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फ़ैक्ट चेक

पुलिस अधिकारी का पुराना वीडियो कानपुर हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है.

By -  Runjay Kumar |

13 Jun 2022 1:13 PM GMT

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर किए गए कथित आपतिजनक टिप्पणी के बाद बीते 3 जून को कानपुर में मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हिंसा भड़क गई थी. कानपुर में हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने कथित आरोपियों के घरों और अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया, साथ ही पुलिस ने हिंसा में शामिल रहे कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया.

कानपुर में भड़की हिंसा को करीब 10 दिन होने के बाद भी इस घटना से जोड़कर कई संदिग्ध वीडियो और फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है जिसमें एक पुलिस अधिकारी फ़ोन पर बात करते हुए कह रहे हैं 'सर इन्होंने मुझे भी थप्पड़ मारा है. ये लोग बम भी लेकर आए थे. बीजेपी वाले, विधायक और जिलाध्यक्ष'.

योगी आदित्यनाथ का 7 साल पुराना वीडियो नूपुर शर्मा मुद्दे से जोड़कर वायरल

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कानपुर में हुई घटना से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

आलिम शेख़ नाम के यूज़र ने इस वीडियो को अपने फ़ेसबुक अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है 'कानपुर में पुलिसकर्मी खुद अपने अधिकारियों को बता रहे हैं कि बीजेपी वाले बम भी लेकर आये थे लेकिन उसके बाद भी गिरफ्तारी केवल मुस्लिम की हुई कोई भी बीजेपी कार्यकर्ता गिरफ्तार नहीं हुआ! सत्ता इसी का नाम है देख लीजिए'.


वहीं एजाज़ अहमद नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ वायरल वीडियो को अपने अकाउंट से शेयर किया है.

वायरल पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल हो रहे वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो में पुलिस अधिकारी द्वारा बोले गए शब्द की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें पिछले साल ज़ारी की गई कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिली, जिसमें यही बयान मौजूद था. साथ ही न्यूज़ रिपोर्ट में लगी फ़ोटो भी वायरल वीडियो वाली थी.

एनडीटीवी हिंदी की वेबसाइट पर लगी न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल यूपी में हुए पंचायत चुनाव के दौरान इटावा के तत्कालीन एसपी सिटी प्रशांत कुमार का एक वीडियो काफ़ी वायरल हुआ था जिसमें वो अपने मोबाइल के माध्यम से सीनियर अधिकारियों को मतदान केंद्र पर हुई हिंसा के दौरान की स्थिति की जानकारी दे रहे थे.


वहीं अमर उजाला की वेबसाइट पर 11 जुलाई 2021 को जारी रिपोर्ट में भी पुलिस अधिकारी द्वारा वायरल वीडियो में बोले जा रहे शब्दों का ज़िक्र था. रिपोर्ट के अनुसार इटावा के बढ़पुरा ब्लाक में क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव के दौरान भाजपा और सपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी. झड़प की सूचना मिलते ही मतदान केंद्र के बाहर जमा लोग अंदर जाने की कोशिश करने लगे. उस दौरान पुलिस ने लोगों को रोकने की कोशिश की. इसके बाद ही तत्कालीन एसपी ने मोबाइल पर वरीय अधिकारियों को उन्हें थप्पड़ मारे जाने की जानकारी दी थी.

जांच के दौरान एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली, जिसमें वायरल वीडियो भी मौजूद था. इस वीडियो को 10 जुलाई 2021 को अपलोड किया गया था.

पिछले हफ़्ते वायरल रहीं पांच फ़र्ज़ी ख़बरों का फ़ैक्ट चेक

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