो. कमला बुधवार रात शहर की सड़कों पर घूम रही थी. फिर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इसके बाद उस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ़्तार किया.


हमें अपनी जांच के दौरान नागौर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर की गई वही तस्वीर मिली.

बूम ने हरदोई के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया. एसपी ऑफिस पीआरओ ने बूम को बताया कि वैशाली यादव की गिरफ़्तारी का दावा फ़र्ज़ी हैं.

"जब उससे आखिरी बार संपर्क किया गया था, तब वह यूक्रेन में थी. उसकी गिरफ़्तारी के दावे फ़र्ज़ी हैं," पीआरओ ने बूम को बताया.

हमें हरदोई के एसपी राजेश द्विवेदी का वायरल दावे को ख़ारिज करते दिखाता एक बयान भी मिला.

Full View

इसके बाद बूम ने वैशाली यादव के पिता महेंद्र यादव से संपर्क किया जिन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वैशाली 3 मार्च को सुरक्षित भारत लौट आई और कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई जैसा कि वायरल पोस्ट दावा कर रहे हैं. यादव ने यह भी पुष्टि की कि वैशाली तेरा पुरसैली गांव की प्रधान है.

क्या रूस ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को घरों और गाड़ियों पर तिरंगा लगाने को कहा?

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